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प्रणब दा को बेशक “देर” से ही सही मगर अंगूर की खटास “दुरुस्त”समझ आ ही गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये कांग्रेसियों ने हसाडे प्रेजिडेंट प्रणब मुख़र्जी के विरुद्ध क्या भ्रांतियां फैला रखी हैं? अब प्रणब दा ने खुद ही अपनी किताब में इनकी पोल खोल के रख दी है |ओये उन्होंने साफ कर दिया है के उन्होंने मुल्क का पीएम बनने की कभी चाह नहीं रखी |ओये ये तो कांग्रेसी चमचों ने ही राजीव गांधी के दिमाग में ग़लतफ़हमी भर दी थी|

झल्ला

शुक्र है बेशक देर से ही सही मगर प्रणब दा को अंगूर की खटास दुरुस्त समझ आ ही गई