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मोदी सरकार को आपातकाल के लोक तंत्र प्रहरियों को सम्मानित करके अपना आभार प्रगट करना चाहिए

[नई दिल्ली] इमरजेंसी की ३९ वीं वर्षगांठ पर २७ जून १९७५ मेरठ में गिरफ्तारी देने वाले पहले व्यापारी नेता धर्मवीर आनंद ने प्रधान मंत्री को एक पत्र लिख कर इमरजेंसी के विरुद्ध लोक तंत्र की रक्षा के लिए अपना सबकुछ बलिदान करने वालों को लोक रक्षक रत्न से सम्मानित किये जाने का आग्रह किया है|ऐसा करने से एक अच्छा सन्देश जाएगा और युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी|श्री आनंद ने कहा के नरेंद्र मोदी अब प्रधान मंत्री बन गए हैं ऐसे में उन्हें स्वयं लोक तंत्र प्रहरियों को सम्मानित करके उनके त्याग के प्रति आभार प्रगट करना चाहिए|
अखिल भारतीय लोक तंत्र परिषद द्वारा आज दिल्ली कांस्टीटूशनल क्लब में आपातकाल की ३९ वीं वर्षगांठ पर बैठक का भी आयोजन किया गया इसमें बढ़ी संख्या में आये लोक तंत्र प्रहरियों ने अपने संस्मरण सुनाये |इस बैठक में भाग लेने वालों में धर्म वीर आनंद +श्री राम लाल+सुब्रमनियम स्वामी के आलावा सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी थे| इस अवसर पर खुकरायण बिरादरी के धर्मवीर आनंद ने बताया के राजा पोरस के वंशज होने के फलस्वरूप काला कानून लेन वाली श्रीमती इंदिरा गांधी को उन्होंने २७ जून १९७५ को ललकारा था और यही अनुवांशिक गुण आज भी विराजमान है |भाजपा के राष्ट्रीय महा मंत्री ने २७ जून १९७५ को जुल्म का नंगा नाच बताया|वक्ताओं ने इमरजेंसी के विरुद्ध जेलों को भरने वालों की गाथाओं का इतिहास लिखे जाने की मांग भी की|