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यूपीए ने अपने स्वयं के भारत रत्न “सचिन” को खेल पर ही संसद में बोलने नहीं दिया

[नयी दिल्ली]यूपीए ने अपने स्वयं के भारत रत्न “सचिन” को खेल पर ही संसद में बोलने नहीं दिया
यूपीए ने अपनी हुकूमत के दौरान जिस भावना से अवार्ड्स बांटे उसका मुजाहिरा आजकल संसद में बखूबी हो रहा है |
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को स्वयम #भारतरत्न देने वाली यूपीए ने सचिन तक को संसद में खेल पर ही बोलने नही दिया
यूपीए राज्यसभा में बहुमत होने के फलस्वरूप सदन को आज भी चलने नहीं दिया |
अपने खुद के ही बनाये भारत रत्न सचिन को 10 मिनट्स तक हाउस में खड़े भी रखा|
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा २ जी घोटाले पर दिए गए निर्णय से उत्साहित यूपीऐ आज कल राज्यसभा में लगातार दबाब बनाने में व्यस्त है जिसके फलस्वरूप राज्य सभा की कार्यवाही रौजाना बाधित हो रही है
वर्तमान गतिरोध पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित टिप्पणी
को लेकर है| कांग्रेस के सदस्य पी एम् से माफ़ी मगवाने पर अड़े है जबकि भाजपा और चेयर के अनुसार पी एम् ने डॉ मनमोहन सिंह पर ब्यान गुजरात चुनावों के दौरान राज्यसभा के बाहर दिया था इसीलिए माफ़ी का सवाल ही पैदा नहीं होता ||कहने को कांग्रेस ने आज गतिरोध समाप्त करने के लिए मध्यमार्ग खोजे जाने की बात कही लेकिन होहल्ला जारी रखा |नतीजतन चेयर में बैठे वेंकैय्या नायडू ने सदन की कार्यवाही २७ दिसंबर तक स्थगित कर दी |
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री की कथित टिप्पणी के मामले में गतिरोध का मुद्दा उठाया। आजाद ने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिये बनी समिति की अब तक सिर्फ एक बैठक ही हुयी है। आज सप्ताह का आखिरी कामकाजी दिन है और फिर अवकाश के मद्देनजर गतिरोध दूर करने के प्रयास भी लंबित ही रहेंगे। इसलिये गतिरोध दूर होने तक सदन की कार्यवाही स्थगित की जाये।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने सदन स्थगित करने की मांग कर रहे कांग्रेस के सदस्यों से बैठक चलने देने का अनुरोध करते हुये कहा कि गतिरोध दूर करने के लिये दोनों पक्षों के बीच वार्ता चल रही है और उन्हें विश्वास है कि कोई न कोई हल निकल आयेगा। गोयल ने कहा ‘‘कांग्रेस के सदस्य सदन की बैठक चलने दें…जनता सब देख रही है।’’ इस पर सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि विपक्ष भी चाहता है कि सदन में चर्चा हो और विधेयक पारित हों, लेकिन गतिरोध दूर होने तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी चाहिये।
नायडू ने अपने स्थान से बैठक को स्थगित करने की मांग कर कांग्रेस सदस्यों से कहा कि कल भी इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण सचिन तेंदुलकर को बोलने नहीं दिया गया, यह सदन की मर्यादा के लिये उचित नहीं है। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से यह स्पष्ट करने को कहा कि उनकी मांग गतिरोध दूर करने की है या सदन को स्थगित करने की।
शोरगुल नहीं थमने पर नायडू ने सदन की कार्यवाही 27 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।
सप्ताहांत के कारण 23-24 दिसंबर को बैठक नहीं होगी जबकि 25 दिसंबर को क्रिसमस के कारण अवकाश रहेगा। 26 दिसंबर को सदन की बैठक नहीं होने का निर्णय पहले ही किया जा चुका था।
उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री की कथित टिप्पणी को लेकर उच्च सदन में गतिरोध बना हुआ है। हालांकि गत मंगलवार को सदन की कार्यवाही सामान्य ढंग से चली तथा चर्चा के बाद दो विधेयकों को पारित किया गया।
कांग्रेस इस मुद्दे पर पहले प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग कर रही थी किन्तु बाद में उसने अपने रूख में कुछ नरमी लाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर सदन में आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि मनमोहन भी उच्च सदन के सदस्य हैं