राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संविधान के अनुच्छेद- 222 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए इलाहाबाद +मणिपुर+दिल्ली+गुवाहाटी के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के पद भर में निम्न परिवर्तन किये गए हैं | यह कार्यवाही भारत के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद की गई है|
[अ] [1]इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का मणिपुर उच्च न्यायालय में स्थानान्तरण
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री लक्ष्मीकान्त महापात्रा का स्थानान्तरण मणिपुर उच्च न्यायायल के न्यायाधीश के तौर पर कर दियागया है। न्यायाधीश श्री लक्ष्मीकान्त महापात्रा को 24 अक्टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[2]मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का गुवाहाटी उच्च न्यायालय में स्थानान्तरण
मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अभय मनोहर सप्रे का स्थानान्तरण गुवाहाटी उच्च न्यायायल के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कर दिया है। न्यायाधीश श्री अभय मनोहर सप्रे को 24 अक्टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[३][]गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का ओडिशा उच्च न्यायालय में स्थानान्तरण
संविधान के अनुच्छेद- 222 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री आदर्श कुमार गोयल का स्थानान्तरण ओडिशा उच्च न्यायायल के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश श्री आदर्श कुमार गोयल को 24 अक्टूबर, 2013 को अथवा उससे पूर्व ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालने के भी निर्देश दिये गए हैं।
[४]गुवाहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त
संविधान के अनुच्छेद- 217 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीश श्री प्रसान्त कुमार सेकिया की नियुक्ति उसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर की है। उनकी नियुक्ति पदभार संभालने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी।
[आ]उपरोक्त के अतिरिक्त
[]दिल्ली उच्च न्यायालय के चार अपर-न्यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ाया गया
दिल्ली उच्च न्यायालय के चार अपर-न्यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद- 224 की धारा (1) के अनुसार प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने अग्रलिखित अपर-न्यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ा दिया है:
[]. दिल्ली उच्च न्यायालय की अपर न्यायाधीश सुश्री मुक्ता गुप्ता का कार्यकाल 23 अक्टूबर, 2013 से 2 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया।
[]. दिल्ली उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीश श्री आर.वी. ईश्वर का कार्यकाल 17 अक्टूबर, 2013 से 28 अप्रैल, 2014 तक बढ़ाया गया।
[ ]. दिल्ली उच्च न्यायालय की अपर न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा रानी और श्री सत पाल गर्ग का कार्यकाल 17 अक्टूबर, 2013 से 2 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया।