Ad

अंजामखान नेता मुलायमसिंह यादव को बर्थडे गिफ्ट में ताजमहल देना चाहते हैं क्या ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे जनाब आजम खान साहब जैसा कोई न्याय प्रिय नहीं हैउन्होंने सुझाव दिया है कि आगरा के ताजमहल स्मारक में शाहजहाँ और मुमताज महल की भी कब्र हैं |यह एक मुक़द्दस मकबरा है|और उससे होने वाली पूरी आय उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड को सौंपी जानी चाहिए ताकि उसे पिछड़े मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए उपयोग किया जा सके |ओये इस मांग को सुन्नी मुस्लिम धार्मिक गुरुओं का समर्थन भी मिलना शुरू हो गया है |अब तो समझो ताज हुआ हसाड़ा |

झल्ला

अंजामखान नेता मुलायमसिंह यादव को बर्थडे गिफ्ट में ताजमहल देना चाहते हैं क्या ?ओ मेरे चतुर हुए पहलवान जी असली बात बताओ अपने नेता जी माननीय मुलायम सिंह यादव के यौमे पैदाइश पर देने के लिए नायाब तोहफा चाहिए |अब रामपुर में जन्म दिन का जश्न हो +लन्दन से मंगाई गई विंटेज विक्टोरिया बग्गी पर बर्थ डे बॉय विराजमान हो+७५ किलो का केक कटे |ऐसे में बर्थ डे गिफ्ट को साइकिल पर थोड़े लाया जाना चाहिए|धरतीपुत्र नेताजी के लिए वाह ताज+वाहजनाब ताज
वैसे झल्लेविचारनुसार इतिहास पर नजर डालें तो शाहजहाँ के दादा ने १५८२ ऐ डी में अपना नया धर्म दीने इलाही शुरू किया था |
जिसमे हिन्दू+मुस्लिम+जैन+ईसाई+ज़ॉरोअस्ट्रियनिस्म को भी शामिल किया था जिसके अनुयायियों में शहजादा सलीम भी थे इसीलिए इस शाहकार को एक मजहब के दायरे में बांधना अकलमंदी नहीं होगी .