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Tag: नरेंदर मोदी

नीतिश कुमार ने बिहार में शिव सैनिकों की भाषा का प्रयोग किया और बाहर वाले[नरेंदर मोदी] को साफ करने का सन्देश दिया

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

जे डी [यूं ] के छूट भैय्या

ओये झल्लेया देखा हसाडे मुख्य मंत्री नितीश कुमार जी ने गुजरात के मुख्य मंत्री की किस तरह उतार कर रख दी| बेशक दूर के ढोल सुहावने लगते हैंलेकिन बिहार का भला बाहर से आया आदमी नहीं कर सकता |गुज्जू नरेंद्र मोदी ने तो बार बार लगातार बिहार का रास्ता ही पकड़ लिया है | बिहारियों का जीना हराम कर दिया है|अब जब पानी सर से ऊंचा उठ गया तो बिहारी नीतिश बाबू को भी कहना पड़ गया कि नरेंद्र मोदी तो बाहर का आदमी है और धनतेरस के दिन बिहार के लोगों ने जो झाडू खरीदे हैं, बाहर से आए कचरे को वे उसी से साफ करेंगे और अपने घर एवं बिहार को स्वच्छ बनाएंगे + बिहार से अंधेरे को सदा-सदा के लिए मिटा देंगे।

झल्ला

अरे मेरे भोले भैय्या जी अन्दर वाले बाहर वाले को साफ करने की भाषा तो मुम्बइकर शिव सैनिकों की है इसी भाषा को आप लोग क्रिटिसाइज करते आ रहे हैं और सवयम उसी भाषा का प्रयोग करने लग गए |अब या तो शिव सैनिक ठीक हैं या फिर आप भी कहीं ना कहीं गलत हो |क्यों जी में कोई झूठ बोलेया?

नरेंदर मोदी को सैलूट मारने के चक्कर में कांग्रेसियों ने हाथ धो के लुधियानवी सुपर कॉप गिल के पीछे भी पड़ जाणा है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो कमाल हो गया सरदार कँवर पाल सिंह गिल [के पी एस गिल]ने एक झटके में हसाडे कमळ को और खिला दिया|ओये पंजाब के इस रिटायर्ड सुपर कॉप ने हसाडे नरेंद्र भाई मोदी को क्लीन चिट दे दी है |गुजरात में सुरक्षा सलाहकार रहे इस आई पी एस आफिसर ने कह दिया है कि गुजरात में २००२ के दंगों में नरेंदर मोदी का कोई हाथ नहीं है इन दंगों के लिए मोदी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता | अब तो हो गई न गुजरात से दिल्ली की राह आसान ?

झल्ला

सेठ जीतुम्हारे चक्कर में ये बेचारा लुधियानवी पुलसिया भी गया बारह के भाव |इन कांग्रेसियों ने गिल को नहीं छोड़ना हाथ धो कर पीछे पड़ जाना है|इनकी बायोग्राफिकल किताब पैरामाउंट कॉप[ ParamountCop] को फाड़ कर फैंक देना है और अगर इनका बस चल गया तो सारी उम्र की सेवाओं को तीली दिखाकर पद्मश्री एवार्ड भी वापिस ले लेना है|क्या कहा ऐसा नहीं हो सकता अरे भोले सेठ जी लगता है कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर के खिलाफ गाये जा रहे कांग्रेसी राग वीभत्स के स्वर अभी तक आप जी के कानों में नहीं पहुंचे हैं |

नितीश ने पहले मोदी को उकसाया अब कह रहे हैं कि मेरे बिहार में तुम्हारा क्या काम है?:पंगा लिया तो भाई भुगतो

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

बौखलाया जे डी यूं छुटभईया

ओये झल्लेया ये कौन सी नई विपदा हसाडे सर पर आ पड़ी है ?ओये हमने भाजपा से नाता तोड़ कर कुछ चैन की साँस ही ली थी कि नरेंद्र मोदी ने हमारा जेना हराम कर दिया |ओये पहले हसाडे ठीक नाक के नीचे पटना के गांधी मैदान में ,रविवार के अवकाश में, रैली कर ली अब वहाँ आतंक वादियों ने बम फोड़ दिए तो हसाडा क्या कसूर ? घर पर आराम से बैठने के बजाय ६ लोग इन धमाकों में मरने आ गए तो उनपर राजनीती करने की क्या जरुरत है ?देख तो आज फिर मोदी बिहार में आ धमके हैं और मृतकों के परिवार जनों को ५-५ लाख रुपये के चेक देकर हसाड़ा मजाक उड़वा रहे हैं| इसके अलावा यार ये तो अस्थि कलश यात्रा निकाल कर हसाडे वोट बैंक की ऐसी की तैसी करने पर तुल गए हैं |

झल्ला

पंगा तो आपजी का ही लिया हुआ है|एक संसद का इलेक्शन लालू प्रसाद यादव से हारते ही आपने कांग्रेस से समझौते की पींगे बढ़ाना शुरू कर दी इसके लिए अपनी जड़ों में बैठे भाजपा से नाता तोड़ लिया|आप तो यहीं नहीं रुके |आपने मोदी की रैली में धमाकों के लिए उन्ही पर ऊँगली उठानी शुरू कर दी और तो और मोदी को उकसाते हुए आपने यह पूछना शुरू कर दिया कि मोदी मृतकों के परिजनों से मिलने क्यूँ नहीं गए ?अब जब मोदी आपजी के ही बिहार में आप ही के विक्टिम्स के प्रतुइ संवेदना प्रगट करने आ गए तो आप जी के पेट में मरोड़ पड़ने शुरू हो गए| भाई पंगा लिया है तो भुगतो

राहुल गाँधी की आईएसआई वाली कहानी को मोदी ने एनकैश करना शुरू किया तो अखिलेश यादव ने खजाने के मुंह खोल दिए

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

सपाई चीयर लीडर

ओये अब तो मानता है न कि मुसलमानों की सच्ची हमदर्द हसाडी समाज वादी पार्टी ही है इसीलिए अब मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने मुज्जफर नगर के दंगों में विस्थापित हुए १८०० मुस्लिम परिवारों को पुनर्वास के लिए ९० करोड़ रुपये देने की घोषणा कर दी है|ओये राहत शिविरों में रहने वाले प्रत्येक मुस्लिम परिवार को ५-५ लाख रुपये मिल जायेंगे

झल्ला

पहलवान जी अभी तक तो आप लोग इन्हें जाति/बिरादरी संघर्ष ही बता रहे थे | अब अचानक आप लोग सम्प्रदाइक दंगों के पीड़ित बता कर इन्हें कहीं और बसने के लिए सरकारी खजाने का मुह खोल रहे हैं |कहीं ऐसा तो नहीं कि कांग्रेसी राहुल गाँधी की आई एस आई वाली कहानी और उसे एनकैश करने की भाजपाई नरेंदर मोदी की कुश्ती से घबरा कर ये सरकारी खजाने का मुंह तो नहीं खोला जा रहा |

अब चूंकि किले की खुदाई में स्वर्ण और सत्ता दोनों हैं ऐसे में माफ़ करना सर फुटटोवल तो होनी ही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

उग्र भाजपाई

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?देख तो शोभन सरकार के नाम पर उनके परम शिष्य [एक्स कांग्रेसी नेता ] ॐ अवस्थी ने हसाड़े सोणे नरेंदर मोदी के खिलाफ सियासी जंग ही छेड़ दी है | राजा[तालुकेदार] राम बक्श सिंह के उन्नाव किले में खुदाई करवा कर एक हजार टन सोना पैदा करने के घोषणा अभी साकार नहीं हुई है और बाबा ॐ अवस्थी जी ने सियासी तेवर अपनाने शुरू कर दिए हैं लेकिन मोदी भी कोई कच्ची गोलियां नहीं खेले हैंउन्होंने ॐ अवस्थी के बजाय शोभन सरकार के तप और त्याग को प्रणाम करके विवाद समाप्त करने को पहल कर दी अब देखना है कि ये बात कहाँ तक आगे जाती है|

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी बुजुर्गों ने कहा है कि कनक अर्थार्त सोने[स्वर्ण] में १०० गुनी मादकता होती है और सत्ता का मद सबसे अधिक नशीला होता है अब चूंकि किले में सोने के लिए खुदाई हो रही है और केंद्र +राज्य सरकारें इशारे पर चलने लगी है [या इसका उलटा] अर्थार्त स्वर्ण और सत्ता दोनों ही मौजूद हैं ऐसे में माफ़ करना सर फुटटोवल तो होनी ही थी

हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे क्या वाकई रंडी रौणा ले के बैठ जाता है?

हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे क्या वाकई रंडी रौणा ले के बैठ जाता है? भाजपाई नरेंदर मोदी कहंदा है कि हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे रंडी रौणा ले के बैठ जांदा है|इस एक जुमले को लेकर लाखों की भीड़ के सामने मोदी ने पी एम् की पगड़ी उछाली+मीडिया को आईना दिखाने का प्रयास किया |
मालूम हो कि फर्स्ट पोस्ट ने जिओ टी वी के हामिद मीर के हवाले से यह खबर लीक की जिसे लेकर[बिना नाम लिए] एन डी टी वी की बरखा दत्त की बर्फी में भी मोदी ने नमक डालते हुए उलाहना दे डाला कि ऐसे भारतीय टी वी के रिपोर्टर को बर्फी वही फैंक कर लौटा आना चाहिए था| ।दिल्ली में अपनी एतिहासिक चुनावी सभा में उठाये गए इस रंडी रौणे से मीर और बरखा दोनों ने अपना पिंड छुडाते हुए रंडी रौणा होने से ही इनकार कर दिया है |मीर के अनुसार ऐसा कुछ कहा ही नहीं गया और बरखा का कहना है कि इस तरह से नहीं कहा गया |इसके अलावा यह भी मालूम हुआ है कि सोणे मन मोहणे ने अपने समकक्ष नवाज के साथ अपनी मुलाक़ात में कोई शराफत नहीं दिखाई और ना ही रंडी रौणा ही रोया |सरदारों की भाषा में कह दिया कि सीमा पर शांति बहाली के बगैर बात चीत की गाडी आगे नहीं बढेगी| अब आप ही बताओ कि इनमे से किसका रौना सही है?
[१] भाजपा के नरेंदर मोदी
[२ ]एन डी टी वी के बरखा दत्त या फिर
[३ ]पाकिस्तानी जिओ टी वी के हामिद मीर

नरेंदर मोदी ने केंद्र सरकार पर अपने तरकश से नेतृत्व+ क्षमता+ मंशा + इरादे और देश की इज्जत जैसे भावनात्मक तीरों को जम कर छोड़ा

नरेंदर मोदी ने केंद्र और दिल्ली की प्रदेश सरकार पर अपने तरकश से नेतृत्व+ क्षमता+ मंशा + इरादे और देश की इज्जत जैसे भावनात्मक तीरों को जम कर छोड़ा |
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में जनता के सामने ‘शहजादा’ और ‘सेवक’ के बीच चुनाव का विकल्प देकर मिशन 2014 का शंख फूंक दिया उन्होंने परोक्ष रूप से ‘राजतंत्र’ और ‘लोकतंत्र’ का सवाल उठा कर कांग्रेस के परिवारवाद पर तीखी चोट की। अनेको भावनात्मक बिंदुओं को छूते हुए उन्होंने एक साथ केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ कांग्रेस को भी कठघरे में डाला |
दिल्ली के जपानी पार्क से चुनावी शंखनाद करते हुए मोदी ने अपने तरकश से नेतृत्व+ क्षमता+ मंशा + इरादे और देश की इज्जत जैसे भावनात्मक तीरों को छोड़ कर अपना लक्ष्य आसान किया । दिल्ली में रविवार को उस वक्त जहां हर ओर बारिश हुई, सभा स्थल पर हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा थी।एस एखुश्गावर मौसम में दागियों को बचाने के अध्यादेश के सवाल पर मनमोहन और राहुल गांधी पर मोदी जम कर बरसे
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से डॉ मनमोहन सिंह को ‘देहाती औरत’ कहे जाने पर जहां नवाज को उसकी औकात की याद दिलाई वहीं इसके लिए राहुल को जिम्मेदार ठहरा कर कांग्रेस को भी लपेट लिया। अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने पी एम् द्वारा जताई गई लाचारगी को भी देश लिए शर्मनाक बताया।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने आर्डिनेंस का को नान सेन्स कह कर सरे आम अपने पी एम् की पगड़ी उछालकर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को मजबूती प्रदान की है|
मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत ही कांग्रेस में परिवारवाद से की| चुटकियों के अंदाज में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकारों के बोझ से दब गई है। दिल्ली राज्य में एक सरकार ‘मां’ [शीला दीक्षित] की है तो दूसरी ‘बेटे’ की। जबकि केंद्र में जहां सरदार की सरकार बेअसरदार है वहीं मां और बेटे के साथ साथ ‘दामाद’ की भी सरकार चलती है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन बनता अंकगणित से लेकिन वह चलता केमिस्ट्री से है। संप्रग सरकार में वह केमिस्ट्री कभी नहीं बन पाई। लिहाजा सहयोगी दलों को भी नेतृत्व और सरकार के आचरण पर विचार करना चाहिए। भ्रष्टाचार, नीतिगत अनिर्णयता आदि का उल्लेख करते हुए मोदी ने यह भरोसा दिलाने की कोशिश की अब कांग्रेस की डर्टी टीम नहीं भाजपा की ड्रीम टीम ही देश को पुराना गौरव दिला सकती है। वी के गोएल+वी के मल होत्रा+ हर्षवर्धन+नव जोत सिंह सिद्धू+नितिन गडकरी अदि ने भी विचार व्यक्त किये

भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ से एक दिन पहले राजनीती अब टोपी और तिलक से नीचे खिसक कर बुर्के पर आ टिकी है

भारतीय राजनीती अब टोपी और तिलक से नीचे खिसक कर बुर्के पर आ टिकी है|मध्य प्रदेश में 25 सितंबर को होने वाले भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ से एक दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस ने बुर्के पर राजनीति को उछाल दिया जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा में घमासान मचा हुआ है|
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंदौर में एक बिल दिखाकर भाजपा पर 446 रुपये प्रति नगकी दर से 10 हजार बुर्कों का ऑर्डर देने का आरोप लगाया है|
लेकिन कांग्रेस महासचिव ने जिस दुकानदार को बुर्कों का ऑर्डर देने का दावा किया था शीतला माता बाजार स्थित उसी जीनत स्टोर्स के मालिक ने कांग्रेस नेता के आरोपों को यह कह कर खारिज कर दिया कि यह बिल नहीं, बल्कि मात्र कोटेशन है। उसने कहा कि 23 सितंबर को एक शख्स उनसे दस हजार बुर्कों का कोटेशन लेकर गया था। जिसे बिल बताया गया जाहिर है साजिशन कोटेशन लेकर उसे बिल के रूप में प्रचारित किया गया
इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने ही यह आरोप भी लगाया था कि भाजपा लखनऊ से टोपियां खरीद रही है और वह पार्टी की रैली में नकली मुसलमानों को बुर्के व टोपी में पेश करने की तैयारी कर रही है।
भाजपा ने इस संबंध में दिग्विजय द्वारा दिखाए गएबुर्के की खरीद सम्बन्धी ४४ लाख ६० हज़ार के बिल को फर्जी करार दिया है ।गौरतलब है कि टोपी नहीं पहनने पर नरेंदर मोदी की आलोचना होती रहती है अब बुर्के के दुरूपयोग के स्कैंडल को उछाल कर भाजपा के इस महा कुम्भ से मुसलमानों को रोकने की सियासी कवायद शुरू हो गई है|

जिस दिन बुर्के से बाहर आकर राजनीती शुरू हो जायेगी,उसी समय हसाडा देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाणा है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी मुस्लिम मौलवी

ओये झल्लेया ये पोलिटिशियंस को क्या हो गया है ?सारे के सारे हमारे मजहब में आत्मसम्मान के प्रतीक बुर्के[ Veil ] के पीछे पड़ गए हैं पहले भाजपाई नरेन्द्र मोदी ने पुणे के फ‌र्ग्यूसन कॉलेज से दिल्ली की कांग्रेस को धर्मनिरपेक्षता का बुर्का पहनाया| अब अजय माकन ने वोह बुर्का तो पहन लिया और उसे साम्प्रदाईक्ता से बेहतर भी बताया |भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कांग्रेसी सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को को बुर्के के लायक बताने में कोई देर नही लगाई |ओये अगर इन्हें एक दूसरे को नीचे दिखाना है तो अपने मजहब के चुन्नी+ओढ़नी +दुपट्टा+पर्दा+घूंघट को यूज करना चाहिए |

झल्ला

भाई मियाँ जिस दिन ये लोग बुर्के से बाहर आकर राजनीती करने लगेंगे उसी समय से हसाडा देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाणा है|