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शिर्डी बाबा +स्वरूपानन्द को छोड़ो ,इंसान की पूजा शुरू करो, राजनीतिक भृष्टाचार भी रुकेगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

शिर्डी साईं भक्त

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?अरे दो मठों पर कब्ज़ा जमाये ये कांग्रेसी शंकराचार्य अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने के चक्कर में हसाडे सोणे साईं बाबा का ही अपमान करने लग गया हैं |हिन्दू समर्थकों को भाजपा से तोड़ने के चक्कर में बाबा समर्थक हिन्दुओं को ही गाली देने लग गया |अब तक दूसरे शंकराचार्यों के साथ गाली गलौच करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद अब हसाडे शिर्डी वाले साईं बाबा और हम भक्तों का ही अपमान करने लग गए| कह रहे हैं कि बाबा को भगवान मत मानो+बाबा की पूजा मत करो+बाबा के मंदिर मत बनाओ+बाबा को चढ़ावा मत चढ़ाओ|अब तुम ही बताओ कि कल्याण कारी बाबा को भगवान मानने के बजाय इन मठाधीशों को भगवान माने क्या ?

झल्ला

भोले बादशाहो हसाडे सोणे मुल्क में यही रंडी रोना तो जानलेवा है |जिसे देखो भगवान बनने और भगवान बनाने की गद्दी गेड में लगा हुआ है| ना कोई इंसान बन रहा है और न ही कोई इंसान बना रहा है |जो लोग अपने जीवन काल में भिक्षा मांग कर गुजर करते रहे उनके नाम पर वैभव शाली+सोने +चांदी के मठ बनाये जा रहे हैं |यहाँ तक कि धर्माचार्यों के मठों में भी भक्त की हैसियत के ही हिसाब किताब रखे जाते हैं | झल्लेविचारनुसार भगवान को मठों +मंदिरों से बाहर निकाल कर भगवान के वर्तमान +वास्तविक स्वरुप इंसान की पूजा शुरू कर देनी चाहिए|इससे राजनितिक भ्र्ष्टाचारपर भी रोकथाम लग सकेगी |क्यों ठीक है ना ठीक ?