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भापेयो !दिल्ली की जनता तो पहले ही आ+भा+कां को गद्दी नकार चुकी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

एक स्वर में आप+कांग्रेसी चीयर लीडर्स

ओये झल्लेया दिल्ली में संविधान का कैसा मजाक उड़ाया जा रहा है? देख तो दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग साहब भी अब दिल्ली में अल्पमत वाली भाजपा की सरकार बनवाने पर तुल गए हैं |ओ यारा तू ही बता ये दिल्ली की जनता ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं दिया ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग से भाजपा को सरकार बनाने देना अपने आप में संविधान का उल्लंघन है कि नहीं?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणों दिल्ली की जनता पहले ही आ+भा+कां को गद्दी नकार चुकी है |
दिल्ली की जनता ने तो “आप” और कांग्रेस को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया था तब आपलोगों ने खिचड़ी सरकार बना कर जनता के दिलों में जख्म दिए फिर सरकार छोड़ करके उन जख्मों पर नमक छिड़का था कि नहीं?
इसीलिए झल्लेविचारानुसार जनता ने तो भाजपा+कांग्रेस+आप के साथ सभी दायें बाएं दलों को दिल्ली में सरकार बनाने के लायक नहीं समझा सभी को नकार दिया है अब आप सभी नकारे गए दोबारा जनता में जाने को खो-खो खेल रहे हो |
भापा जी क्या ये जनता की भावना के खिलाफ नहीं है ?संविधान की भवन का मजाक है कि नहीं?अपने ही असूलों से यूं टर्न लेना है कि नहीं ?