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अरविन्द केजरीवाल की”शपथलीला”में लोग शगुन देना भूले इसीलिए मजबूरन ५००१ का शगुन माँगा

[नई दिल्ली]अरविन्द केजरीवाल की”शपथलीला”में लोग शगुन देना भूले इसीलिए अब५हजार१रुपये का शगुन माँगाअरविन्द केजरीवाल को उनकी शपथ लीला में शायद शगुन देना लोग भूल गए इसीलिए शपथ लेने के तत्काल पश्चात लोगों को शगुन के लिए ओन लाइन अनुस्मारक[Reminders] भेजे जाने लगे हैं|भारतीय परम्परा के अनुसार शुभ कार्यों में निमत्रण पाने वाले खुशकिस्मत लोग शुक्राने में बुलाने वाले की झोली में शगुन के तौर पर तोहफा या करेंसी का बंद लिफाफा पकड़ा जाते हैं |शायद इसी परम्परा को भुनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी शपथ लीला में पूरी दिल्ली को ही न्योत दिया |हजारों की तादाद में लोग आये तालियां बजाई और लौट गए |अरविन्द केजरीवाल ने पुराने वायदों से अपना दामन बचते हुए अनेकों यूं टर्न के संकेत दिए सम्भवत इसीलिए शगुन देना तो दूर शगुन देने की रस्म भी नहीं निभाई गई|अब इसीलिए मजबूरन पार्टी द्वारा ओन लाइन शगुन की मांग की जाने लगी है | खिलाडी अक्षय कुमार की एक पिक्चर
याद आ रही है जिसमे निठल्ला नायक अक्षय अपनी धनाढ्य प्रेयसी जूही चावला से विवाह करने के लिए एक लाख रुपयों की व्यवस्था करने के लिए वचन बद्ध होता है |और इसके लिए ओह भी पूरे शहर को शादी का न्यौता दे आता है |शादी में अाये मेहमान हजारों रुपयों का खानाफ्री में ही खा जाते हैं |सम्भवत यही गलती राम लीला मैदान के दूल्हे से भी हो गई |
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नागरिकों की उपस्थिति में रामलीला मैदान में दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है और उन्होंने तोहफे के तौर पर हर आम आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया अद्भुत भाव और इतिहास के इस महत्वपूर्ण दिन भी होस्ट को खाली हाथ लौटा दिया गया|
हो सकता है के दिल्ली वासियों ने भूल से शगुन की औपचारिकता का निर्वाह नहीं किया हो इसीलिए अब सीधे सीधे ५००१ रुपये का शगुन माँगा जाने लगा है|अरविन्द केजरीवाल ने सरकारी खजाने पर बोझ ना डालते हुए पांच सालों में दिल्ली के विकास का वायदा किया है |दिल्ली के विकास के लिए केंद्र सरकार से पैसे की उम्मीद है अपने खर्चे के लिए सरकारी आवास और गाड़ियों की व्यवस्था है ही ऐसे में पार्टी का खर्च चलाने के लिए शगुन तो बनता ही है