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डौंडियाखेड़ा में सोने के खजाने पर २०१४ के चुनावों तक राजनीतिक बौरापन चलता ही रहेगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आशावादी सरकारी भक्त

ओये झल्लेया निराश होने की जरुरत नहीं हैखजाना तो मिल के रहेगा |हसाडे विरोधी खोदाई में सोना न मिलने को लेकर आये दिन जनता को गुमराह करने पर तुल गए हैं|शोभन सरकार ने भी कह दिया है कि जहां विज्ञान खत्म हो जाता अध्यात्म वहां से शुरू होता|ये बात उन्होंने अपने आश्रम के कमरे में नहीं कही वरन सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में एलानिया कहा है| इसीलिए डौंडियाखेड़ा {उन्नाव} में राजा राव रामबख्श सिंह के किले से एएसआई के वैज्ञानिकों को हटा लिया जाना चाहिए |देख तो आधुनिक विज्ञान और आध्यात्मिक विज्ञान के बीच की लड़ाई में हसाडा खजाना मारा जा रहा है| उसके बाद हसाडे शोभन सरकार ओनली दो घंटे में खजाना निकाल कर रख देंगे |

झल्ला

बाबा जी आप तो पड़े लिखे बाबा हो आये दिन क्या ये ब्यान बाजी पर उतर आये हो |लगता है कि आपने यह नहीं पढ़ा कि कनक अर्थार्त सोना अर्थार्त गोल्ड की अधिकता अच्छे खासे आदमी को भी बौराए देती हैं|झल्ले के पुराने विचारानुसार २०१४ के चुनावों तक खजाने पर आप लोगों की राजनीतिक ब्यान बाजी चलती ही रहेगी|