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नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार

नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के लिए अमेरिकी वीजा की वकालत क्या की के भारत में सियासी हलकों में भूंचाल गया है| १२ दलों के 65 सांसदों ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपील की है कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाएरखें |
12 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वाले इन ६५ सांसदों ने ओबामा को लिखे पत्र में कहा है, ‘हम सम्मानपूर्वक आपसे अपील करते हैं कि मिस्टर मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखा जाए।’| राज्यसभा के 25 सदस्यों + लोकसभा के 40 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ये पत्र 26 नवंबर और 5 दिसंबर 2012 को लिखे गए थे जिन्हें रविवार के अवकाश के दिन व्हाइट हाउस को फिर से फैक्स किया गया है।
राजनाथ सिंह ने न्यू जर्सी में दिए अपने पहले ही भाषण में अमेरिकियों से मोदी के लिए वीजा पर लगे प्रतिबंध की आलोचना करते हुए उस पर से प्रतिबन्ध को हटाये जाने का आग्रह किया
राज नाथ सिंह के इस अभियान की हवा निकालने के लिए राज्यसभा के निर्दलीय और कांग्रेस के नजदीकी सांसद मोहम्मद अदीब ने कमान संभाल लीऔर ये पत्र भेज दिए
दावा किया गया है के इस पत्र पर अदीब के अलावा कांग्रेस के एसएस रस्मासुब्बु,साबिर अली+ अली अनवर अंसारी [जदयू]+रशीद मसूद+ एस अहमद [तृणमूल कांग्रेस]+असाउद्दीन ओवैसी [ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन]+ थिरुमावालावन [वीसीके]+ केपी रामालिंगम [डीएमके]+ सीताराम येचुरी [माकपा] + एमपी अच्युतन [भाकपा] के हस्ताक्षर हैं।
यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा के देश की लड़ाई के लिए विदेश में मैदान तैयार किया जा रहा है| मुख्य विपक्षी दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह द्वारा अमेरिका में जाकर अपने भावी प्रधान मंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के लिए वीसा का आग्रह करते हुए वोह राष्ट्रीय सम्मान के साथ कुछ खेलते हुए दिखाई दिए इसके साथ ही ६५ सांसदों के पत्र ने तो संसदीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है|
अगर इन सांसदों को नरेन्द्र मोदी के अमेरिका जाने में कोई वाजिब शिकायत है तो भी उन्हें मोदी के पासपोर्ट को कैंसिल कराने के लिए अपने ही देश की सरकार पर दबाब बनाना चाहिए था|लेकिन ऐसा नही करके केवल विदेशों में चिट्ठी भेज कर सियासी लाभ लेने की इस प्रवर्ती से देश की छवि को धक्का लगना स्वाभाविक ही है|यहाँ एक बात और प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही है जिससे ६५ सांसदों की चिट्ठी की असलियत को ही चुनौती दी जाने लगी है|कहा जा रहा है के ओबामा को लिखी इस चिट्ठी में लेफ्टिस्ट सीता राम येचुरी के भी हस्ताक्षर हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से येचुरी ने इसका खंडन कर दिया है|इसका अभिप्राय यह हुआ की मोदी को अमेरिकी वीसा को लेकर जो मुहीम चलाई जा रही है इसमें झोल दिखने लग गए हैं|
इस अवसर पर भाजपा और कांग्रेस के इन शुभ चिन्तक सांसदों के सूचनार्थ श्री मति इंदिरा गाँधी से जुडा हुआ यह किस्सा बताना जरुरी है| सर्व विदित है के श्रीमती इंदिरा गाँधी[ अब स्वर्गीय] का झुकाव रूस की तरफ था |एक बार उन्होंने इसी देश का दौरा किया मगर उन्हें एयर पोर्ट पर रिसीव करने कोई सम्मान जनक नेता या प्रतिनिधि नही आया तो उन्होंने अपने उस सरकारी दौरे को तत्काल अपने निजी दौरे में तब्दील कर दिया और राष्ट्रीय गौरव को बनांये रखा |