झल्ले दी झल्लियां गल्लां
ओये झल्लेया देखी हसाडे जनाब आज़म खान साहब की दरियादिली| ओये एक झटके में उन्होंने मेरठ में कट्टर मुस्लिमों के कब्जे में कमेले के नासूर को नेस्तनाबूत करके वहाँ कन्यायों के लिए कॉलेज का शिलान्यास कर ही दिया |ओये हसाडे पवित्र कुरआन का पहला अक्षर है “इकरा” जिसका मतलब होता है “पढ़ो ” कुरआन का पालन करने के लिए लड़कियों को शिक्षित करने में यह कालेज अहम् भूमिका निभाएगाअब मानता है ना हसाडे आजम खान को धर्मनिरपेक्ष?सपाई चीयर लीडर
भापा जी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो लेकिन आँखों देखी है कि मेरठ में आज़म खान साहब को कुछ लोगों ने काले झंडे भी दिखाए लेकिन आप लोगों ने उनपर लाठियां बरसवाई |अब काले झंडो के प्रदर्शन से ज्यादा पोलिसीआई लाठी चार्ज को कवरेज मिला |रास्ते में ट्रैफिक रोक कर घंटों के जाम लगवा दिए | आम जनता को परेशानी हुई | भापा जी धर्म निरपेक्षता के साथ साथ राजनीती निरपेक्षता भी दिखा देते तो हो जाती बल्ले बल्लेझल्ला