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कपड़ा प्रसंस्‍करण इकाइयों के पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिए ५०० करोड़ रुपयों की प्रसंस्‍करण विकास योजना

कपड़ा प्रसंस्‍करण इकाइयों के पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिए ५०० करोड़ रुपयों की नई समेकित प्रसंस्‍करण विकास योजना शुरू की जायेगी |
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 500 करोड़ रुपये की कुल लागत से एक नई समेकित प्रसंस्‍करण विकास योजना को शुरू करने की मंजूरी दी है। कपड़ा प्रसंस्‍करण इकाइयों के सामने जो पर्यावरणीय मुद्दे हैं, उन्‍हें इस योजना के तहत हल किया जाएगा।
योजना के तहत छह ब्राउन फील्‍ड परियोजनाएं और तीन से पांच ग्रीन फील्‍ड परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
इन परियोजनाओं के दायरे में निम्‍नलिखित घटक हैं –
[1] सामान्‍य उत्‍प्रवाही उपचार संयंत्र (सीईटीपी),
[2] नवीकरणीय/हरित प्रौद्योगिकी के तहत आबद्ध बिजली उत्‍पादन,
[3] तेज प्रवाही जल प्रबंधन, पानी एवं इस्‍तेमाल शुदा पानी के लिए पाइप लाइनों तथा आवश्‍यक सड़कों का निर्माण, और
[4]. अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्रों और जांच की सुविधाएं।
पर्यावरण अनुकूल प्रसंस्‍करण मानकों, प्रौद्योगिकी और नए प्रसंस्‍करण पार्कों के निर्माण के इस्‍तेमाल द्वारा इस योजना के तहत कपड़ा उद्योग को दुनिया में प्रतिस्‍पर्धा करने की शक्ति मिलेगी। पानी एवं इस्‍तेमाल शुदा पानी के प्रबंधन के क्षेत्र में तथा अनुसंधान एवं विकास के प्रोत्‍साहन के जरिए मौजूदा प्रसंस्‍करण केन्‍द्रों के उन्‍नयन के लिए इस योजना से मदद मिलेगी।