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चो.अजित सिंह अपनी असफलताओं के प्रति तुगलकी रवैय्या विसर्जित कर देते तो कोठी से बनवास ही क्यूँ मिलता

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हमने जो कहा था करके दिखा दिया ओये चौधरी चरण सिंह की कोठी को खाली करवाने वाले भाजपाइयों की नका में नकेल डाल दी|१२ तुगलक रोड की पुण्य कोठी का बिजली पानी काटने वाली दिल्ली का ही पानी बंद कर दिया | ओये हमने भी खूंटे गाड़ दिए हैं देखे कैसे खाली करवाते हैं ये चौधरी अजित सिंह से कोठी खाली ओये यारा हमने तो इसी कोठी की खातिर चौधरी अजित सिंह को ना चाहते हुए भी कभी एलेकशन जितवाया था अब अगर उपचुनाव हुए तो फिर से जित्वा देंगे मगर कोठी नहीं जाने देंगे | ओये मानता है न कि जाट और जमीन का तो जन्म जन्मान्तर का नाता है

झल्ला

ओ मेरे चतुर चौधरी आपजी के चो. अजित सिंह अपनी असफलताओं पर समय रहते चिंतन कर लेते तो कोठी खाली ही क्यूँ करनी पढ़ती| ये तो बच्चों वाली वोही बात हुई कि हमें भी खिलाओ नहीं तो खेल बिगाड़ेंगे |अरे २००० में जब केंद्रीय मंत्रिमंडल सरकारी कोठियों को स्मारक नहीं बनाये जाने के विषय में निर्णय ले रहा था तब आप लोग क्यूँ अपने नलके को चला नहीं पाये | अब भी कुछ करने के बजाय इमोशनल ब्लैकमेलिंग का लट्ठ ही चला रहे हो| कांग्रेस के साथ मिलकर आम जनता को हलकान किये जा रहे हो | इसी लट्ठ संस्कृति के कारण हरित प्रदेश मूवमेंट से भी आम जनता को जोड़ नहीं पा रहे हो | अरे भापा जी हरित प्रदेश +मेरठ में एयरपोर्ट+हाई कोर्ट बेंच+गन्ना समस्या+ सिविल एविएशन+चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चौधरी साहब पर शोध +स्मारक+महाभारत सर्किट+साम्प्रदाइक दंगें +++में असफलताओं की तरफ ध्यान दे देते तो हारते ही क्यूँ ?और कोठी खाली करने की नौबत ही क्यूँ आती?