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भूमिअधिग्रहण पर आरएस में आये अवरोध को दूर करने के लिए सरकार ने विपक्ष से डिस्कशन स्वीकारा

[नई दिल्ली]राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने आज सदन में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर आये अवरोध को दूर करने के लिए सभी पार्टियों से विचार विमर्श का प्रस्ताव स्वीकार करके सदन की कार्यवाही को गति प्रदान की |राज्य सभा में आज सुबह एक बारगी तो समूचा विपक्ष भूमि अधिग्रहण आर्डिनेंस पर कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आया और सरकार की जम कर आलोचना की गई |सभी लोग एक स्वर में आर्डिनेंस पर चर्चा की मांग कर रहे थे|कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा+सपा के प्रो राम गोपाल यादव+जे डी यूं के शरद यादव +बी एसपी से मायावती ने सरकार को किसान विरोधी भी बताया|सदन में आर्डिनेंस आने से पूर्व ही इस पर चर्चा की मांग को अरुण जेटली ने अनुचित बताया लेकिन फिर शरद यादव के प्रस्ताव पर अरुण जेटली ने सहमति व्यक्त कर दी|इससे पूर्व कांग्रेस के आनंद शर्मा ने सरकार पर प्रत्येक २७ दिनों में एक आर्डिनेंस लाने का आरोप लगाया तो उसके उत्तर में जेटली ने कांग्रेस +जे डी यूं के रिकार्ड को खंगालते हुए बताया कि ७० आर्डिनेंस पहले प्रधन मंत्री द्वारा लाये गए थे और ७७ आर्डिनेंस यूनाइटेड फ्रंट की सरकार लाइ थी| श्री जेटली ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष चाहता ही नहीं कि जनहित के काम किए जाएं।उन्होंने बताया कि इस बिल में किसानो को दिया जाने वाला मुआवजा चार गुना किया गया है |सुरक्षा+सड़के++गरीबों के लिए मकान आदि के लिए भूमि अधिग्रहं का प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है|
संसद के बाहर भीइस आर्डिनेंस का विरोध जारी है किसानों के प्रति मोदी सरकार पर उपेक्षा का भाव अपनाने के आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने संसद का बजट सत्र शुरू होने के साथ ही आज विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ दो दिवसीय आंदोलन की शुरूआत कर दी है अनेकों किसान मोर्चों के साथ ही दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी धरने पर बैठने की मंजूरी दे दी है
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण को एक अच्छा अध्यादेश बताया है।