झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
भाजपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया मजा आ गया ओये पहले लेफ्टिस्ट फिर कश्मीरी अब्दुल्लास और अब सुना है कि भारी भरकम मुम्बईकर शरद की पावर भी कांग्रेस से अलग होने जा रही हैं ओये अगली बार ४४ से भी नीचे गिर जाएगी ये कथित ऐतिहासिक राष्ट्रीय पार्टी |हुन ते चप्पा चप्पा छा जाएगी हसाड़ी भाजपा
झल्ला
सेठ जी इतना मत इतराओ जमीन पर रहो और सत्ता सुख करो एन्जॉय | जितना यह सच है कि सियासी जहाज डूबते और तैरते रहते हैं वैसे ही यह भी सत्य है कि डूबने वाले जहाजों से कुतरने में माहिर जीव दूसरे कि तलाश में निकलने शुरू हो जाते हैं| अपवाद के रूप में कभी कभी होशियार कैप्टेन फालतू सामान को खुद ही जहाज से बाहर फेंकने लगता है|अब इन दोनों में से कौन सी बात सच साबित होगी यह देखेंगे प्रदेशों के चुनाव में सब लोग