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“आप” के स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस के सहारे पार्टी का सियासी वजूद+विधायक बच पाएंगे?

“आप” के स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस के सहारे पार्टी का सियासी वजूद+विधायक बच पाएंगे?
“आप” को सियासी वजूद बचाने और अपने विधायकों को बांधे रखने के लिए स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस का ही सहारा रह गया है|अभी तक किसी ठोस उपलब्धि के अभाव में ये दोनों बैसाखियाँ क्या”आप” पार्टी की सियासत को जिन्दा रख पाएंगी इस पर संदेह गहराता जा रहा है |
आम आदमी पार्टी [आप]अपने सियासी वजूद के लिए स्टिंग +प्रेस कांफ्रेंस रूपी दो बैसाखियों पर चल रही है|इनके सहारे क्या “आप ” दिल्ली की सत्ता तक दोबारा पहुँचने तक अपने विधायकों को एक जुट रख पाएगी यह यक्ष प्रश्न आज सब तरफ उत्तर तलाश रहा है|
भाजपा को रोकने के नाम पर आये दिन “आप” के न्रेतत्व द्वारा कांग्रेस+भाजपा[कथित ईमानदार]+जे डी [यूं] +निर्दलीय विधायकों से बातचीत का हवाला दिया जा रहा है|इसके पीछे अपने विधायकों को यह सन्देश देना भी एक उद्देश्य हो सकता है कि दिल्ली में जल्द उनकी ही सरकार बनने वाली हैऔर अगर सरकार नही बनी तो चुनाव निश्चित हैं|
प्रेस कांफ्रेंस और स्टिंग के सहारे आये दिन भाजपा पर हमलावर हो रही “आप” पार्टी ने खोजी वेबसाइट “तहलका” की तर्ज पर दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर को बंगारू लक्ष्मण बनाने का प्रयास किया|इस स्टिंग में भाजपा नेता के घर जाकर “आप” के विधायक को सौदे बाजी करते हुए दिखाया गया है|जिसे भाजपा ने तत्काल नकार दिया|उसी स्टिंग की सी डी को बतौर एविडेंस सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया|लेकिन न्यायालय द्वारा स्टिंग सी डी को स्वीकार नहीं किया गया |उसके पश्चात आनन फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई और पांच दिन पुराने पत्र को लेकर एल जी पर भाजपा के लिए बैटिंग करने का आरोप लगा दिया गया |
जिस एल जी नजीब जंग ने अरविन्द केजरीवाल को सी एम की शपथ दिलाई थी उसी एल जी को आश्चर्यजनक रूप से गालियां दी जाने लगी फिर उसी एल जी के पास आज[ बुधवार] सुबह सी डी लेकर पहुँच गए और विधान सभा भंग करने के लिए अनुरोध कर दिया| संसद में पहुंचे पंजाब से चार सांसद भी कुछ खास उपलब्धि दर्ज नहीं करा पाये हैं |
दिल्ली के बाहर मरीना बीच पर भी आज मौन विरोध प्रदर्शन किया गया| यहाँ भी कुछ खास भीड़ जुटाने में सफलता नहीं मिली
आप-तमिलनाडु शाखा के लगभग 30 सदस्य ही मरीना समुद्र तट पर अपने मुंह पर पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दिए| उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करने आये “आप” के कुछ टोपी धारक केवल मीडिया के कैमरों तक ही सिमित होकर रह गए |
दरअसल दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाने से रोकने की कोशिश में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद “आप” पार्टी के लिए मुसीबत और बढ़ गई है।
अपना सियासी वजूद बचाने के साथ उसे अपने विधायकों को भी टूटने से बचाए रखना जरूरी हो गया है क्योंकि एल जी अगर भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्योता देते हैं और बहुमत सिद्ध करने के लिए गुप्त मतदान होता है तो निश्चित माना जा रहा है कि “आप” के विधायक भाजपा के पक्ष में बढ़ी संख्या में टूटेंगे| इसीलिए “आप” पार्टी आये दिन स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया में ब्यान देकर लगातार भाजपा पर दबाब बनाने और चर्चा में रहने को मजबूर है|सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के पी एम नरेंद्र मोदी दिल्ली में जोड़ तोड़ करके सरकार नहीं बनाना चाहते लेकिन अगर उनकी पार्टी को न्योता मिलता है और गुप्त मतदान होता ही तो निश्चित रूप से भाजपा की सरकार बन जाएगी|इसीलिए अंतिम विकल्प के रूप में अरविन्द केजरीवाल सदन में बहुमत के लिए गुप्त मतदान को भी चुनौती देने के लिए संविधान की दुहाई दे सकते हैं