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Tag: ऍफ़ डी आई सी बी आई

सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या लोक तंत्र का संसद में खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है ? एक तरफ तो ऍफ़ डी आई के विरोध में बंद कराते हैं|संसद में गला फाड़ते हैं और वोट देने के नाम पर ऍफ़ डी आई को जितवा देते हैं| पहले लोक सभा में बहस करने के बावजूद वोटिंग के टाईम पर बेहद बचकाना बहाना बना कर बाहर निकल गए फिर राज्यसभा में तो हद ही हो गई | इन्होने उच्च सदन में सी बी आई बनाम भाजपा बनाने का प्रयास कर दिया| यहाँ तक की उच्च सदन की मर्याद को तार तार करते हुए सदन की कार्यवाही को बेशक दस दस मिनट्स के लिए ही सही मगर दो बार स्थगित करवा दिया| एन सी पी ने भी ऍफ़ डी आई का विरोध का संकेत देकर महाराष्ट्र में दोबारा अपना उप मुख्यमंत्री बनवा लिया| इन सभी ने साबित कर दिया है दिया है की सारी बातें मत्थे मगर पतनाला वहीं गिरेगा|खैर ये डाल डाल तो हम भी पात पात|हमने भी इन्हें यूं पी में बेनकाब करके इन्हें कांग्रेस की गोद में बैठा साबित कर ही दिया |अबदेखेंगे की ये चुनावों में कांग्रेस की मुखालफत कैसे करते हैं|

सोणी मनमोहनी सरकार कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है

झल्ला

ओ भोले सेठ जी बड़ी पुराणी कहावत है की रब्ब नेड़े[नजदीक]या घुसन्न[घूँसा]|जिस बेचारे को हर समय घूंसा दिखाई देता हो तो उसको रब्ब की परवाह नहीं रहती|एक पार्टी के मुख्यमंत्री ने तो सरे आम यह स्वीकार भी कर लिया की उनकी पार्टी ने हमेशा यूं पी ऐ को बचाया है मगर वक्त पड़ने पर उन्हें कौन बचाएगा?इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी सी बी आई को फटकार लगाई जा चुकी है| सेठ जी वास्तव इन दोनों संकट मौचक पार्टियों की गर्दन सरकार के हाथ में हैं| इसीलिए हसाड़ी सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से घड़ी घड़ी साईकिल और हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है|