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मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों को अपनी साइकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखे

.समाज वादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली राजनीतिक पार्टियों को अपनी साईकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखाई दिए| मुलायम सिंह यादव ने भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह के बाद बोलना शुरू ही किया तो विघ्न पड़ने शुरू हो गए|सबसे पहले जनरल सेक्रेटरी बोलने खड़े हो गए|उसके बाद चेयर पर्सन बदल गए|जैसे तैसे मुलायम सिंह यादव ने ट्रांसलेट करने वाले स्पीकर[हेड फ़ोन ] उतार कर बोलना शुरू कर दिया| यदपि उन्होंने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना की मगर इसके साथ ही बड़ी सफाई से उन्होंने दोनों को सहला भी दिया|
एक तरफ उन्होंने गृह मंत्रालय पर टिपण्णी करके अपनी पीड़ा को उजागर किया तो इसके साथ ही प्रधान मंत्री की टीम के अर्थ शास्त्र की उन्मुक्त सराहना भी कर दी|दूसरी तरफ भाजपा को मुस्लिम विरोधी बताया तो इसके तुरंत बाद भाजपा की देश भक्ति+अनुशासन और भाषा की जम कर तारीफ़ करने लगे|
गौरतलब है के अभी तक मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के साथ आने के सवालों को एक सिरे से खारिज करते रहे हैं और पार्टी का विरोध करते आ रहे हैं| आज इस मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रति इनका रुख कुछ हद तक नरम दिखाई दिया है|उन्होंने यहाँ तक कह दिया के बीजेपी अगर कश्मीर और मुस्लिम सम्बन्धी अपनी नीति बदल ले तो सपा से बीजेपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी|मुलायम ने कहा कि देशभक्ति, सीमा सुरक्षा और भाषा के मामले में उनकी पार्टी और भाजपा की एक नीति है.|

.समाज वादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों रूपी नावों में सवार होने के इच्छुक दिखाई दिए

.समाज वादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों रूपी नावों में सवार होने के इच्छुक दिखाई दिए


मुलायम सिंह ने अपनी बातों पर एक बार फिर जोर देते हुए कहा, ‘मैं फिर कह रहा हूं और इस सदन में कह रहा हूं कि बीजेपी अपनी नीति बदल रही.है|
राजनाथ सिंह ने मौके को लपकते हुए इसके जवाब में कहा कि हमारे और आपके बीच दूरी कहां है?अगली बार आप निश्चित तौर पर हमारे साथ होंगे.इससे पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने समाज वाद की प्रशंसा भी की थी|.
अगर मुलायम सिंह यादव के इस बयान पर गौर किया जाए तो आने वाले समय के राजनीतिक समीकरण का अनुमान लगाया जा सकता है सपा सुप्रीमो ने यह मान लिया है के कांग्रेस के बाद प्रदेश में अपनीसरकार और सी बी आई के डंडे से सवयम को बचाने के लिए एक सशक्त समर्थक बेहद जरुरी है|इसके अलावा प्रधान मंत्री की कुर्सी पर भी नज़र है ऐसे में भाजपा का विरोध कुछ हद तक कम किया ही जा सकता है|