Ad

Tag: कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी

सोनिया और राहुल ने कोविड को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया

(नई दिल्ली) सोनिया और राहुल ने कोविड को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया
सोनिया और राहुल ने कोविड को लेकर अलग अलग पीएम मोदी पर हमला किया #कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने सांसदों के वेतन से कटौती के सुझाव का तो स्वागत किया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार के विज्ञापन आदि के खर्च में भी 30 फीसदी की कटौती और ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के स्थगन का सुझाव दिया
इसके अलावा उन्होंने मंत्रियों की विदेश यात्राओं पर दो वर्ष की रोक लगाने की भी मांग कर डाली
अब जाहिर है प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर विदेशों में यात्राएं करते आ रहे हैं
इसके अतिरिक्त जीवन रक्षा दवाओं के निर्यात पर से अस्थाई रोक हटाने के नवीनतम फैंसले पर राहुल गांधी ने कहा के
भारत को सभी देशों की सहायता करनी चाहिए लेकिन जीवनरक्षक दवाइयां पहले भारतीयों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए
विदेश मंत्रालय के नए बने प्रवक्ता श्रीवास्तव के अनुसार भारत ने प्रत्येक मामले के हिसाब से पड़ोसी देशों समेत अन्य को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप यह फैसला किया गया है। जबकि सोशल मीडिया में यह खबर वायरल हो रही है के मलेरिया आदि दवाओं के लिए यू एस प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को चेतावनी दी है तभी भारत ने दवाओं के निर्यात पर लगाई रोक को मात्र दो हफ्तों में ही वापिस ले लिया है

एल के आडवाणी को ८५वे जन्म दिन की वधाईयां :राजनीतिक लालिमा और स्याही का गाढापन बरकरार है

एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता+ वरिष्ठ अधिवक्ता और अभी तक युवा पत्रकार लाल चंद किशन चंद आडवाणी को उनके ८५ वें जन्म दिन पर ढेरों वधाईयां | इस ८५वे जन्म दिन पर भी आडवाणी पर पीलापन नहीं छाया है कलम की स्याही के गाड़े पण को हल्का नहीं होने दिया है| उन्होंने अपने न्रेत्त्व की लाली को प्रगट करते हुए अपने पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के गलत कारनामों का पूरजोर विरोध किया और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी के एक अंश का अपने ब्लॉग में उल्लेख करके कांग्रेस की नीतिओं की धज्जियां उधेड़ी हैं|
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के ऊपर भ्रष्टाचार और गलत ब्यान बाजी के आरोप लग रहे है ऐसे में भजपा के जेठमलानी परिवार और एल के अडवानी द्वारा अध्यक्ष का पूर जोर विरोध मीडिया की सुर्खियाँ बना हुआ है| आज सुबह जन्म दिन की बधाई देने गडकरी अडवानी के निवास पर पहुंचे और अपनी स्थिति स्पष्ट की इसे एल के आडवानी के नजरिये की जीत माना जा रहा है | भाजपा का एक धडा नितिन के इस्तीफे का विरोध करते हुए इसमें पार्टी की छवि के धूमिल होने की आशंका से ग्रसित है जबकि दूसरों का मानना है कि अध्यक्ष के इस्तीफे से न केवल पार्टी की छवि सुधरेगी बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपण से घिरी कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पर भी हमलावर होने का अवसर मिलगा| एल के आडवाणी को ८५वे जन्म दिन की वधाईयां :राजनीतिक लालिमा और स्याही का गाढापन बरकरार है [/caption
एल के आडवाणी वरिष्ठ पत्रकार है मगर उन्होंने पत्रकारिकता की नई विधा ब्लॉग को लिखने की शुरुआत सात जनवरी २००९ से की हैजिसके माध्यम से विसंगतियों पर आक्रमण के साथ अपना राजनितिक[विपक्ष] धर्म भी निभा रहे हैं| अपने नवीनतम ब्लाग में प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के प्रति इर्ष्या डाह का चित्रण किया है और नेहरू की नीतिओं की आलोचना की है|
आडवाणी ने अपने ब्लॉग में ३० अक्टूबर , २०१२ को ,पायनीयर में छपी एक नई स्टोरी का उल्लेख किया है| सरदार पटेल कि जन्म शती[१३७] पर छापी गई इस स्टोरी में हैदराबाद के भारत में विलय को लेकर नेहरू की तुष्टिकरण की नीति को उजागर किया गया है|इसमें लिखा गया है कि नेहरू जान बूझ कर हैदराबाद को भारत में शामिल करने के पटेल के प्रयासों को विफल कर देना चाहते थे |इस न्यूज स्टोरी में बताया है कि हैदराबाद के विलय को लेकर सरदार पटेल हैदराबाद की निजी सेना के निरंकुश अत्याचारी २ ,०० ,००० रजाकारों से मुकाबिला करके हैदराबाद को अन्यायी निजाम से मुक्त करना चाहते थे जबकि नेहरू इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहते थे|इसी लिए आयोजित एक भरी केबिनेट मीटिंग में नेहरू ने तत्कालीन उप प्रधान मंत्री पटेल का अपमान करते हुए उन्हें कम्म्युनालिस्ट बताया |इस अपमान का पटेल के दिल पर गहरा असर हुआ और उसके बाद उन्होंने कभी केबिनेट की मीटिंग अटेंड नहीं की|
इस पर भी नेहरू के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया| दिसम्बर १५ , १९५० को सरदार पटेल के निधन पर नेहरू ने दो नोट तैयार करके भेजे एक नोट में सरदार पटेल द्वारा इस्तेमाल की जा रही ऑफिसियल किडिलैक कार [ Cadillac ] को वापिस मंगवाने का आदेश दिया गया था और दूसरे नोट में , सरका र के सचिवों को यह हिदायत दी गई थी कि अगर वोह पटेल की अंतिम संस्कार में जाना चाहते हैं तो अपने खर्चे से जायेंगे | उस समय वी पी मेनन ने सारा खर्चा ]स्वयम अपनी जेब से उठाया

    एल के अडवाणी ने पी एम् की रेस से फाईनली नाम वापिस लिया

एल के अडवाणी ने आज अपने ८५ वें जन्म दिन पर प्रधान मंत्री पद की रेस से अपना नाम फायनली हटा लिया |उन्होंने कहा है कि पी एम् के पद से पार्टी ज्यादा अहम है|सम्भवत इस त्याग से उन्होंने आरोपों से घिरे नितिन गडकरी और उन्हें बचाने वाले आर एस एस को भी एक सन्देश दे दिया है|उन्होंने एनडीए का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने की सारी अटकलों को खारिज कर दिया। आडवाणी ने कहा, ‘पार्टी और देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है। यह प्रधानमंत्री बनने से कहीं ज्यादा है।’
प्रधानमंत्री बनने की आडवाणी की इच्छा पर खूब चींटा कसी होती रहती है कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी इच्छा अधूरी ही रह गई।
एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद का कोई उम्मीदवार फिलहाल तय नहीं हुआ है, लेकिन नरेंद्र मोदी का नाम अक्सर उछाला जाता है। और जब जब ऐसा होता है, तो मोदी के विरोधी माने जाने वाले लोग आडवाणी का नाम उछाल कर मोदी की अहमियत कम करने की कोशिश करते हैं। कुछ वक्त पहले जब इस बात की काफी चर्चा थी कि मोदी एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाल कृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता दिया था। इससे पहले अपने ब्लॉग में भी अडवानी ने अगला प्रधान मंत्री गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी बन्ने की भविष्य वाणी की है|