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Tag: एयर लाइन्स

भरपुर कमाई करने वाली एक भी भारतीय एयर लाईन्स सुरक्षित नही है ?

भरपुर कमाई करने वाली एक भी भारतीय एयर लाईन्स सुरक्षित नही है ?

नागर उड्डयन व्यवसाय में आमदनी के छेत्र में अव्वल दर्जे का दावा करने वाली भारतीय विमानन कम्पनियाँ वास्तव में सुरक्षा के नाम पर फिस्सडी साबित हो रही है|इंडिगो ,एयर इंडिया या स्पाइस जेट कमाई के लिहाज़ से आज कल नंबर एक दो तीन का ताज पहनने का अपने मुह मियां मिट्ठू का दावा करते फिर रहे हैं लेकिन इनमे यात्रा करना कितना सुरक्षित है यह जेट एयरलाइनर क्रेश डाटा इवेल्यूएशन [जे.ऐ.सी,डी.ई.सी].सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट में दर्शाया गया है|
जे.ऐ.सी,डी.ई.सी विमानन छेत्र में दुर्घटनाओं का अध्ययन करने के लिए प्रसिद्ध है| इस संस्था ने उड्डयन पर स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की है इसके द्वारा प्रकाशित सेफ्टी रैंकिंग में १० सुरक्षित और १० असुरक्षित एयर लाईन्स का उल्लेख किया गया है|सुरक्षित दस एयर लाइन्स में एक भी भारतीय सरकारी या निज़ी एयर लाईन्स को स्थान नहीं मिला है असुरक्षित एयर लाईन्स में एयर इंडिया को जरूर बीते ३० सालों में तीन क्रैश के साथ ३२९ मौतों के साथ टाप थर्ड स्थान दिया गया है| एयर इंडिया को चाइना एयरलाइंस और टैम एयरलाइंस के बाद सबसे असुरक्षित बताया गया है|
दुनिया में सबसे सफल और सुरक्षित ६० एयरलाइंस की सूची में एयर इंडिया का स्थान ५८ पर है| इस सूची में पिछले वर्ष हुई हवाई दुर्घटनाओं का जिक्र है। इसमें नेपाल समेत अन्य देशों में हुई दुर्घटनाएं भी शामिल है। जिसमें पाक में दुर्घटनाग्रस्त हुई भोजा एयरलाइंस, नाइजीरिया में दुर्घटनाग्रस्त हुई दाना एयरलाइंस का जिक्र भी शामिल है।। 60 एयरलाइंस पर की गई स्टडी में एयर इंडिया को 58वां स्थान मिला है।फिनएयर दुनिया की सबसे सुरक्षित एयरलाइन है, जिसके बाद न्यू जीलैंड और कैथ पसिफिक व अमीरात का नाम है। टॉप-9 रैंक में शामिल इन एयरलाइंस का बीते 30 सालों का रेकॉर्ड शानदार बताया गया है। इस अवधि में इन एयरलाइंस का कोई भी विमान हादसे का शिकार नहीं हुआ। यहां दिलचस्प और गौर करने लायक बात यह है कि इन सुरक्षित एयरलाइंस में से अधिकतर 30 साल के इस लंबे वक्त में ऐक्टिव नहीं रहीं।
इस सूची में फिनएयर को वर्ष 2012 में दुनिया की सबसे सुरक्षित एयरलाइंस बताया गया है। इसके बाद एयर न्यूजीलैंड, फिर कैथे पेसिफिक और एमिरात एयरलाइंस का नाम शामिल हैजेएसीडीईसी ने इस सूची को बनाने के लिए इस बात का भी अध्ययन किया है कि किस एयरलाइंस के पास कितने विमान हैं और वह किस कंडीशन में मौजूद हैं। इसके अलावा एयरलाइंस ने पिछले वर्षो में कितने हवाई जहाज गंवाए है,|

सुप्रीम कोर्ट ने एयर लाइन्स की हवाई गिरी को झटका देकर ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर रोक लगाई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक हवाई यात्री

ओये झल्लेया मुबारकां ओये अब एजेंटों के माध्यम से हवाई जहाज़ का टिकेट बुक कराना सस्ता हो गया है अब एजेंट के द्वारा टिकेट बुक कराने पर ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी पड़ेगी | सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी नाम से ग्राहकों से ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर कडाई से रोक लगा दी है|बैसिक किराए के बेतरतीब अंतर पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय का हथौड़ा चला दिया है|ओये अब इन एयर लाइन्स की हवाई गिरी नहीं चलने वाली |

एयर लाइन्स की ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर रोक

झल्ला

हाँ साहब जी पहले एयर लाइन्स यात्रियों के खींचने में बुकिंग या ट्रेवेल एजेंटों को कमीशन दिया करती थीउस कमीशन को बंद कर दिया गया तब इन्ही एयर लाइन्स ने ग्राहकों से ट्रांजैक्शन फीस वसूली शुरू कर दी|इसकी शिकायत किये जाने पर नागरिक उड्डयन नियामक [डी.जी.सी.ऐ] ने 17 दिसंबर को सर्कुलर जारी करके अपना मुह और ऑंखें दूसरी तरफ मौड़ ली \नतीजतन ये ट्रांजैक्शन फीस के नाम से की जा रही अवैध वसूली जारी है|अब डी जी सी ऐ का काम न्यायलय ने कर दिया है |न्यायमूर्ति डीके जैन व न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की पीठ ने इस पर यह कहते हुए नाराजगी भी जताई है कि डीजीसीए अपने ही परिपत्र [सर्कुलर] को लागू नहीं करा पा रहा है|इसके लिए पीठ को धन्यवाद
डी जी सी ऐ की अनदेखी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक हथौड़े से एक बात तो साफ हो चली है कि उड्डयन छेत्र में सब कुछ साफ़ नही है|कुछ कोहरा जरूर है|जर्मन फायनेंसर डी वी बी ने फेवोरोटिस्मके आरोप लगा कर डी जी सी ऐ को कटघरे में खड़ा कर दिया था |अब कोर्ट ने डी जी सी ऐ की खिंचाई करके भ्रष्टाचार के कोहरे को साफ कराने का सराहनीय प्रयास किया है लेकिन झल्लेविचारानुसार अब दी जी सी ऐ और मन मानी कराने वाली एयर लाइन्स पर कुछ दंडात्मक कार्यवाही भी जरुरी हो गई है|

एयर लाइन्स के उद्धार के लिए विदेशी निवेशक क्यूं नहीं आ रहे:निवेश और फ्लाईट्सकी सुरक्षा की गारंटी चाहिए

आज कल भारतीय निज़ी एयर लाइन्स में व्यापार के छेत्र में अग्रणी रहने का गुणगान करने की हौड सी लगी हुई है| आये दिन विशेष कर इंडिगो,स्पाईस जेट एयर इंडिया, जेट आदि के आंकडें आते रहते हैं|अपने मुह मियां मिट्ठू बनने की रेस के पीछे सरकार की ऍफ़ डी आई की नीति हो सकती है| कम्पनियाँ विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में लगी है |लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक कंपनियों की इस चुमब्कीय शक्ति का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है| इस नीति के अंतर्गत अब विदेशी निवेशक कम्पनी की इक्वेटी में ४९%तक निवेश कर सकते हैं|
कर्ज़ में डूबी किंग फिशर एयर लाईन्स के लिए अभी तक कोई विदेशी निवेशक सामने नहीं आया है| किंग फिशर,जेट और स्पाईस जेट भी साउदी अरेबियंस को लुभाने में लगे हैं यहाँ तक की ६१ फ्लीट से २५% मार्किट कब्ज़ा कर नंबर वन का ख़िताब अपने सर पर सजाये इंडिगो की वार्ता भी ब्रिटिश[सुरक्षित] एयरवेज से जारी है| यहइस कम्पनी के सबसे कमजोर विङ्ग [१]टिकेट्स और[२] लगेज के छेत्र में इम्प्रूवमेंट के लिए हो सकता है|
भारतीय उड्डयन का छेत्र अभी तक ऍफ़ डी आई को आकर्षित नहीं कर पाया है इसके पीछे बेशक कई कारण हो सकते हैं |निवेश और फ्लाईट्सकी सुरक्षा की गारंटी सबको चाहिएलेकिन दुर्भाग्य से इसका अभाव दिखाई दे रहा है|
[१]केंद्र सरकार की कुछ नीतियाँ
[२]टैक्स की भरमार
[३]कंपनियों में कर्मचारी असंतोष
[४]सेवा सुविधा का अभाव
[५]यात्रियों के प्रति व्यावसाईक द्रष्टिकोण का अभाव
[६]महंगे टिकेट्स आदि आदि
इन सबके अलावा एक मुख्य कारण है सुरक्षा का| फ्लाइट्स में देरी+दुर्घटना+दुर्व्यवहार +कर्मचारियों में असंतोष इनमे मुख्यत हैं|
जेट एयर लाइन्स क्रैश डाटा एवेलुएशन सेंटर [जे.ऐ.सी.डी.ई.सी]ने एक उड्डयन पर स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की है इसके द्वारा प्रकाशित सेफ्टी रैंकिंग में १० सुरक्षित और १० असुरक्षित एयर लाईन्स का उल्लेख किया गया है|सुरक्षित दस एयर लाइन्स में एक भी भारतीय सरकारी या निज़ी एयर लाईन्स को स्थान नहीं मिला है असुरक्षित एयर लाईन्स में एयर इंडिया को जरूर बीते ३० सालों में तीन क्रैश के साथ ३२९ मौतों के साथ टाप थर्ड स्थान दिया गया है|
अब सवाल यह उठता है कि सिविल एविएशन की नियामक डी जी सी ऐ के दावे थे कि कोहरे का असर फ्लाईट्स पर नहीं पड़ेगा [१]मगर कोहरे के कारण प्रतिष्टित आई जी आई एयर पोर्ट भी फ्लईट्स कैंसिल की गई| [२]यात्रियों के सामान के साथ खिलवाड़ की शिकायतें आ रही है|[३]यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार के किस्से बन रहे हैं[४]|यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाईट्स नही दी जा रही|एयर पोर्ट को यात्रियों के साथ कंपनियों के लिए भी दिनों दिन महंगा किया जा रहा है|[५]प्लेन्स में बेचे जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता की कोई जांच परख नहीं होरही [६] डोमेस्टिक उड़ान के लिए उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह अपने गृह प्रदेश, गृह जिला में भी कोई उपलब्धि हासिल नहें कर पाए हैं[७] अत्याधुनिक ड्रीम लाईनर कि दुर्दशा भी देखी जा रही है [८ ]यहाँ तक कि माननीय न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करके टिकेट्स के रेट्स पर कोई नियंत्रण नही बनाया जा सका है|ऐसे में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पहले अपने गिरेबान में झांक कर अपने घर को सुरक्षित करना जरूरी है

हवाई यात्रा के आनंद में वृद्धि करने के लिए अब यात्रा टिकट का प्रिंटआउट प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं होगा

हवाई यात्रा के आनंद में वृद्धि करने के लिए अब टिकट का प्रिंटआउट[हार्ड कापी] प्रस्तुत करना जरूरी नहीं होगा| अभी तक यात्रियों के लिए टिकट का प्रिंट आउट और पहचान पत्र साथ रखना आवश्यक था। इस नई सुविधा के अंतर्गत एयर पैसेंजर अब अपने टिकट की सॉफ्ट कॉपी मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप पर दिखाते हुए एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकेंगे |
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले रेलवे ने एक साल पूर्व ही यह सुविधा प्रदान कर दी थी।
अब यात्री अपने टैबलेट, लैपटॉप या मोबाइल फोन पर टिकट की सॉफ्ट कॉपी दिखाकर भी एयरपोर्ट के अंदर घुस सकेंगे। पूर्व में एयर लाईन्स के काउंटरों पर हार्ड कापी[टिकट का प्रिंट आउट]उपलब्ध करा दी जाती थी मगर उसके लिए एक धन राशि का भुगतान किया जाना अनिवार्य था अब इस भुगतान से भी बचा जा सकेगा |ऐ डी ऍफ़ में कटौती के बाद इस कदम का

हवाई यात्रा के आनंद में वृद्धि करने के लिए अब यात्रा टिकट का प्रिंटआउट प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं होगा

लाभ यात्रियों को दिया जाना आवश्यक होना चाहिए

चौधरी अजित सिंह पर १३ बर्खास्त पायलटों के टरमिनेशन आर्डर रद्द करने को दबाब

एयर इंडिया के १३ पायलटों के टरमिनेशन आर्डर को वापिस लेने के लिए इंडियन एयर लाइन्स पायलेट बाडी [आई सी पी ऐ] ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह से निवेदन किया है|इस बाडी ने मंत्री को अवगत कराया है कि निष्कासन से इन पायलटों को अपना घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है|

Civil Aviation Minister Choudhry Ajit Singh


एसोशियेशन ने कहा है कि सभी निष्कासित पायलटों को वापिस लिए जाने से वर्किंग एन्वायर्नमेंट सुधरेगा | इससे पूर्व भी अनेकों फोरम से ऐसे निवेदन किये जा चुके हैं |
गौरतलब है कि एयर लाईन्स मेनेजमेंट द्वारा ४०० पायलटों के दो महीने की हड़ताल पर जाने के कारण १०१ पायलटों को निष्कासित कर दिया गया था और उनकी गिल्ड की मान्यता भी रद्द कर दी गई थी| बाद में कोर्ट के आदेशानुसार सभी पायलटों को वापिस काम पर ले लिया गया था|लेकिन उनमे से १३ पायलटों को छोड़ दिया गया था| ये सभी १३ पायलट हड़ताली कोर कमेटी से जुड़े थे |
अब चूंकि ड्रीम लाईनर और लिए जाने हैं और ट्रेंड पायलट्स की स्वाभाविक जरुरत होगी ऐसे में वर्किंग एनवायरनमेंट को सुधारने के लिए इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना उचित ही होगा