झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
हरयाणवी भाजपाई
औए झल्लेया ! म्हारे खट्टर साहब ने मनोहारी सोच दिखाते हुए खिलाड़ियों पर लगाया जा रहा १/३ प्राश्रमिक टैक्स को रोक दिया है प्रदेश के सैंकड़ों खिलाड़ियों की बांछे खिल उठी हैं
झल्ला
जिन नियमों का आपलोग पालन न करा सको उन्हें हटवा ही दो |सरकारी नियमों के अनुसार एक कर्मचारी दो तनख्वाह नहीं ले सकता |यदि तनख्वाह के साथ ही वह कोई अन्य स्रोत से प्राश्रमिक भी लेता है या कमाई करता है तो उसका एक तिहाई अपने एम्प्लायर को देना होता है | इसी नियम के तहत अशोक खेमका ने सरकारी सेवा में खिलाड़ियों पर टैक्स लगाया जिसे पलटने पर अब खट्टर साहिब को यह नियम बदलवा ही देना चाहिए और खिलाडियों को राजनीती करने देना चाहिए