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Tag: सचिव रक्षा वित्त श्री अरूणव दत्त

.एक रैंक एक भुगतान नीति पर शीघ्रता से कार्य करने के लिए रक्षा लेखा महानियंत्रक[ CGDA ] को आदेश जारी

.एक रैंक एक भुगतान नीति पर शीघ्रता से कार्य करने के लिए रक्षा लेखा महानियंत्रक[ CGDA ] को ईएसडब्ल्यू,[ ESW ] रक्षा मंत्रालय के वित्त अनुभाग औऱ तीनों सैन्य सेवाओं के साथ विचार कर तत्काल आवश्यक कदम उठाने का निर्देश जारी किये गए | रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने महत्कांक्षी ओआर ओ पी की योजना को लागू करने के लिए रक्षा लेखा महानियंत्रक को ईएसडब्ल्यू, रक्षा मंत्रालय के वित्त अनुभाग औऱ तीनों सैन्य सेवाओं के साथ विचार कर तत्काल आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने परिवार पेंशनभोगियों और विकलांगता पेंशनभोगियों को भी इसमें शामिल किए जाने पर जोर दिया है। श्री एंटनी ने कहा कि इस सेवा में भूतपूर्व सैनिकों से भी उचित रूप से विचार-विमर्श किया जा सकता है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री .एंटनी ने कहा है कि सरकार ‘एक रैंक, एक भुगतान’ नीति (ओआरओपी) क्रियान्वित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए आवश्यक धन सरकार हर हाल में मुहैया कराएगी। बुधवार को रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ और सैन्य सेवा के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री एंटनी ने बताया कि इस नीति की क्रियान्वयन के लिए वित्त मंत्री ने 500 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने का संकेत दिया है।
ओआरओपी नीति के क्रियान्वयन के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए श्री एंटनी ने यह बैठक बुलाई थी। रक्षा राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह, रक्षा सचिव श्री आर.के माथुर, भूतपूर्व सैनिक कल्याण (ईएसडब्ल्यू) सचिव श्रीमती संगीता गेरोला, सचिव रक्षा वित्त श्री अरूणव दत्त और तीनों सैन्य सेवाओं के उप प्रमुख और सैन्य मुख्यालय से एडजुटेंट जनरल भी इस बैठक में शामिल हुए। लेकिन इस बैठक में रक्षा लेखा महानियंत्रक की उपस्थिति का उल्लेख नहीं किया गया| गौरतलब है कि रक्षा पेंशन का कार्य रक्षा लेखा विभाग द्वारा किया जाता है और रक्षा लेखा महानियंत्रक इस विभाग के अध्यक्ष हैं| इस विभाग भी बरसों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है|
इसमें स्पष्ट किया गया कि ओआरओपी के तहत समान सेवाकाल औऱ समान रैंक वाले सशस्त्र सैन्य बल के सभी सेवानिवृत कर्मियों को एक समान पेंशन मिलेगी और इसी तरह पहले से ही पेंशनभोगी कर्मी भी स्वतः पेंशन की दर में भविष्य में किसी भी तरह के बदलाव से लाभान्वित होंगे। एक रैंक एक पेंशन नीति मौजूदा पेंशनभोगियों और पहले के पेंशनभोगियों की पेंशन दर के अंतराल को खत्म करेगी।
उल्लेखनीय है कि रक्षा सेवाओं में पेंशन सुधार के मुद्दे को सरकार वर्ष 2006, 2010 और 2013 में यानि तीन मौकों पर प्रभावित कर चुकी है। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप वर्ष 2006 के पहले और इसके बाद सेवानिवृत्त कर्मियों का पेंशन अंतराल काफी हद तक खत्म हो चुका है। इस तरह अंततः सरकार ने लंबे समय से प्रतीक्षित रक्षा सेवाओं में ‘एक रैंक, एक भुगतान’ की मांग पर मुहर लगा दी है।
फ़ाइल फ़ोटो सी डी ऐ [पी डी]मेरठ