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“आप” पार्टी का वोटों पर असर तो चुनावों में ही पता चलेगा मगर फ़िलहाल कांग्रेस,भाजपा में हलचल जारी है

आम आदमी पार्टी[आप] का वोटों पर असर तो चुनावों के बाद ही पता चलेगा मगर राजनीतिक पार्टियों में हलचल साफ़ नजर आने लग गई है| दिल्ली की गद्दी पर अब तक कांग्रेस या फिर भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] का कब्जा रहा है| गौरतलब है कि दिल्ली प्रदेश में चार दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा|
इस बार एक तीसरी शक्ति के रूप में “आप” पार्टी का आगमन हुआ है यह पार्टी एक दो या तीन नहीं वरन पूरी ७० विधान सभा की सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतार रही है| “आप” की आमद की आहट से घबरा कर इसके आंदोलनों को तोड़ने के प्रयास किये गए फिर इनके उम्मीदवारों पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता रहा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अब जाकर यह स्वीकार किया है कि अरविंद केजरीवाल के पार्टी के लोगों ने जनता का ध्यान अपनी ओर आकषिर्त किया है लेकिन इसके साथ ही यह संदेह भी जताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में यह वोट में तब्दील हो पाएगा।
पिछले दिनों मीडिया के माध्यम से भी सर्वे रिपोर्ट जारी हुई हैं जिनमे आप पार्टी को ३ या ७ सीटों तक ही सीमित करके इलेक्शन से बाहर करने का भी प्रयास किया गया है| यह तो सर्व विदित है कि सर्वे के मामले में “आप” पार्टी के कार्यकर्त्ता पुराने खिलाडी हैं सो बिना समय गवाएं योगेन्द्र यादव ने अपना सर्वे निकाल कर आप पार्टी को ३३ सीटों के साथ सबसे आगे कर दिया | जाहिर है अब यह पार्टी मैदान में है और मजबूती से है|
इसके अलावा “आप” पार्टी के पोस्टर बैनर्स को लगाने के मुहीम को भी पलीता लगाने का प्रयास चल रहा है जिसके विरुद्ध “आप ” के प्रशांत भूषण अदालत पहुँच चुके हैं |इस नई पार्टी के लिए अभी समस्याएं कम नहीं हुई हैं|इस पार्टी के पास चुनावी फंड में एकत्रित हुए १७ करोड़ रुपयों के स्रोत की जाँच की मांग की जाने लगी है इस जाँच के लिए आप ने अपने आप को प्रस्तुत कर दिया है|
चुनावों में लगातार चौथी जीत के लिए कांग्रेस के अभियान की अगुवाई कर रही श्री मति दीक्षित ने ‘आप’ को एक ‘नये प्रतिभागी’ के तौर पर उल्लेख तो किया लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में ही माना है।
भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] ने भी त्रिकोणीय मुकाबिले में अपने कमजोर और बदनाम प्रदेशाध्यक्ष विजय गोएल के बजाय तीन बार प्रदेशाध्यक्ष रह चुके ई एन टी चिकित्सक डॉ हर्ष वर्धन को आगे कर दिया है | भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में डॉ. हर्षवर्धन को दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया गया है|
एल के अडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता को भी पार्टी के इस फैसले को कल्याणकारी कहने के लिए आगे आना पड़ गया है|