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हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

[मेरठ] कंकरखेडा, में स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी सत्संग के सुअवसर पर पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रवचन में प्रभु के सच्चे गाढे रंग में रंगे जाने की कामना की है| :
रंगन वाले देर क्या है, मेरा चोला रंग दे
राम रंग दे प्रेम रंग रंग दे ॥

 हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो


उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की कि हे दीनदयाल मेरा चित्त जो जगत के भोगों की दलदल में रंग हुआ है उसे अपने रंग में रंग दो। अभी तक मैंने जितनी बार भी रंगा सारे के सारे रंग झूठे एवं फीके थे हे प्रभु तू इसे अपने प्रेम के गूढे रंग में रंग दे। इसे राम रंग से रंग दे जिससे मेरा अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित हो जाये।
पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी,
प्रस्तुति रकेः खुराना