६३ वें गण तंत्र [वर्ष गांठ] पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति देश वासियों में एक विशेष उत्साह भर जाता है| राष्ट्रीय जन पथ पर परेड में बेशक शामिल न हो पायें मगर अपने घर एक अदद तिरंगा ले जाने की ख्वाईश जरूर जाग जाती है|अब तिरंगा कपडे का नही कागज़ का भी उपलब्ध है गांधी आश्रम में जाने की जरुरत नहीं घर के पास ही बाज़ार या ठेले पर मिल जाता है|
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तिरंगे के प्रति देश वासियों में एक विशेष उत्साह है: सेना को आधुनिक हथियारऔर सैनिक को सम्मान जनक वेतन भी जरुरी
भारतीय सेना ने भी गैंगरेप पीड़िता के गम में नए साल के सभी पारंपरिक उत्सव मनाने को मना किया
२३ वर्षीय
की मृत्यु के गम में डूबे देश के साथ भारतीय सेना ने अपने आप को जोड़ते हुए अपनी इकाईयों को नए साल के सभी पारंपरिक उत्सव मनाने को मना कर दिया है| सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह अपनी पत्नी बब्बल सिंह के साथ सेना अस्पताल में मरीजों की सेवा करके नया साल मनाएंगे| इससे पूर्व प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह और सत्तारुड यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी ने भी पीडिता के गम में शामिल होकर कांग्रेस के १२७वे स्थापना दिवस के अवसर पर ही नए साल की बधाईयाँ लेने और देने की औपचारिकता निभाने से मना कर चुके हैं|अब पुनः कांग्रेस सचिव जनार्दन द्विवेदी ने अपनी अध्यक्षा के आदेश को पुनः दोहराया है|चलती चार्टर्ड स्कूल बस में हुए २३ वर्षीय गैंगरेप पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी आज सोमवार को भी अपनी मुहिम पर डटे हुए हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर पर भीषण ठंड के बावजूद यहां लोग डटे हुए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रदर्शनकारी सिर्फ और सिर्फ इंसाफ की मांग कर रहे हैं। पीड़ित लड़की की मौत पर संवेदना तो व्यक्त की ही जा रही है, साथ ही नेताओं को जाग जाने की चेतावनी भी दी जा रही है
जेड सिक्युरिटी हटा कर सेना अपने पूर्व जनरल वी के सिंह को सहायक उपलब्ध करा कर शिष्टाचार निभाएगी
समाचार एजेंसी भाषा ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जनरल वीके सिंह को सहायक के रूप में कुछ कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे जो रोजाना के कामकाज में उनकी सहायता करेंगे । यह शिष्टाचार पूर्व सेना प्रमुखों और रेजीमेंटों के पूर्व कर्नलों को मिलता है । लेकिन श्री सिंह के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होंगे ।
आजादी के बाद हुए शहीदों की याद में स्मारक बनाने पर इंडिया गेट में सेना का कब्जा हो जाएगा
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक भाजपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये कांग्रेसी शीला दीक्षित ने दिल्ली में क्या तानाशाही मचा रखी है? कारगिल युद्ध के पश्चात से ही देश प्रेमियों द्वारा यह मांग उठाई जाती रही है किआजादी के बाद हुए शहीदों के लिए कोई राष्ट्रीय स्मारक बनना चाहिएजिसके लिए आजादी से पूर्व के शहीदों के लिए बनाए गए इंडिया गेट के समीप के स्थान को ही उपयुक्त माना गया है| अब जाकर रक्षा मंत्री ने यहाँ स्मारक बनाने पर सहमति दे दी है और ये दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित कह रही हैं की शहीदों का स्मारक इंडिया गेट पर नहीं बनाना चाहिए |उसके लिए कहीं और जगह ढूँढी जानी चाहिए
झल्ला
ओ मेरे भोले सेठ जी ये सारा कब्जे का खेल है |कौरवों ने तो एक इंच भूमि के बदले महाभारत कर दिया था और शीला दीक्षित अपने हाथों से इंडिया गेट जैसा विश्व प्रसिद्द स्मारक भारतीय सेना के कब्जे में कैसे जाने दे सकती हैं|नहीं समझे सेठ जी शहीदों का स्मारक बनाने पर यहाँ पर कब्जा तो सेना को जाना है और ये सेना वाले तो बड़े बड़े नेताओं को भी सोच समझ कर ही आने जाने देते हैं
सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान में असम रेजिमेंट के छह जवान शहीद और एक लापता
कई सालों में पहली बार इस ग्लेशियर क्षेत्र में भारतीय चौकी हिमस्खलन की चपेट में आई है ।
ऐसा नहीं की केवल भारतीय ही बर्फीले तूफ़ान की चपेट में आते हैं बल्कि पिछले साल इसी क्षेत्र में हिमस्खलन में पाकिस्तानी शिविर चपेट में आया था और 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
भारत ने पिछले करीब 30 साल से सियाचिन में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं। यहाँ भारत ने दुश्मन की गोलियों से कहीं अधिक जवान मौसम और प्रतिकूल भौगोलिक स्थितियों की वजह से गंवाए हैं।सम्भवत इसीलिए यहाँ से जवान हटाने के लिए पकिस्तान और भारत में बात हो रही है| कई दौर की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान कुछ साल पहले इस क्षेत्र के सैनिक हटाने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन समझौता नहीं हो सका
भारतीय जनरल बिक्रम सिंह ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस बर्फीली चोटी से हटना नहीं चाहती है जिसके लिए उनसे अपना काफी खून बहाया है। उन्होंने कहा कि सेना ने अपने विचार से सरकार को अवगत करा दिया है और अंतिम फैसला उसे करना है।
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