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विलासराव पञ्च तत्व में विलीन

मराठा छत्रप क्राउड पुलर नेता विलासराव देश मुख के नश्वर शरीर को आज विधिवत पञ्च तत्व में विलीन कर दिया गया |महार्श्त्रा में उनके पैत्रक गावं लातूर में उनके बड़े बेटे और लातूर के एम् एल ऐ अमित देश मुख ने मुखाग्नि देकर पितृऋण से मुख्ति पाई|
इस दिवंगत नेताकी शव यात्रा में लाखो की संख्या में लोग पहुंचे जिस कारन पोलिस को व्यवस्था बनाने के लिए लाठियां भी फटकारनी पड़ी|
यूं पी ऐ अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी+प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह +अजित पवार आदि बड़ी संख्या में राजनीति और फिल्म जगत से लोगों ने वहां आकर श्रधांजलि अर्पित की |विलास राव के छोटे पुत्र रितिश फिल्मो से जुड़े हैं|

भारत के ६६वे स्वतन्त्रता दिवस पर पाकिस्तान ने ५५ मछुआरे छोड़े

भारत के ६६वे स्वतंत्रता दिवस पर आज तोहफे के रूप में पाकिस्तान ने ५५ बंदी मछुआरों को लांडी जेल से आज़ाद किया |इनमे से अधिकाँश गुजरात से हैं |अभी भी वहां लगभग १०० कैदी हैं जबकि पाकिस्तान के इतने ही कैदी भारत की जेल में है|
गुजरात सरकार ने अभी हाल ही में मछुआरों को पाकिस्तान में कैद के दौरान १५०/=प्रति दिन भत्ता देने की घोषणा भी की गई है|

न्यायिक स्वतन्त्रता के सिद्धांत का पालन सरकार करे =प्रधान न्यायधीश एच एस कपाडिया

कल भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम सन्देश में संवेधानिक संस्थाओं का सम्मान किये जाने को राष्ट्रीय हित में बताया था और आज एक संवैधानिक संस्था न्यायपालिका के न्यायाधीश ने दूसरी संस्था विधायकी को न्यायिक सिद्धांत कि अवधारणा से नज़र नहीं हटाने के लिए
टिपण्णी कर दी है|
भारत के प्रधान न्यायधीश एच एस कपाडिया ने लोकतंत्र के एक मजबूत संस्था न्यायपालिका की स्वतंत्रता से छेड़ छाड़ न किये जाने के लिए सरकार को आगाह किया |उन्होंने न्यायपालिका के अपने दायरे से बाहर जाने की बात तो स्वाकरी मगर उसके साथ ही न्यायपालिका की स्वतंत्रता की बहाली के लिए आवाज़ भी उठाई |
श्री कपाडिया ने उच्चतम न्यायालय में स्वाधीनता दिवस समारोह में न्यायिक मानक एवं जवाब देही विधेयक की तरफ इशारा करते हुए कहा की सरकार न्यायधीशों की जवाब देही तय करने के लिए क़ानून तो बना सकती हैलेकिन उसे न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों के साथ छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए |
गौर तलब है कि इस विधेयक को अभी राज्य सभा में पारित किया जाना है इसमें एक धारा पर चलती अदालत में न्यायाधीश को अवांछित टिपण्णी करने से रोकने का प्रावधान है|जसी पर न्यायाधीशों को एतराज़ है|
दरअसल इन दोनों संस्थाओं में पिछले कुछ समय से शीत युद्ध जैसी स्थिति देखी जा रही है कमोबेश येही समस्या पड़ोसी मुल्क को भी परेशान किये हुए हैं |चूंकि श्री प्रणव ने संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान में कोई कम्प्रोमाईज नहीं किये जाने की बात कह दी है सो अब न्यायपालिका ने अपनी स्वतन्त्रता के लिए आवाज़ उठा दी है|

फरार चल रहे गोपाल कांडा के अब नेपाल भाग जाने की अटकलें

भारत के लोकतांत्रिक ढाँचे में एक राज्य के गृह राज्य मंत्री और एक एयर लाईन्स के मालिक न्यायिक प्रक्रिया से भाग गए हैं|अब मीडिया में उनके विदेश भाग जाने की अटकलें लगाई जा रही है|
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के सुसाईड नोट में हरियाणा के गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा को भी जिम्मेदार ठहराया गया था|तभी से गोपाल कांडा फरार चल रहे हैं| यहाँ तक की लुक आउट भी ईशू किया गया है| हरियाणा के चीफ मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह ने गोपाल का इस्तीफा स्वीकार करके इतिश्री कर ली है|सिविल एविएशन ने [एम् डी एल आर के विषय में जांच की ]तो अभी तक इस दिशा में कोई फाईल ही नहीं खोली है|अग्रिम जमानत के लिए दी गई अर्जी निचली अदालत में खारिज हो चुकी है| ह्हाई कोर्ट में निर्णय सुरक्षित रखा गया है| गोपाल कांडा के वकील यह दलील देते फिर रहे थे कि उनके मुवक्किल फरार नहें है अगर दिल्ली पोलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करे तो वह सरेंडर करने को तैयार हैं|हाई प्रोफाईल केस होने से पहले तो गिरफ्तारी से बचते रहे हैं |अब चहुँतरफा दबाब के कारण दिल्ली पोलिस ने हाथ पावँ मारने शुरू किये तो बताया जा रहा है कि गोपाल कांडा देश छोड़ कर नेपाल या दुबई भाग गए हैं|
२३ वर्षीय गीतिका का शव उनके निवास अशोक विहार में पंखे से लटका मिला था |सुसाईड नोट में एम् डी एल आर की अधिकारी अरुणा चड्डा और मालिक गोपाल कांडा द्वारा गीतिका को आत्म हत्या के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया गया था|

राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान से आत्म बल में वृधि होती है|

आज़ादी के ६५ साल पूरे होने की ख़ुशी में आज ध्वजारोहण किया जा रहा है |ला किले पर अगर प्रधान मंत्री और हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव राष्ट्रीय तिरंगा पहरा रहे हैं तो गली मोहल्लों में भी झंडा फहराने वालों की कमी नहीं है|
१३ वर्षीय अनमोल आनंद ने मेरठ के कंकर खेडा के गोविन्दपुरी स्थित अपने घर की छत पर ही गर्व से राष्ट्रीय तिरंगा फहराया है|
दीवान पब्लिक स्कूल में आठवीं का यह छात्र अनमोल पिछले चार सालों से लगातार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का गौरव हासिल कर रहा है|
देश ही नहीं विदेशों में भी राष्ट्रीय तिरंगा भारतीय मूल के लोगों में आत्म विश्वास जगाता रहता है|तभी १३ अगस्त में अमेरिका के अल्बर्किकी में [विस्कोंसिन गुरुद्वारे में मारे गए छह लोगों के सम्मान में] आयोजित विशेष अरदास के समय तिरंगा भी लगाया गया था \अत यह कहा जा सकता है की राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान से आत्म बल में वृधि होती है|

अमेरिकी सिखों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया

बेशक भारत में सिख समुदाय अमेरिका के राष्ट्रीय ध्वज को जला रहे हो या संसद में गालियां दी जा रहे हों मगर अमेरिका के सिख वहां के राष्ट्रपति को धन्यवाद ही दे रहे हैं|कल भी एक ज्ञापन सौंप कर अमेरिकी ध्वज को आधा झुकाने के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया है|
गौरतलब है की ५ अगस्त के रविवार में वेड माईकल पेज नामक एक श्वेत नस्लवाद से पीड़ित आतंकवादी ने ओक क्रीक विस्कोंसिन गुरुद्वारे में अंधाधुंध फायरिंग करके पांच पुरुष और एक महिला की हत्या कर दी थी कई घायल हो गए थे एक पोलिस अधिकारी भी घायल हो गया था |तभी से गुरद्वारों में विशेष अरदास और केंडल मार्च आयोजित किया जा रहे है|
इसके शोक में अमेरिका के ध्वज आधे झुका दिए गए थे| घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं |और बराक ओबामा ने इस जघन्य हत्याकांड को अमेरिका की सार्वभौमिकता पर अटैक बताया था |
सिखों के नेता गुरचरण सिंह ने वाशिंगटन मेट्रोपोलिटन गुरुद्वारा फेडरेशन और अमरीकन सीखो की तरफ से व्हाईट हाउस में ज्ञापन सौंपा और सिखीके मुख्य उपदेश मानस की जात सभै एक ही पहचानिबो के प्रति अपनी प्रतिबद्दता को दोहराया |
गुरु नानक की अध्यात्मिक गद्दी के वारिस दशम पादशाही गुरु गोबिंद सिंह के सिखों के लिए पांच ककार[कंघा+ केश+कृपाण+ कडा+कच्छा]धारण करना जरुरी है और केशों के लिए सर पर पगड़ी भी रखी जाती है मगर अमेरिका में सिखों के प्रति गलत फहमी + केश और पगड़ी के कारण उन्हें भी आतंक वादी समझ लिया जाता है और नसलवाद का शिकार बना दिया जाता है| इसीलिए अब अमेरिका में सिख और उनके धर्म के प्रति जागरूकता जरुरी है इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए न्युयोर्क पोलिस डिपार्टमेंट में सिखों को पगड़ी धारण की आज्ञा दिए जाने की भी मांग की जारही है|

बिना बुलाये पत्रकार आये तो बंद करा दिए जायेंगे =शिव पाल यादव

प्रदेश के पी डब्लू डी मंत्री शिव पाल यादव आज कल मीडिया से बौखलाए से फिर रहे हैं तभी उन्होंने पार्टी के गढ़ समझे जाने वाले सैफई में पत्रकारों को बंद करा देने की धमकी तक दे डाली
श्री यादव सैफई में जन समस्यायों को सुन रहे थे तभी आदतन पत्रकारों का जमावड़ा वहां होने लगा |इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया वाले बाईट्स के लिए दबाब बनाने लगे |एक आध माईक मंत्री जी के मुह के कुछ करीब आ गयाइस पर भड़क कर श्री यादव ने सूचना अधिकारी को आवाज़ दी जोकि अनसुनी हो गई इस पर भड़क कर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बिना बुलाये अगर दोबारा आ गए तो बंद करा दूंगा |गौरतलब है कि मंत्री जी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अंकल हैं और पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई भी हैं|
दरअसल पिछले दिनों अपने विवादस्पद बयानों को लेकर शिव पाल यादव मिडिया के निशाने पर रहे हैं अब चूंकि दूध का जला छाज भी फूंक फूंक कर पीता है सो सैफई में सेफ रहने के लिए श्री यादव ने मिडिया को अनसेफ करने कि धमकी दे डाली

पतनाला तो वहीं गिरेगा जहां उसे गिरना है|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

अन्ना +बाबा समर्थक

ओये झल्लेया ये केंद्र की सरकार को क्या हो गया है ?
पहले १४ अगस्त को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम सन्देश में यह स्वीकार किया है कि जन आंदोलनो से अराजकता फैलती है इसीलिए लोक तांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हमले उचित नहीं हैं | संसद की मर्यादा की सर्वोच्चता को बनाये रखा जाना चाहिए| आज १५ अगस्त के भाषण में प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने भी लाल किले की प्राचीर से [१] महंगाई के लिए मौसम पर +[२]लोक पाल बिल पास नहीं करने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के सर पर ही ठीकरा फोड़ दिया है|[३] गरीबी दूर करने के लिए ऍफ़ डी आई का रौना ही रोया है|हर घर को बिजली देन का वायदा करते समय बिजली के आगमन का स्रोत का सीक्रेट खोला
तक नहीं |बस हर हाथ को काम हर पेट को रोटी हर खेत को पानी जैसे पुराने कांग्रेसी नारे ही दिए हैं | एक बार भी संसद की मर्यादा बढाने के लिए जन आन्दोलनकारियों +विपक्ष को सहयोग का आह्वाहन तक नहीं किया हैं |इतनी गालियाँ खा कर भी ये लोग बेमजा नहीं हो रहे |लोक तंत्र को लगी बीमारियाँ तो एक एक करके सारी गिनवा रहे हैं मगर ना तो उन बीमारियों से बचाव के लिए खुद ही कोई परहेज कर रहे हैं और न कोई दवा दारू ही कर रहे हैं | ऐसे चलता है लोक तंत्र कभी ???
झल्ला
बुजुर्गो दरअसल बात ये है की हसाड़े सोणे ते मन मोहने पी एम् ने लाल किले से नौवीं बार तिरंगा फहरा कर जवाहर लाल नेहरू+इंदिरा गांधी के बाद तीसरे नंबर पर नाम लिखा लिया है|इसी लिए अब तो यही कहना है कि ले माये साम कुंजियाँ हम तो चले परदेश |अभी भी नहीं समझे ओ बुजुर्गो आप जी कि सारी गल्लां ठीक है सर मत्थे हैं मगर पतनाला तो वहीं गिरेगा जहां उसे गिरना है|

सोचे-समझे बिना कभी किसी को पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए .

अंतर दाव लगी रहै, धुआं ना प्रगटै सोई
कै जिय आपन जानहिं, कै जिहि बीती होइ
अर्थ : रहीम दास जी कहते है मन में अग्नि धधकती रहती है, परन्तु उसका धुंआ
बाहर प्रकट नहीं होता. जिस व्यक्ति के मन पर जो घटित हो रहा होता है ,
उसका अंतर ही उसको जान सकता है, अन्य कोई नहीं .
भाव : इस दोहे का भाव यही है कि प्रत्येक व्यक्ति का अपने जीवन में अपना
ही दुःख- सुख होता है. किसी की क्या पीड़ा है , वह तब तक नहीं जानी
जा सकती , जब तक वह स्वयं अपने मुख से न कहे .
इसलिए बिना सोचे-समझे कभी किसी को पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए .
जीवन में न जाने कितने-कितने लोगों के साथ हमारा मिलना-जुलना
होता है और उनके मन की बात को जाने बिना ही हम या तो उन्हें
सलाह देने लगते हैं या उनके किसी कार्य अथवा बात को देख-सुनकर
उस पर टिप्पणी करने लगते है या उसकी आलोचना करने लगते हैं .
यह प्रवृति सरासर गलत है .

दुःख होता है हम राष्ट्रीय दिवसों को छुट्टी का दिन मानते है बस !

अब हर कोई अपना कार्यक्रम समय से पहले ही करना चाहता है , लोग १५ अगस्त भी पहले ही मन रहे है. ये कौन सी देश भक्ति है या फिर देश भक्ति का प्रमाण पत्र पाने का तरीका कही ट्रेन ना छुट जाये. आजकल ऐसे स्लोगन भे फसबूक पर आ रहे है की अगर आप सच्चे देश भक्त है तो ये काम करे ,वो काम करे , अरे भाई आपकी ना मने तो क्या हम भारत के नागरिक नहीं ,रास्ट्र भक्त नहीं , ये प्रमाण पत्र देने वाले ये कहा से आ गये . मुझे बड़ा अफ़सोस हुआ एक मित्र ने कहा क्या आप दिल्ली फलाने के आन्दोलन में नहीं गये ! तो इसका मतलब आप देश भक्त नहीं आप आजादी नहीं चाहते . मै घर लोटते समय सोच रहा था .क्या मै वाकई देश भक्त नहीं जो अपने कर्त्तव्य को छोड़ कर दिल्ली में उस आन्दोलन में नहीं गया जहा पर वही राजनीती शुरू हो चुकी जिससे मै पहले ही दुखी था . ये सब एक दुसरे पर आरोप लगाना छोड़ कर क्यों नहीं देश की छोटी जरुरतो को पूरा कर सरकार को आइना दिखाना शुरू कर दे क्यों नहीं हर आदमी को सिखाये की हर वो व्यक्ति देश भक्त है जो देश की संपत्ति ( ये बहुत विश्तृत शब्द है ) को बनाये रखने में योगदान दे ना की बात बात पर आन्दोलन कर उसे छति पहुचाये .फ्रांसे में मेने देखा की इन्कोमे टैक्स भरने वाला अपने आप पर गर्व करता है यह टैक्स चोरी करने वाला .एसा माहोल बनाया जाये की जो देश की संपत्ति को नुकसान पहुचाये उसे हे द्रस्ती से देखा जाये पर नहीं एसा करने वाले को हम यह पब्लिक फिगर बना देते है .यही मीडिया आन्ना टीम को पिछले आन्दोलन में बहुत अच्छा लगता था . इस बार नहीं ?
ये स्वतंत्रता दिवस शायद हम इसलिए मानते की याद रहे हमें इस देश की संप्रभुता को बचाए रखना है पर दुःख होता है हम इसे छुट्टी का दिन मानते है बस !
दीपक शर्मा