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पी एम् ने आर बी आई पर पुस्तक का विमोचन किया और आर्थिक नीति निर्माण, में नए सिरे से सोचने की जरूरत पर बल दिया

 भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने वृहत आर्थिक नीति निर्माण, लक्ष्य और इन्स्ट्रमेंट्स में नए सिरे से सोचने की जरूरत पर बल दिया |
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास स्वतंत्रता के समय से ही हमारे देश की वृद्धि का इतिहास है। रिजर्व बैंक ने देश के लिए गौरवमयी भूमिका निभाई है। इसने मौद्रिक नीति तैयार करने, क्रेडिट नीति तैयार करने और यदि मुझे सही याद है तो खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट की आपूर्ति को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रिजर्व बैंक ने महान विशेषता के साथ हमारे देश की सेवा की है। लेकिन मुझे लगता है कि बेहतरीन कार्य तो अभी होना है।
डॉ. सुब्बाराव [पूर्व] नीति-निर्माण में विविध पहलुओं को स्पर्श किया है तथा मैं यह कहने का साहस करता हूं कि डॉ. रघुरमन राजन[वर्तमान गवर्नर ] हमारे देश के समक्ष बेहद मुश्किल हालात में नई कार्रवाई करने के लिए अपने पूर्ववर्ती के अनुभव का लाभ उठाएंगे। हम यथास्थिति से कदापि संतुष्ट नहीं हो सकते। जब मैं गवर्नर बना था तो मुझे मौद्रिक नीति के बारे ज्यादा ज्ञान नहीं था और इसलिए मैंने स्वर्गीय प्रोफेसर चक्रवर्ती को मौद्रिक नीति के कामकाज, लक्ष्यों और माध्यमों एवं उपायों की देखरेख के लिए समिति का नेतृत्व करने को कहा तथा वह रिपोर्ट कुछ समय के लिए बहुत प्रभावशाली रही। और अब मुझे लगता है कि यह सोचने का समय आ गया है जब हमें उन कुछ क्षेत्रों पर फिर से विचार करना चाहिए – वैश्विक अर्थव्यवस्था में, वित्तीय रूप से दबाव की अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति की संभावनाओं और सीमाओं पर। मैं सोचता हूं कि यह एक विषय है। लेकिन वृहत आर्थिक नीति निर्माण, लक्ष्य और इन्स्ट्रमेंट्स अन्य क्षेत्र हैं जहां नए सिरे से सोचने की जरूरत है तथा मुझे आशा है कि भविष्य के गवर्नर खासतौर से डॉ. रघुराम राजन इन कुछ मुश्किल क्षेत्रों का पुनरावलोकन करेंगे।
मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं, तथा यदि हमें देश में व्यापक स्तर पर सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव लाने हैं तो कम से कम कुछ प्रोफेशनलों एवं राष्ट्रीय सर्वसम्मति की जरूरत है क्योंकि भारत बहुत जटिल है।
पी एम् ने डॉ. सुब्बाराव को पूरे समर्पण के साथ रिजर्व बैंक और देश की सेवा करने के लिए धन्यवाद दिया और उनके स्थान पर नए गवर्नर डॉ. रघुराम राजन का यह कहते हुए स्वागत किया कि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त बहुत विशिष्ट अर्थशास्त्री हैं। मुझे आशा है कि भारतीय रिजर्व बैंक उनके कार्यकाल में और भी शानदार उपलब्धि हासिल करेगा।
फोटो कैप्शन
[१] आर बी आई के इतिहास पर चौथे खंड[ Volume IV ] का नई दिल्ली में १७ अगस्त को विमोचन करते हुए प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह
[२] डॉ मन मोहन सिंह के साथ डॉ डी सुब्बाराव+बिमल जलान