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Tag: झोट्टों की लड़ाई झुंडों का नाश

पँजांब की सियासत में सिद्धू असफल और राहुल+चन्नी सफल सियासतदां (व्यंग)

                                              झल्लीगल्लां

पंजाबीचिंतक

ओए झल्लेया!आज हसाडे सोने पँजांब की पृष्ठभूमि पर नाकाम सियासतदां और मुक़म्मल सियासतदां में फर्क समझा ।

झल्ला

भापा जी!पँजांब की सियासत में सिद्धू असफल और राहुल+चन्नी सफल सियासतदां (व्यंग)

नाकाम सियासतदां समझो लाफिंग जट्ट नवजोत सिंह सिद्धू।प्रदेश में सबसे लोक प्रिय+सबसे कर्मठ+ईमानदार लेकिन इनसे  पहले मंत्रिपद गया । अब सीएम की कुर्सी मिलते मिलते हाथों से खिसक गई।अब बेचारे ओनली सीएम के संलग्नक बने घूम रहे हैं

और मुकम्मल बोले तो आज की राजनीति में  सफल सियासतदां समझो तो चरणजीत सिंह चन्नी

निर्दलीय विधायक कांग्रेस में लौटे और  दो जट्टों की लड़ाई में मलाई दलित की थाली में आ गिरी।वैसे यहां एक और कहावत चरितार्थ होती है ।बोले तो पंजाबी बिल्लियों की लड़ाई में दिल्ली के बंदर मामा ने अपनी बिसात बिछा ली ।इसीलिएझोट्टों की लड़ाई में झुंडों का तो जो हुआ सो हुआ मगर  सबसे सफल  तो दिल्ली वाले ही हुए