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19% देशों में ही विश्व स्वास्थ्य संघटन के,स्तन पान सम्बन्धी,पूर्ण निर्देशों का पालन हो रहा है: एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह

पांच में से केवल एक देश में ही विश्व स्वास्थ्य संघटन के ,स्तन पान सम्बन्धी , पूर्ण निर्देशों का पालन हो रहा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी स्तन पान के निर्देशों पर १९९ देशों में से केवल १९% [ ३७ देश ]देशों द्वारा ही पालन किया जा रहा है| यह आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किये है |संगठन द्वारा एक अगस्त से विश्व स्तन पान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमे १७० देश भाग ले रहे हैं| संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार स्तन पान शिशु के लिए आदर्श आहार है इसे ग्रहण करने वाले अधिकाँश बच्चे आगे चल कर मधुमेह+मोटापे या स्थूल का्य का शिकार नही होते बल्कि तीव्र बुद्धि के होते हैं| इसके बावजूद भी केवल ३८%शिशुओ को छह माह तक यह आहार मिलता है|
वी स्व.संग.के स्तन पान विशेषग्य डॉ कारमेन कासनोवास ,[ Carmen Casanovas, के अनुसार ] लगभग सभी माएं अपने शिशु को स्तन पान कराने में सक्षम होती हैं| केवल उन्हें पर्याप्त जानकारी और सपोर्ट की आवश्यकता है| दुर्भाग्य से माताओं को इसके प्रति हतोत्साहित करके बाजारी दूध खरीदने को बाध्य किया जाता है|
[१] रिपोर्ट के अनुसार १९९ में से केवल ३७ देशों में ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के कोड का पालन किया जा रहा है|इसका विवरण निम्न है
[अ] ६९[३५%] देशों में कृत्रिम या वैकल्पिक दूध के प्रचार पर पाबंदी है
[आ]६२ [३१%]देशों में फ्री सेम्पल्स पर पूर्णतया पाबंदी है
[इ] ६४ [३२%] देशों में हेल्थ वर्कर्स के लिए फ्री गिफ्ट्स पाबंधी है
[ई]८३ देशों (४२ %) में यह नियम लागू है कि कृत्रिम या वैकल्पिक दूश उत्पाद पर माँ के दूध को सर्वश्रेष्ठ बताने वाला विज्ञापन जरूरी है | ;
[उ] केवल ४५ (२३ %) देशों में ही मॉनिटरिंग सिस्टम लागू है|r