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सुप्रीमकोर्ट जी!निरन्तर महंगी हो रही न्याय व्यवस्था को मुफ्त कराने को भी प्रयास जरूरी

झल्लीगल्लां
चिन्तितनागरिक
Judiciaryओए झल्लेया!ये क्या हो रहा है? ओए मुल्क में नोटों के बंडल लेकर घूम रहे कोरोना मरीजों को पर्याप्त उपचार नही मिल रहा प्राइवेट अस्पतालों में 250 ₹ में भी टीका नही लग रहा और माननीय सुप्रीम कोर्ट फ्री में सभी को टीके लगवाने का फरमान जारी कर रही है।
झल्ला
झल्लाभापा जी!बेशक जान बचाने को सभी विकल्प खुले रहने चाहिए लेकिन कहा गया है कि “चैरिटी बिगिन्स एट होम” सो माननीय सर्वोच्च न्यायालय जी को स्वत संज्ञान में लेकर दिनों दिन महंगी होती जा रही न्याय व्यवस्था को मुफ्त कराने को भी प्रयास करने चाहिएं।