एन डी ऐ के लिए दिल्ली के तख्त की दूरी कुछ कम होनी शुरू हो गई है इसके एक भरोसे मंद घटक शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी चुनाव में एतिहासिक जीत करके यूं पी ऐ के गढ़ ने चुनौती दे दी है| पिछले 6 साल से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी पर काबिज सरना गुट का सफाया हो गया है । बादल गुट इस जीत को ऐतिहासिक मान रहे हैं, वहीं परमजीत सिंह सरना चुनाव में धन, बल और बोगस वोटों का आरोप लगा रहे हैं। उनका आरोप है कि ये चुनाव किसी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं बल्कि पंजाब सरकार वर्सेज दिल्ली हो गया था। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के दिल्ली अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके का कहना है कि यह चुनाव भ्रष्टाचार के खिलाफ था, जिसमें लोगों ने उनका साथ दिया।
गौरतलब है कि कमिटी के चुनाव में कुल 46 वॉर्ड हैं। इनमें से[ ४५] वॉर्ड के लिए चुनाव हुआ था। गांधी नगर की एक सीट पर निर्विरोध उम्मीदवार चुना गया। कुल [४६ ]सीटों में से[ ३७] सीटें शिरोमणि अकाली दल बादल को मिलीं, सरना गुट को केवल[ ८] ही सीटें मिल पाईं। [१] सीट केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा के उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने जीती। सबसे कड़ा मुकाबला पंजाबी बाग सीट पर था। यहां शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और शिरोमणि अकाली दल (बादल) की ओर से मनजिंदर सिंह सिरसा मैदान में थे। इस सीट पर सिरसा ने सरना को रिकॉर्ड [४४५४] वोटों से हराया। सिरसा को [९००६] वोट मिले।
राजौरी गार्डन पर सरना गुट के हरपाल सिंह कोचर ने अपने प्रतिद्वंद्वी शिरोमणि अकाली दल बादल के हरमनजीत सिंह पर [२९] वोटों से जीत दर्ज की। कोचर को [१७७४] वोट मिले। इस सीट पर वोटों की जीत का मार्जिन सबसे कम था। खास बात यह रही कि इस सीट पर सबसे देर में चुनाव नतीजे आए। यहां मतगणना दुबारा हुई। बादल गुट के लिए यह सीट बेहद अहम मानी जा रही थी जो सरना गुट के उम्मीदवार कोचर ने छीनी।|
माना जा रहा है कि शराब किंग पोंटी चड्डा की ह्त्या के बाद से ही उनके नजदीकी सरना गुट के साम्राज्य के पतन की कहानी शुरू हो गई थी |जिसका अब पटाक्षेप हो गया है|
Jim Parsons and Rihanna perfect!!