झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक कांग्रेसी
ये क्या भसूडी डाली जा रही है ये सारी पार्टियों वाले हमारे खिलाफ रैलियां करते नहीं थक रहे हमारे विरुद्ध एक के बाद एक नए आरोप लगाये जा रहे हैं|हसाड़ी जन कल्याण कारी नीतियों की बखिया उधेड़ी जा रही है |अब हमने इस सबका जवाब देने के लिए आज रविवार को दिल्ली में रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन क्या कर लिया लाखों समर्थक क्या जुट गए अब ये चैनल वाले ट्रैफिक ही दिखाए जा रहे हैं| नौ सौ रैलियाँ करने वाली बीजेपी ने राजधानी में ही ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा कर दी है|लेकिन हमने भी ठान लिया है कि कोई किलसे या कोई रूठे इस रैली में विपक्षी पार्टियों और विरोधियों को करारा जवाब जरूर देंगें| जब जनता हमारे साथ है तब हम ऐसे ही जन कल्याणकारी नीतियाँ बनाते ही रहेंगे|
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी सबसे पहले तो यही आश्चर्यजनक है कि सरकार को ही रैली निकालनी पड़ रही है| इसमें लाखों समर्थकों को इकट्ठा करना पड़ रहा है|इस से पहले ट्रैफिक को सुचारू कर लेते तो अच्छा होता|वैसे आप जी ने टाईमिंग बहुत अच्छी चुनी है|हिमाचल प्रदेश के आज हो रहे चुनावों में रैली की सफलता की खबर को जंगल की आग की तरह अगर फैला दिया तो एक बड़ा तबका आपकी पार्टी की तरफ मोहित हो सकता है|इसके अलावा रैली में ऍफ़ डी आई का समर्थन करके, अमेरिका के होने वाले चुनावों में, डेमोक्रेट्स का भी हौंसला बढाने के पूरे इंतज़ाम हैं|
इस सब के बावजूद एक झल्ली भविष्य वाणी है कि ये जो आपने रसोई गैस एल पी जी का खटराग मचाया हुआ है उसकी बदबू २०१४ तक कायम रहेगी |