पोलिंग ऑफिसर पत्नी के साथ उनके पति भी शिशुओं की देख भाल के लिए उपस्थित रहे
तपती धूप+ धूल+पेय जल की मारामारी+वाहनों के खटारापन +बूथों पर बिजली की आँख मिचौली +मच्छरों की मारामारी +भोजन की आशंका में डूबे लोक तंत्र के प्रहरी अपनी ड्यूटियों के लिए बेशक मुस्तैद हैं लेकिन अनेकों इस व्यस्व्था से आतंकित प्रहरी,अपनी ड्यूटियां कटवाने के चक्कर में लोक तंत्र के चारों स्तम्भों के चक्कर लगा लगा कर थके नजर आ रहे हैं|
इसे व्यवस्था की मजबूरी कहा जाये या फिर क्रूरता कि बुजुर्ग+बीमार+ शिशुओं को गोद में लिए, यहाँ तक की गर्भवती महिलायें भी इस व्यवस्था से जूझती नजर आई| मैनेजर्स की कमी से कुछ असंतोष की स्वर लहरियां तो गूंजी लेकिन इस सब के बावजूद यहाँ एक के साथ एक फ्री वाला नजारा भी दिखाई दिया पत्नी के साथ उनके पति शिशुओं की देख भाल के लिए उपस्थित थे|