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पीएम मोदी ने एएमयू में राष्ट्रवाद की जड़ों को सकारात्मक विचारों से सींचा

(अलीगढ़,यूपी) पीएम मोदी ने एएमयू में राष्ट्रवाद की जड़ों को सकारात्मक विचारों से सींचा
पीएम नरेन्द्रमोदी ने कहा कि विकास को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, राजनीति इंतजार कर सकती है विकास नहीं ।पीएम ने स्वतंत्रतासेनानियों पर शोध करने का भी आह्वाहन किया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्‍दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही गंवाया जा चुका है, अब सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
उन्होंने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार इस आंदोलन को विपक्षी दलों की साजिश करार देती रही है।
उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत वक्त पहले ही जाया हो चुका है, अब वक्त नहीं गंवाना है तथा सभी को मिलकर, एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है
मालूम हो कि यह पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में किसी प्रधानमंत्री ने एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत की है। 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
शास्त्री से पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 1948 में एएमयू का दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने 1955, 1960 और 1963 में यहां का दौरा किया।
सर सैयद अहमद खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएंटल (एमएओ) स्कूल की स्थापना की थी। 1920 में उसी स्कूल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का रूप लिया। इसका कैंपस उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 467.6 हेक्टेयर में फैला हुआ है। कैंपस से इतर केरल के मल्लपुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद-जांगीपुर और बिहार के किशनगंज में भी इसके केंद्र हैं।