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दयाहीन गर्मी में पीड़ितों को सीधे पानी+पंखा+पैसा+फल+मीठादान के संस्कारों का पालन जरूरी

[नई दिल्ली]प्रचंड दयाहीन गर्मी में पीड़ितों को सीधे पानी+पंखा+पैसा+फल+मीठादान के संस्कारों का पालन जरूरी
ख्याति प्राप्त अखबार@एसोसिएटेडप्रेस ने भी भारत की प्रचंड गर्मी पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा है कि दयाहीन गरम हवाओं के प्रकोप से १८२६ लोग काल का ग्रास बन चुके हैं |आज भी सूर्यदेव कोई राहत देेते नहीं दिख रहे |दिन का तापमान ३९ डिग्री सेल्सियस तक पहुँच कर घर बैठे लोगों को भी झुलसा रहा है |पूर्वजों ने ऐसे मौसम में भी जरुरत मंदों को राहत देने के लिए दान कि परम्परा डाली थी जो आज संस्कार बन चुकी है|विरासत में मिले संस्कारों का हृदय से पालन करने पर ना केवल समाज का भला होता है वरन स्वयं को भी सुख का अनुभव होता है और समाज में सहयोग की भावना को बल मिलता है
आज चूँकि हाडी काश्ती है ऐसे में पानी+पंखा+पैसा+फल +मीठा+ दान देने का संस्कार है तो इन संस्कारों का पालन करने लिए क्यूँ न आज से ही पीड़ितों को सीधे दान शुरू किया जाये