Ad

Tag: अरविन्द केजरीवाल

सलमानी प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया और आई ऐ सी दोनों को कर दिया चित


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े क़ानून मंत्री के सलमानी दांव पेंच | एक ही प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया और आई ऐ सी दोनों को कर दिया चित | मीडिया को ब्लैक मेलर और अरविन्द केजरीवाल को सड़क किनारे का आदमी बताकर सड़क से ही उतार दिया| गंदी नाली में धकेल ही दिया|

सलमानी प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया और आई ऐ सी दोनों को कर दिया चित |

झल्ला

बाऊ जी उत्तराखंड और वेस्ट बंगाल में हुए उपचुनावों के नतीजों में आप जी की एतिहासिक पार्टी को फौरी झटके मिले गए हैं| इसीलिए अब प्रेस कांफ्रेंसों में अपनी भीड़ इकठ्ठा करके तालियाँ बजवाने से कुछ होने वाला नहीं है\इस आवाज़े उपचुनाव को नक्काराए मुख्य चुनाव २०१४ समझो और ज्यादा सलमानी दांव पेंच पर भरोसा करना छोड़ दो|

सलमान खुर्शीद ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में अपने विरोधी चैनल को ब्लैक मेलर और केजरीवाल को सड़क का आदमी बताया

केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज प्रेस कांफ्रेस बुलाई जिसमे सफाई देने के लिए उन्होंने तस्वीरों, अखबारों की कतरनों और लोगों[रंगी मिस्त्री] को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में लाकर खुद पर लगे तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कैम्प नहीं होने के आरोपों के खारिज किया और स्टिंग करने वाले पत्रकारों को ब्लैक मेलर और अरविन्द केजरीवाल को रास्ते का आदमी कह कर अपनी खीझ भी उतारी| कई बार अपना सयम भी खोया और बीच बीच में पानी पीते रहेउनकी पत्नि श्रीमती लुइस और उनके सहयोगी उन्हें नियंत्रित करते देखे गए| लेकिन इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने अरविन्द केजरीवाल के आरोपों का जवाब यह कहते हुए देने से मना कर दिया कि रास्ते के आदमी का जवाब नहीं दूंगा| इसके बाद एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान जब उनसे अरविंद केजरीवाल को गंदी नाली का कीड़ा कहे जाने पर प्रश्न किया तो सलमान खुर्शीद ने जवाब दिया, ‘मैंने पूरे होश में केजरीवाल को गटर स्नाइप कहा था। ‘गटर स्नाइप’ कीड़े से भी ज्यादा खतरनाक होता है, यह नाली के सांप होते हैं।’

सलमान खुर्शीद ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में अपने विरोधी चैनल को ब्लैक मेलर और केजरीवाल को सड़क का आदमी बताया


अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर खुर्शीद पर निशाना साधा है. उन्‍होंने कहा कि वह खुर्शीद के खिलाफ सोमवार सुबह 11 बजे सबूत पेश करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि खुर्शीद देश को गुमराह कर रहे हें, वह इस्‍तीफा दें और गिरफ्तार किए जाएं.
केजरीवाल ने कहा कि खुर्शीद ने स्वयम फर्जीवाड़े की बात मानी है|, उनके पास अब कोई जवाब नहीं है. वह जांच करवाने की बात कर रहे हैं, लेकिन जांच हो चुकी है और उसमें अब सिर्फ लीलापोती होगी.
साथ ही केजरीवाल ने कहा कि यह पूरा मामला साल 2009 से लेकर मार्च 2010 का है, जबकि खुर्शीद ने जुलाई 2010 के डॉक्युमेंट्स और तस्वीरें पेश की हैं.वहीं खुर्शीद को जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आगामी चुनावों में एक विकलांग उम्मीदवार ही सलमान खुर्शीद को हरा देगा, अगर वो अभी इस्तीफा नहीं देंगे तो 2014 में जनता उनकी जमानत जब्त कर लेगी। .
अरविंद के मुताबिक उन्होंने अहम सवालों के जवाब नहीं दिए और इधर-उधर की बातें करके प्रेस कॉन्फ्रेंस से चलते बने।’देश को गुमराह कर रहे हैं खुर्शीद’
केजरीवाल ने अखिलेश सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि खुर्शीद के एनजीओ ने ग्रांट लेने के लिए पूर्व सरकारी अधिकारी राम राज सिंह के सिग्नेचर को लेकर गड़बड़ी की है। केजरीवाल ने कहा, ‘राम राज सिंह का कहना है कि उन्होंने खुर्शीद के एनजीओ के लिए कोई पेपर साइन नहीं किया। राम राज सिंह तो जनवरी में ही रिटायर हो गए हैं, फिर वह मार्च में कैसे साइन कर सकते हैं। इसका मतलब साफ है कि खुर्शीद के एनजीओ ने फर्जी सिग्नेचर किए हैं। ऊपर से मंत्री जी का यह कहना हैरान करता है, कि उन्हें ऐफिडेविट के बारे में कुछ नहीं मालूम|’ संसद मार्ग पर रविवार को दिनभर विरोध-प्रदर्शन हुआ। केजरीवाल ने दोपहर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत 12 जून को मामले की जांच कराई थी, जिसमें अधिकारियों के हस्ताक्षर फर्जी निकले हैं। अब फिर से जांच के नाम पर लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है। इससे पता चलता है कि दोनों के बीच समझौता हो चुका है। खुर्शीद की प्रेस वार्ता के बाद केजरीवाल ने शाम को फिर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून मंत्री ने मेरे पांच सवालों का जवाब देने से मना कर दिया। उन्होंने हर सवाल के जवाब में यही कहा कि मुझे नहीं पता, इसकी जांच करा लो। वह पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं। खुर्शीद और उनकी पत्‍‌नी ने प्रेस वार्ता में कैंप लगाने से संबंधित जो फोटो दिखाई है, उसमें 17 जुलाई, 2010 की तारीख लिखी है, जबकि विकलांगों के फंड से सामान वितरण एक अप्रैल, 2009 से 31 मार्च, 2010 के बीच होना दर्शाया गया है।
ये हैं पांच सवाल
१]. क्या आप मानते हैं कि आपकी संस्था ने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विशेष सचिव रामराज सिंह का फर्जी पत्र दिखाकर अगले साल की ग्रांट लेने की कोशिश की थी?
[२]. क्या आप मानते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व सीडीओ जेबी सिंह का शपथ पत्र फर्जी है? अगर हां, तो आपने फर्जी शपथ पत्र क्यों लगाया?
[३]. अखिलेश यादव सरकार ने भारत सरकार को 12 जून, 2012 को एक पत्र लिखा, जिसमें कई अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही गई है। आपके मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार का यह पत्र सही है या फर्जी?
[4.] आपकी संस्था ने दावा किया है कि कैंप लगाकर सामान बांटा था। अखिलेश यादव सरकार की जांच के मुताबिक न तो कैंप लगे और न सामान बंटा। क्या आप 12 जून के उत्तर प्रदेश सरकार के इस पत्र में लिखी बातों से सहमत हैं?
[५]. आपकी संस्था के लाभार्थियों की सूची में ऐसे कई विकलांग हैं, जिनका कहना है कि उन्हें तो आपसे कोई सामान नहीं मिला, जबकि आपकी संस्था कहती है कि उन्हें सामान दिया गया। यदि उनमें से कुछ लाभार्थी सार्वजनिक तौर पर यह कहते हैं कि उन्हें सामान नहीं मिला, तो क्या आप कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देकर राजनीति से सन्यास ले लेंगे?
खुर्शीद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस सख्स को पेश किया, उसके बयान बदलने से साफ है कि कानून मंत्री अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके कुछ भी करा सकते हैं। जब तक सलमान खुर्शीद कानून मंत्री हैं, तब तक जांच निष्पक्ष रूप से हो ही नहीं सकती। अगर वह वाकई में जांच कराना चाहते हैं, तो पहले कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दें।’ गौरतलब है कि पेश किये गए रंगी मिस्त्री के कान में आज बिलकुल नई सफ़ेद मशीन लगी हुई थीअरविंद ने कहा है कि रंगी मिस्त्री के जवाब में सोमवार को कुछ और सबूत पेश करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि साल 2014 के इलेक्शन में वह सलमान खुर्शीद के खिलाफ किसी विकलांग से ही चुनाव लड़वाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार जांच का सिर्फ दिखावा कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस और प्रधानमंत्री को भी इस मामले पर अपन रुख साफ करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा, ‘आम और पीड़ित आदमी ही इस सरकार को सबक सिखाएगा।’

विकलांग फंड्स फर्जी वाडे में फंसे सलमान खुर्शीद को एअरपोर्ट पर काले झंडे दिखाए गए

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविन्द केजरीवाल के चक्रव्यूह में फंसे कानून मंत्री सलमान खुर्शीद आज

विकलांग फंड्स फर्जी वाडे में फंसे सलमान खुर्शीद को एअरपोर्ट पर काले झंडे दिखाए गए

देश लौट आये हैं| देश लौटते ही एयरपोर्ट पर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ नारेबाजी की काले झंडे दिखाए और विरोध जताया। सुरक्षाकर्मियों ने खुर्शीद को वीआइपी गेट नंबर दो से बाहर निकाल तो दिया मगर इस दौरान आई ऐ सी के कार्यकर्ताओं का विरोध जारी रहा। कुछ कार्यकर्ता उनकी गाड़ी के पीछे भागते भी देखे गए \ कार्यकर्ता अपने साथ में बैनर लेकर आए थे जिस पर लिखा था खुर्शीद हाय हाय | खुर्शीद अपने ट्रस्ट के ऊपर लगाए गए आरोपों पर आज प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।इससे पूर्व इंग्लैण्ड में दिए एक ब्यान में उन्होंने साफ कर दिया था की वोह [खुर्शीद]ब्लैकमेलिंग पर झुकने वाले नहीं है|
आई. ऐ. सी. के नेता अरविंद केजरीवाल अपनी इस मुहिम को करो या मरो की जंग करार दे चुके हैं। शनिवार को जेल से छूटते ही उन्होंने संसद मार्ग का रुख किया और धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि संसद मार्ग पुलिस थाना अगला ‘तहरीर चौक’ बनेगा। वहीं खुर्शीद ने केजरीवाल एंड पार्टी को थर्ड ग्रेड इंसान+गंदी नाली का कीड़ा +बलैकमेलर कहते हुए उनपर निशाना साधा है।केजरीवाल ने खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई होने तक थाने के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने का निर्णय लिया।
गौरतलब है की एक न्यूज चैनल ने स्टिंग करके डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट पर आरोप लगाया कि ट्रस्ट के चेयर मैन सलमान खुर्शीद और प्रोजेक्ट मेनेजर उनकी पत्नी श्रीमती लुईस ने केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराए गए धन का राज्य सरकार के अधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर गबन किया। यह गबन 10 जिलों में सहायता शिविर के फर्जी हिसाब दिखाकर किए गए, ये शिविर कभी आयोजित नहीं किया गया।केंद्रीय समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 71.50 लाख रुपए खुर्शीद के एनजीओ को दिया गया था इस रुपए से उत्तर प्रदेश 17 जिलों में विकलांगों को तिपहिया वाहन का वितरण करना था, जिसमें धांधली की गई। फलस्वरुप इन दिनों सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद का काफी आलोचना हो रही है। देश लौटने से पहले कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस मामले पर कहा है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि एक-एक कर काग्रेस के नेताओं को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है|। लुईस खुर्शीद ने भी ट्रस्ट के ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने केजरीवाल पर राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा गढ़ने का आरोप मढ़ा।केजरीवाल ने खुर्शीद को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की और आरोप लगाया कि यदि वह मंत्रिमंडल में बने रहे तो वे सारे सबूत नष्ट कर देंगे। उनका आरोप है कि खुर्शीद और लुईस खुर्शीद पर राज्य सरकार, केंद्र सरकार और नियमक एवं महालेखा परीक्षक[कैग] ने भी आरोप लगाया है। इन तीनों संस्थाओं ने जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा विकलागों के लिए आवंटित धन के गबन की जाच की है। इसके अलावा ट्रस्ट के कर्मचारियों ने भी वेतन संवितरण में अनियमितताओं की शिकायत की है|खुर्शीद के बचाव में सामने आई सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा खुर्शीद बेहद ईमानदार छवि रखने वाले सम्मानित राजनेता हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कहने से पहले खुर्शीद के विदेश से वापस आने का इंतजार करना चाहिए और उन्हें वापस आकर जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए।

अरविन्द केजरीवाल को विकलांगों के साथ दिल्ली पोलिस ने हिरासत में लिया

विकलांगों के मुद्दे को लपक कर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविन्द केजरीवाल आज राज पथ को रणभूमि बनाने के लिए धरने पर बैठे |उनके साथ मनीष शिशोदिया और गोपाल राय के अलावा बड़ी संख्या में विकलांग थे| इससे पहले कि राज पथ तहरीर चौक (मिस्र में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र)बनता पोलिस ने केजरीवाल और उनके साथ धरना दे रहे कार्यकर्ताओं को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया।और बसों में लाद कर बवाना ले गए| किसी के हताहत होने का समाचार नहीं मिला हैहाँ केजरीवाल की कमीज की दाईं कंधें से जरुर धक्का मुक्की में फट गई|
।केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के बाद उन्‍होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे नहीं मालूम कि पुलिस मुझे लेकर कहां जा रही है। यदि मैं जेल गया तो बाहर नहीं निकलूंगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि आज जिसको जेल में होना चाहिए वह खुलेआम घूम रहा है। मार्च जनपथ से शुरू हुआ लेकिन पुलिस ने उसे 100 मीटर के बाद ही राजपथ चौराहे पर रोक दिया।उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने कानून मंत्री के पद का अपमान किया है। इस पद पर एक समय में बी आर अंबेडकर कार्य कर चुके हैं। खुर्शीद और उनकी पत्नी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। जब तक वह पाक साफ घोषित नहीं हो जाते उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रहना चाहिए।
अब लोगों को छुट्टी लेकर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए। अब यह आरपार की लड़ाई है।
गौरतलब है कि एक चेनल के स्टिंग आपरेशन में डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वधान में विकलांगों के लिए एलोटेड लगभग ७१ लाख प्रतिवर्ष के फंड्स का दुरूपयोग सामने आया है| इस ट्रस्ट के चेयर मैन डाक्टर जाकिर हुसैन के नवासे और वर्तमान कानून मंत्री सलमान खुर्शीद हैं और उनकी पत्नि श्रीमति लुईस प्रोजेक्ट निदेशक हैं|इस मुद्दे को जोर शोर से लपकने वाले नए नए राजनीतिक बने केजरीवाल और स्टिंग करने वाले मीडिया को मंत्री ने इंग्लैण्ड से ही गन्दी नाली का कीड़ा कह कर अपनी भड़ास निकाली|
इस मुद्दे को लेकर पहले तो केजरीवाल ने श्रीमती सोनिया गांधी के निवास को घेरने की घोषणा की थी मगर बाद में पी एम् निवास को टार्गेट बनाया गया | पी एमओ ने कहा कि पी एम् डाक्टर मनमोहन सिंह के पहले से कार्यक्रम तय हैं इसलिए वे केजरीवाल से नहीं मिल सकते। जिसके बाद केजरीवाल और उनकी टीम ने पीएम आवास घेरने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद केजरीवाल वहीं जनपथ पर धरने पर बैठ गये। केजरीवाल ने कहा है कि जब तक प्रधानमंत्री नहीं

अरविन्द केजरीवाल को विकलांगों के साथ दिल्ली पोलिस ने हिरासत में लिया

कर बसों में लाद कर वहां से हटाया |
इसी बात पर केजरीवाल ने कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग की है तो वहीं खुर्शीद ने सारे आरोपों को नकारते हुए केजरीवाल को कोर्ट में खींचने की बात कही है।
पत्रकारों से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या प्रधानमंत्री डर के छुप गए हैं? केजरीवाल ने मांग की कि पीएम को कानून मंत्री खुर्शीद को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।
उधर सलमान खुर्शीद ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ अदालत में जाने का फैसला किया है। खुर्शीद का कहना है कि केजरीवाल काफी घटिया व्यवहार कर रहे हैं और वो इसका सही जवाब उन्हें अदालत में मामला दर्ज करके देंगे। कांग्रेस ने भी कहा है कि खुर्शीद सफाई दे चुके हैं। अब सड़क पर प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता और दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने कहा कि पीएम हर किसी से किसी भी वक्त नहीं मिल सकते। जबकि यूं पी ऐ की एक सहयोगी सपा ने इस घोटाले को राष्ट्रीय अपराध की संज्ञा दी है|
अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि पहले मांग, फिर दबाव और तब भी बात न बनी, तो धरना-प्रदर्शन का निर्णय किया गया.
ब्यूरोक्रेट से सोश्लाईट और अब राजनीतिक बने अरविंद केजरीवाल को राजनीती का मन्त्र समझ में आ गया है कि सियासत में सबसे जरूरी है मशहूर होना और मशहूर होने के लिए मशहूर हस्तियों को निशाना बनाना सबसे आसान रास्ता है.| उनके भाग्य या केंद्र सरकार के दुर्भाग्य से अरविन्द को लगातार मुद्दे मिलते जा रहे हैं|अरविन्द को डील करने में शासन और प्रशासन की कार्यविधि से सरकार की लोक प्रियता का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है| दिल्ली में अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में लगातार सफल होते जा रहे अरविन्द ने पहले [१] बिजली के बिल जलाए+बिजली के कनेक्शन जोड़े+ [२] रॉबर्ट वाड्रा और डी एल ऍफ़ के साथ हरियाणा सरकार को कठघरे में ले आये +[३]डी एल ऍफ़ और इंडियन बुल जैसी कंपनियों के शेयर गिराने के लिए अरविन्द का एक ही बयाँ पर्याप्त बन गया|अब केन्द्रीय कानून मंत्री और मौजूदा सरकार के भरोसे मंद सलमान खुर्शीद का मुद्दा मिल गया है|मीडिया को लाख सर्कार ताने मारे मगर मीडिया को लगातार एक्टिव +नए+जनहित के मुद्दे देने में सफल रहे हैं| इसीलिए अब सरकार को भी समझ लेना चाहिए कि अरविन्द केजरीवाल न तो किसी गन्दी नाली के कीड़े है और नाही इनके लिए अब कोई या किसी या ऐरे गैरे जैसी पदवियाँ दे देने भर से मामले टलने वाले नहीं हैं बल्कि एक नए राजनीतिक मोर्चे के खुलने का यह एलान है|इसके अलावा यह भी कहना जरुरी है कि यह ट्रस्ट देश के प्रेसिडेंट रहे डाक्टर जाकिर हुसैन के नाम पर है|येही वोह डाक्टर जाकिर हुसैन हैं जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्नाह के खिलाफ पंडित जवाहर लाल नेहरु के मूवमेंट को समर्थन दिया था |ऐसे स्वतन्त्रता सेनानी के नाम पर लगा धब्बा मिटाना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए|

अरविन्द केजरीवाल ने पार्टी अजेंडा बताया नाम नहीं :कुमार विशवास भी अराजनीतिक हुए

अरविन्द केजरीवाल ने पार्टी अजेंडा बताया नाम नहीं :कुमार विशवास भी अराजनीतिक हुए

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल ने कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए पार्टी के नाम की घोषणा नहीं की लेकिन उन्होंने अपनी नई पार्टी का एजेंडा जरूर जारी कर दिया।उनके एक सहयोगी कुमार विशवास ने आज इस राजनितिक मंच को शेयर करने से इनकार कर दिया है| केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और आनंद कुमार के साथ अपनी पार्टी के राजनैतिक एजेंडे को सार्वजनिक किया। उन्होंने तीन नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिल्ली सरकार को देते हुए दिल्ली से चुनावी शुरुआत करने की बात कही| । 6 अक्टूबर को देश के दो बड़े राजनेताओं के भ्रष्टाचार का खुलासा करने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने कहा कि इन दो बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत उनके पास आ चुके हैं|
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि उनकी पार्टी का कोई भी व्यक्ति विशेष सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं करेगा। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी में नेताओं के पैर छूने का चलन नहीं होगा और न ही गले मे मालाएं पहनाईं जाएंगी।
दिल्ली के चुनावों से राजनीतिक पारी की शुरुआत का संकेत देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार ने पानी और बिजली के दामों में जो बढ़ोत्तरी की है उसे वो कम करवाकर रहेंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यदि सरकार बिल न भरने वालों की बिजली काटेगी तो वो खुद जाकर अपने हाथों से बिजली जोड़ेंगे भले ही उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े। और अगर 3 नवंबर तक शीला दीक्षित की सरकार बिजली और पानी के रेट कम करने के आदेश नहीं देती हैं तो 4 नवंबर को जनता खुद मुख्यमंत्री के निवास जाकर उनकी बिजली काट देगी। अंत में केजरीवाल ने कहा, ‘जयप्रकाश आंदोलन के वक्त देश को हालात बदलने का मौका मिला था। एक बार फिर देश को हालात बदलने का मौका मिला है। यदि हमने यह मौका गंवा दिया तो एक बार फिर हम 30 साल पीछे हो जाएंगे।’

एक और साथी अलग हुआ

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता कुमार विश्वास ने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल के साथ हैं, लेकिन उनके राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। कुमार विश्वास केजरीवाल के प्रमुख सहयोगियों में गिने जाते हैं। इससे पहले अन्ना हजारे ने राजनीतिक दल के गठन के मुद्दे पर अपनी राहें केजरीवाल से अलग कर ली थीं। उसके पश्चात किरण बेदी ने स्वयम को अलग किया अब कुमार विश्वास राजनीतिक पार्टी का हिस्सा नहीं बनेंगे लेकिन चुनाव में प्रचार अवश्य करेंगे |कुमार विश्वास ने कहा कि वह सिर्फ दो साल से आईएसी के साथ जुड़े हैं, ऐसे में उन्हें वक्त चाहिए। पार्टी से न जुड़ने लेकिन प्रचार करने के प्रश्न पर कुमार विश्वास ने कहा कि अगर बॉलीवुड सितारे गोपाल कांडा के लिए प्रचार कर सकते हैं तो एक कवि होने के नाते वह भी पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं।[ हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा जेल में हैं]

अन्ना हजारे

दूसरी तरफ, अन्ना ने ताज़ा बयान में राजनीति को एक बार फिर कोसा है। उन्होंने कहा है, ‘राजनीति में जाना मैं दोष नहीं मानता हूं। हमने लोकशाही को स्वीकार किया तो इसे दोष कैसे मान सकते हैं? लेकिन सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता हासिल करना गलत है। राजनीति से देश की सेवा करने का भाव दूर हो जाता है। राजनीति से इस देश को उज्ज्वल भविष्य मिलेगा, ऐसी मुझे आशा नहीं है। देश में लोकशाही है। सबको अपनी मर्जी से आगे बढ़ने का अधिकार है। लेकिन सेवाभाव से काम करने और राजनीति में आने में फर्क है।’

अरविंद केजरीवाल की प्रस्तावित पार्टी के एजेंडे की मुख्य बातें:

विजन डाकुमेंट

[१]. एजेंडे के मुताबिक यह पार्टी नहीं क्रांति है। देश की जनता ने तय किया है कि अब राजनीतिक विकल्प देना ही होगा। हम राजनीति में सत्ता हासिल करने नहीं जा रहे हैं, बल्कि सत्ता के केंद्रों को ध्वस्त करके सत्ता सीधे जनता के हाथों में सौंपने जा रहे हैं।
[२]. सीधे जनता का राज होगा।
[३]. भ्रष्टाचार दूर करना होगा। इसके लिए नियंत्रण सीधे जनता के हाथों में देना होगा।
[४]. महंगाई दूर करनी होगी। इसके लिए जनता मुख्य वस्तुओं को दाम तय करेगी।
[५]. जनता की मर्जी से भूमि अधिग्रहण होगा।
[६]. सबको अच्छी शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं।
[७]. राइट टू रिजेक्ट। यानी मतदान करते समय किसी या सभी उम्मीदवारों को नामंजूर करने का अधिकार।
[८]. राइट टू रिकॉल। जनता के पास चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का अधिकार।
[९ .] किसानों को फसलों के उचित दाम दिलवाना।
[१०]. भ्रष्ट नेताओं को सज़ा देने की चाबी जनता के हाथ में होगी।
[११]. चुनाव जीतने के बाद 10 दिनों के अंदर जन लोकपाल कानून पारित कराया जाएगा।
[१२]. भ्रष्ट नेता चाहे किसी भी पार्टी का हो, जन लोकपाल में शिकायत करेगा तो दोषी पाए जाने पर छह महीने में जेल।
[१३]. प्रस्तावित पार्टा का कोई भी सांसद, विधायक लाल बत्ती या सरकारी बंगला नहीं लेगा।.

अन्ना और केजरीवाल चले थे संग संग मगर लोग मिले और कारवाँ बिछुड़ गया

एक बेहद पुराने शेर को अगर आज के हालात में पडा जाए तो बनेगा हम तो चले थे संग संग जानिबे मंजिल मगर लोग मिलते गए और कारवां बिछुड़ता रहा|जी हाँ कमोबेश यही हालत आज कल टीम अन्ना माफ़ कीजिये भूत पूर्व अन्ना टीम का है|आज से लगभग दो साल पहले अन्ना बाबू राव हजारे और अरविन्द केजरीवाल ने मिल कर एक टीम बनाई थी और उसका नाम रखा अन्ना टीम इन्होने बामुश्किल एक साल में तीन बार अनशन किया और अपनी पहचान दुनिया भर में बना ली|सराकर की सरदर्दी बने और जनता में कुछ उम्मीद भी जगी|लेकिन इतिहास गवाह है कि इस प्रकार के आन्दोलनों की उम्र लम्बी नहीं होती सो जन लोक पाल के लिए चलाया गया यह आन्दोलन भी आपसी विरोधाभासों की भेंट चढ़ गया|जहां पहले संग संग मंजिल की तरफ बड़ा जा रहा था अब गाया जा रहा है कि रस्ते अलग अलग हैं ठिकाना तो एक है|यानि अन्ना और अरविन्द दोनों जन लोक पल के लिए लड़ाई लड़ेंगें मगर उनका रास्ता अलग अलग हो रहा है|अन्ना ने पिछले अनशन [जंतर मंतर] की दुर्दशा देख कर अब अनशन नहीं करने का फैसला करलिया है अन्ना ने कहा है कि वोह अब अनशन नहीं वरन आन्दोलन करेंगें |उधर अरविन्द का कहा है कि अनशन से सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा इसीलिए अब राजनीति में विकल्प देने के लिए चुनाव लड़ना होगा इसके लिए उन्होंने पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है| शक्ति प्रदर्शन करने के लिए अरविन्द ने दिल्ली में बिजली के बिलों को जलाया और सरकार को रुलाया| बेशक इस आन्दोलन के साथ कुछ हज़ार लोग ही जुड़े मगर इस आन्दोलन की गूँज बहुत दूर तक गूंजी और सरकार ने बिजली के बिलों की स्क्रूटिनी के आदेश दे दिए हैं| अन्ना ने आन्दोलन के लिए फिर से टीम जुटाने की मुहीम अलग से शुरू कर दी है|
अरविंद केजरीवाल से अलग होने के बाद पहली बार आज रविवार को अन्ना हजारे दिल्ली पहुंचे। उन्‍होंने अपने पुरानी मान्यता को दोहराते हुए कहा कि राजनीति में बहुत गंदगी है और राजनीतिक हाथों में देश सुरक्षित नहीं है। श्री हजारे ने यह भी कहा कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। यानी वो नई टीम बना सकते हैं। अन्ना दो दिन दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और सेना के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वह यहां अपने समर्थकों से मिलेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे |कहा जा रहा ही कि अन्ना की पींगें आज कल बाबा राम देव से बढ रही हैं मगर अन्ना इस मामले में चप्पी साधे हुए हैं|
पुणे से दिल्ली रवाना होने से पहले अन्ना ने कहा था कि वो[अन्ना] लोकपाल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।अन्‍ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए नई टीम बनाने का संकेत दिया है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए अपनी रणनीति बदलने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि देश में परिवर्तन लाने के लिए राजनीति का रास्ता सही नहीं है, इसके लिए देश भर में आंदोलन करना होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालेइस वयोव्रद्ध समाज सेवी ने कहा कि वह संसद में साफ सुथरी छवि वाले लोगों को भेजने के लिए कार्य जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए उनके आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जतायी है। उन्होंने देश के युवाओं में पूरा भरोसा जताते हुए उनसे कहा कि वे देश के भविष्य को लेकर निराशावादी नहीं हों। उन्होंने संकेत दिया कि पांच डी जी पी रैंक के अधिकारिओं ने भी उनके आन्दोलन को ज्वाईन करने की इच्छा जताई है|
हजारे ने यहां पिंपरी-चिंचवाड में एक गणोश मंडल कार्यक्रम में कहा कि वे अब भी संसद में साफ छवि वाले लोगों को भेजने का काम जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों ने इस आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जताई है।’ अन्ना रविवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। यहां वे आंदोलनकारियों से मिलेंगे।
अपने नए ब्लॉग पर उन्होंने लिखा, ‘लोकपाल के पहले ही दुर्भाग्यवश हमारी टीम दो हिस्सों में बंट गई। एक हिस्सा आंदोलन का सहारा लेना चाहता है तो दूसरा राजनीति में जाना चाहता है। शुरुआत में सरकार ने हमें अलग करने की बहुत कोशिश की। लेकिन इस बार उनके बिना कुछ किए ही हम अलग हो गए। ऐसा इसलिए

अन्ना और केजरीवाल चले थे संग संग मगर लोग मिले और कारवाँ बिछुड़ गया


हजारे ने अपने साथियों के साथ टकराव पर पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इसके लिए टीम में मौजूद एक ‘वर्ग’ को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने वोटरों को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के नाम पर वोट मांगने वालों से भी सचेत रहने को कहा।लेकिन दिल्ली आते ही उन्होंने कहा कि अरविन्द से उनका कोई भेद भाव नहीं है दोनों की मंजिल तो एक ही है|
अरविंद केजरीवाल और अन्ना की राहें बेशक अलग अलग हो गई हैं दोनों एक दूसरे पर टीम तोड़ने का आरोप लगाने लग गए हैं मगर कहते फिर रहे हैं कि हम एक दूसरे की बहुत इज्ज़त करते हैं|

अदभुत अरविन्द करिश्माई केजरीवाल की पोलिटिकल पार्टी का क्या होगा?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला

एक सोश्लाईट

ओये झल्लेया ये अन्ना हजारे को कौन से कीड़े ने काट लिया है?पहले अपनी ही संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन की ऐसे की तैसी कर दी+फिर बाबा राम देव से गुप्त पींगें बढाने लग गए और अब हसाड़े बोल्ड अरविन्द केजरीवाल के पीछे ही पड़ गए हैं|अन्ना ने अब वोटरों को चेतावनी दी है कि इलेक्शन में अन्ना की फोटो और नाम के आधार पर वोटें माँगी जा सकती है| अन्ना के इस ब्लॉग का उत्तर तक देने से अरविन्द ने मना कर दिया है| हुन हसाड़े अदभुत अरविन्द करिश्माई केजरीवाल की पोलिटिकल पार्टी का क्या होगा?

झल्ला

श्रीमान जी आप जी कि बातों से तो लगता है कि आप जी के अन्ना बाबु राव हजारे ने अपने नाम और फोटो के इस्तेमाल के कापी राईट [सर्वाधिकार]अरविन्द से वापिस लेकर किसी और के नाम कर दिए हैं|अब तो आप जी के अदभुत जी को अपने ही करिश्मे से चुनावी समर में उतरना होगा|

अन्ना बाबु राव हजारे ने अपने नाम और फोटो के इस्तेमाल के कापी राईट [सर्वाधिकार]अरविन्द से वापिस लेकर किसी और के नाम कर दिए हैं|