नरेंद्र मोदी के नाम एलपीजी नीति में झोल को लेकर खुला पत्र आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सादर नमस्कार
आज कल आप छोटे लोगों की छोटी छोटी समस्यायों पर चर्चा कर रहे हैं और उन्हें सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं इसके लिए आप बेशक बधाई के पात्र हैं|इसी भवन से प्रभावित होकर एक छोटी समस्या की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहा हूँ यह एलपीजी अर्थार्त रसोई गैस से सम्बंधित है |
श्रीमान जी आप की सरकार ने एलपीजी पर सब्सिडी देने के लिए इसके कनेक्शंस को आधार कार्ड+पोर्टल से जोड़ते हुए १७ डिजिट्स की आईडी जारी करने का िर्णय लिया है ,जिसे सम्भवत ३१ मार्च तक पूरा किया जाना है|
[१]इसके साथ ही गैस वितरकों द्वारा यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि एक एड्रेस पर +एक नाम से अधिक कनेक्शन होने पर दोनों कनेक्शन बंद कर दिए जायेंगे यह भी खौफ फैलाया जा रहा है कि उपभोक्ता को भारी परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है |
[२]परिवार के ऐसे किसी सदस्य के नाम कनेक्शन है,जिनका निधन हो चुका है तो उसे ट्रांसफर कराने को कहा जा रहा है यहाँ तक कि किसी दूसरे के नाम का गैस कनेक्शन भी ट्रांसफर कराया जा सकता है |ऐसे मेरठ जिले में ही लगभग ५० हजार कनेक्शन है|
[३]अगर पिता-पुत्र के नाम एक ही पते पर दो गैस कनेक्शन हैं और पिता का निधन हो गया है तो पिता के नाम का गैस कनेक्शन को सरेंडर करना होगा।
[४]सब्सिडी पाने के लिए उपभोक्ताओं को अपने गैस कनेक्शन नंबर का बैंक खाते से लिंकअप कराना होगा। यह काम शुरू हो गया है। जिन उपभोक्ताओें के पास आधार कार्ड हैं या नहीं हैं तो उन्हें बाजार रेट पर ही सिलेंडर मिलेगा।
श्रीमान जी यहाँ में यह कहने की धृष्टता कर रहा हूँ कि आप कि सरकार एक रुमाल का एक कोना कम करने की अच्छी नियत से एक कोने को काटने पर आमादा है ये तो बचपन में आप ने भी पढ़ा ही होगा कि रुमाल का एक कोना काटने पर कोना घटता नहीं बल्कि बढ़ जाता है अर्थरत चार कोनों के स्थान पर पांच कोने बन जाते हैं |कमोबेश यही इस योजना में होता दिखाई दे रहा है|
[अ]भारतीय समाज में चलन है किघर के मुखिया एके नाम ही अधिकतर घर+राशन कार्ड+कनेक्शन होते आये हैं|परिवार बढ़ने पर एक से ज्यादा चूल्हें जलने स्वाभविक हैं ऐसे में अधिकतर एक घर के पते पर अनेक भाइयों के द्वारा अलग रसोई चलाई जाती है और एक से ज्यादा कनेक्शन आते है|अधिकांश में एक नाम पर और एक पते पर एक से ज्यादा कनेक्शन होना स्वाभाविक है|
[आ ] कनेक्शन को ट्रांसफर करवाने कि छूट दी जा रही है यहाँ तक कि गैर कानूनी कनेक्शन तक को रेगुलराइज किया जा रहा है लेकिन उसके पीछे की मंशा मन को कचोटती है|पुरानी सिक्योरिटी पर जारी कनेक्शन को नए दरों वाली सिक्योरिटी पर ट्रांसफर किया जा रहा है यहाँ तक कि कानूनी कनेक्शन को ट्रांसफर करने पर भी नई सिक्योरिटी का प्रावधान थोपा गया है |
[इ] ये तो आप भी मानेंगे कि ये योजनाएं जनहित में और काला बाजारी को रोकने के लिए हैं लेकिन आम जनता को उनका फायदा कम और हानि ज्यादा है कहा जा सकता है कि जनता के लिए बनाये जा रहे कानून जनता को नुक्सान पहुंचाने वाले बनते जा रहे हैं |
यहाँ एक सुझाव क्षमा कीजिये सुझाव नहीं निवेदन है कि कनेक्शन सरेंडर करने के बजाये अगर सब्सिडी वाले सिलेंडरों को ही सिमित कर दिया जाये तो क्या बुराई है हो सकता है इससे गैस वितरकों को लाभ ना पहंचे मगर आम जनता में निराशा+गुस्से कि भावना कम होगी यह मेरा मानना है
धन्यवाद
आपका
झल्ला सबलोक