Ad

पीएम ने सियासतदानों को चकित करते हुए भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी किसान हितकारी १३ कानूनों को लागू किया

[नयी दिल्ली] पीएम ने सियासतदानों को चकित करते हुए यूंपीऐ के लंबित पड़े हुए किसान हितकारी १३ कानूनों को लागू किया
प्रधान मंत्री ने आज अपनी ग्यारहवीं “मन की बात” सियासत दानों को चकित करते हुए भूमि विवाद ये यूं टर्न लिया मगर इसके साथ ही यूंपीऐ सरकार के लंबित पढ़े हुए किसान हितकारी १३ कानूनों को लागू कर दिया
रेडियो पर अपने मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि किसानो को भ्रमित और भयभीत करने के लिए विपक्ष द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है |इसीलिए ४१ अगस्त को समाप्त होने जा रहे आर्डिनेंस को यहां समाप्त होने दिया जा रहा है लेकिन इसके साथ ही यूं पी ऐ सरकार द्वारा लंबित रखे गए किसान हितकारी १३ कानून को आज से लागू कर दिया गया है|
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आज अध्यादेश के रास्ते से विमुख होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे अधिनियम सहित 13 कानूनों को शामिल करने का आदेश जारी किया ताकि उन लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके जिनकी जमीन भूमि कानून के तहत अधिग्रहित की गई है ।
सरकार ने भूमि अधिनियम में कठिनाइयों से संबंधित उपधारा :धारा 113: के हटाने के तहत आदेश जारी किया है ताकि 13 केंद्रीय कानूनों के तहत अधिग्रहित भूमि के सभी मामलों में मुआवजा, पुनर्वास और पुनस्र्थापन के निर्धारण से संबंधित प्रावधानों को आगे बढ़ाया जाए जो 2013 के कानून में छूट गए थे।
इस उप धारा के इस्तेमाल से सरकार अब चौथी बार विवादित भूमि अध्यादेश जारी करने की जरूरत से बच गई है। मौजूदा अध्यादेश की मियाद 31 अगस्त को खत्म हो रही है।
माना जा रहा है कि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ऐसे आदेश के पक्ष में थे, लेकिन कानून मंत्रालय ने कहा था कि 13 कानूनों को भूमि कानूने के दायरे में लाने के लिए सिर्फ अध्यादेश लाया जा सकता है।
कांग्रेस संशोधन का विरोध कर रही है और उसने आध्यादेश लाए जाने का भी कड़ा विरोध किया था।
भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में 13 कानूनों को इसके दायरे से अलग कर दिया गया था, हालांकि इसके साथ एक शर्त थी कि इनको एक साल के भीतर इस कानून के दायरे में लाया जाएगा।