Ad

मोदीभापे !उपेक्षित हूँ ,साल दर साल बढ़ते बोझ से व्याकुल हूँ

#दिलकेफफोले
#विभाजनपश्चातविभीषिकास्मृतियां
#मोदीभापे !
भृष्टाचारियों से उत्पीड़ित ,उम्मीदों की गठरी लादे हूँ
उपेक्षित हूँ ,साल दर साल बढ़ते बोझ से व्याकुल हूँ
#रिहैबिलिटेशन/#कम्पेनसेशन क्लेम की लूट