झल्ले दी झल्लियां गल्लां
आम परेशान
ओये झल्लेया ये दिल्ली में क्या भसूड़ी पै गई|आम आदमी पार्टी की जुम्मा जुम्मा एक महीने की सरकार को पालने में ही खत्म करने की साजिश रची जाने लगी है |एक तरफ “आप” के जन लोक पाल बिल को रोकने के लिए भाजपा और कांग्रेस तमाम तरह के कानूनी अडंगे लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ बिन्नी+शौकीन+शोएब इकबाल ++जैसी सीखों को अलग करके एक नया झाड़ू बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है सरकार को माइनॉरिटी में लाने की कंस्प्रेसी हो रही है |२८ में से अब ओनली २७ विधायक ही रह गए हैं |ऐसा चलता रहा तो आप का झाड़ू बिखर जायेगा
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही २०१४ के चुनावों में फेस सेविंग की फिक्र में दुबले हुए जा रहे हैं इस सबको देख कर अब यह चिंता सताने लगी है कि कही जन लोक पाल के मुद्दे को लेकर ये अरविन्द केजरीवाल सरकार ही छोड़ दे अगर ऐसा हो गया तो समझो पांच सालों के लिए गई भैंस फिर से पानी में
झल्ला
अरे भाई जान ये सत्ता का नशा है जब चढ़ता है तो नाचता है और जब उतरता है तो नचाता है |और इसी नशे के नशेड़ी कभी कभी नए नशे के चक्कर में छछूंदर सरीखे मुह में रख लेते हैं और ये तो आप भी जानते हो कि छछूंधर बड़े से बड़े विषधर की भी ऎसी की तैसी कर देता है
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