झल्ले. दी गल्लां
एक बुद्धिजीवी ;
ओये झल्लेया!
शेक्सपियर के अनुसार नाम में कुछ नहीं रखा मगर ये बीजेपी की सरकार तो आए दिन नाम बदलने में ही लगी हुई है, अब बेचारे इतालवी मार्कोनी की खोज रेडियो के पीछे पड़ गए, कहा जा रहा है “रेडियो नही ‘आकाशवाणी’ कहिए”
झल्ला;
भापा जी! इनके प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी के मन की बात को अगर टाइम कैप्सूल में डाला गया तो आने वाली पिडिया यही कहेगी कि (विपक्ष के इंद्र) विपेक्षेंद्रों को धूल च टा ने वाले
भगवान मोदी के “मन की बात” की आकाशवाणी
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