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Tag: कृष्णा वैली कृषि प्रोजेक्ट

केजरीवाल ने शरद पवार को साफ़ बचाया और नितिन गडकरी को हल्का फंसाया : वाई पी सिंह

अब तक अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार के नित नए खुलासे करते हुए लगातर प्रसिद्धि की सीडियां चडते जा रहे थे मगर आज उनके ही एक साथी रहे पूर्व आईपीएस ऑफिसर और सीनियर ऐडवोकेट वाई पी सिंह ने केंद्रीय मंत्री शरद पवार को बचाने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल से ही कई गंभीर प्रश्न पूछ लिए हैं|
आज गुरुवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाईपी सिंह ने कहा कि उन्होंने शरद पवार से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी अरविन्द केजरीवाल और अन्ना हजारे को दी थी मगर उन्होंने उसका उपयोग नहीं किया उलटे उससे कम महत्वपूर्ण गडकरी के मामले को और अधिक कमतर करके पेश किया इससे उन्हें तकलीफ हुई है|उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे अजित पवार ने बिना सार्वजनिक नीलामी के लवासा की 348 एकड़ जमीन लेक सिटी कॉरपोरेशन को 23 हजार रुपये प्रति माह किराए पर 30 साल के लिए लीज पर दे दी। यह अवधि बडाई भी जा सकती है| इस कंपनी में शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानंद सुले के शेयर थे। उन्होंने सुप्रिया सुले पर संसद में संपत्ति का गलत विवरण देने का भी आरोप लगाया।
केजरीवाल की तरह वी पी सिंह भी आई ऐ एस की एलाईड सर्विस छोड़ कर आये हैं उन्होंने अपने साथी रहे केजरीवाल पर वार करते हुए कहा कि केजरीवाल को सिंचाई घोटाले से जुड़े बड़े घोटाले की खबर थी। शरद पवार के इसमें शामिल होने के सबूत भी उनके पास थे। इसके बावजूद उन्होंने इस मामले को छिपा लिया और इसके बदले बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी का मामला उठाया जो इसके सामने बहुत छोटा मामला है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे केजरीवाल ने अपने राजनीतिक समीकरणों को करप्शन के खिलाफ लड़ाई से ज्यादा अहमियत दी। दिल्ली में होने वाले चुनावों के मद्दे नज़र उन्होंने मुम्बई बेस्ड एन सी पी के बजाय दिल्ली बेस्ड बी जे पी पर निशाना साधा ।

केजरीवाल ने शरद पवार को साफ़ बचाया और नितिन गडकरी को हल्का फंसाया : वाई पी सिंह

लवासा

.वाईपी सिंह ने लवासा के मुद्दे पर खुलासा करते हुए कहा कि लवासा एक टाउनशिप है। ये एक निजी कंपनी है। सिंह ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अजित पवार ने साल 2002 में 348 एकड़ जमीन लेक सिटी को दे दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 23 हजार रुपये प्रति महीने की दर से 348 एकड़ जमीन लवासा को 30 साल की लीज पर दे दी। जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वन टू वन निगोशिएशन में अजित पवार ने वो जमीन दे दी। आगे वाई पी सिंह ने खुलासा किया कि लेक सिटी कॉरपोरेशन में 20.81 फीसदी ज्वाइंट शेयर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और दामाद सदानंद सुले का है। सुप्रिया, अजित पवार की चचेरी बहन हैं। वाई पी सिंह के मुताबिक 10.4 फीसदी सुप्रिया और 10.4 फीसदी शेयर उनके पति सदानंद के हैं। सिंह के मुताबिक साल 2006 में सुप्रिया ने अपनी शेयर होल्डिंग बेच दी। हालांकि उस समय के रिवेन्यू डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रमेश कुमार ने साफ कहा था कि ये जमीन कृष्णा वैली कृषि प्रोजेक्ट के लिए है। इसके बाद भी वो जमीन सुप्रिया को दे दी गई। नारायण राणे उस वक्त मंत्री थे।
शरद पवार पर आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि शरद पवार केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। उनका महाराष्ट्र के जमीन, टाउन, रोड के मामले में कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने इसमें भी हस्तक्षेप किया। सिंह ने आरोप लगाया कि लवासा में ‘एकांत’ नामका एक गेस्ट हाउस है। यहां शरद पवार ने अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए राज्य के अमले को बुलाया और बैठक की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि लावासा को जो मदद चाहिए वो दी जाए। सिंह ने कहा कि इस घोटाले को उजागर करने के लिए रमेश कुमार को विक्टिमाइज किया गया।
वाई पी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो कुछ आज मैं प्रेसवार्ता में बता रहा हूं ये अरविंद केजरीवाल को कल अपनी प्रेस वार्ता में बताना चाहिए था। वाई पी सिंह ने कहा कि वो सुप्रिया और उनके पति सदानंद, नारायण राणे, शरद पवार और अन्य लोग जो इस कृषि घोटाले में शामिल हैं उनके खिलाफ केस करेंगे। वाई पी सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले की जानकारी अन्ना हजारे को भी दी थी लेकिन शरद पवार के लिए अन्ना के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर है।

नीलामी नहीं हुई

वाईपी सिंह ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में आरोप लगाया कि अजीत पवार ने बहुत ही सस्‍ती दर पर लवासा को 348 एकड़ जमीन दी. लीज की दर 23 हजार रुपये महीने रखी गई. उन्‍होंने कहा कि जमीन 30 साल के लिए लीज पर दी गई और इसमें नीलामी प्रक्रिया की भारी अनदेखी की गई.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

श्री सिंह ने कहा कि पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को खुल्‍लम-खुल्‍ला उल्‍लंघन किया गया. बहरहाल, इस ताजा खुलासे पर देश की निगाहें टिकी हुई हैं.
लवासा टाउनशिप को लेकर वाईपी सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरह से मुफ्त में अजित पवार ने लवासा को 348 एकड़ भूमि दे दी। इसके लिए उन्होंने पूरा सबूत पेश करने का दावा किया।

पवार के परिवार पर आरोप

वाईपी सिंह ने कहा कि लोग मेरी बातों पर नहीं बल्कि सबूतों पर भरोसा करें। सिंह ने कहा कि शरद पवार का पूरा परिवार इस घोटाले में शामिल है। उन्होंने कहा कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानंद सुले के शेयर लेक सिटी कॉरपोरेशन में हैं। गौरतलब है कि वाईपी सिंह अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बड़े घोटाले के तथ्यों को जानबूझ कर छिपाया और शरद पवार का नाम नहीं लिया।
वाईपी सिंह ने कहा, ‘मेधा पाटकर के नेतृत्व में एक समिति बनी थी, जिसके सामने महाराष्ट्र के कई मामले थे। उस समिति में मैं और अरविंद दोनों सदस्य थे। इस समिति के सामने भी शरद पवार का भ्रष्टाचार का मामला था। मुझे उम्मीद थी कि अरविंद केजरीवाल बुधवार को यही खुलासा करेंगे, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर बहुत हल्का मामला उठाया।’

ऍफ़ आई आर

उन्होंने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे ताकि इसमें प्राथमिकी दर्ज हो और कानूनी जांच की प्रक्रिया आगे बढ़े।

एनसीपी की सफाई

एनसीपी चीफ और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि लवासा का मामला कोर्ट में है इसलिए ज्यादा बोलना ठीक नहीं। हिल स्टेशन पॉलिसी के मुताबिक लवासा प्रॉजेक्ट बन रहा है। जमीन देने का अधिकार राज्य सरकार को है। चूंकि प्रॉजेक्ट मेरे गृह जिले में है इसलिए मैं सीएम के साथ बैठक में शामिल था। इसमें कुछ गलत नहीं है। मैंने कुछ गलत नहीं किया।
वहीं, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने वाईपी सिंह के आरोपों पर सफाई दी और कहा सुप्रिया सुले ने कोई जानकारी नहीं छुपाई। सुप्रिया सुले और उनके पति ने कानून के दायरे में रह कर ही शेयर बेचा। केवल सनसनी फैलाने के लिए आरोप लगाए गए हैं। आजकल हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाने का फैशन हो गया है। वाईपी सिंह अच्छे वकील हैं उन्हें कोर्ट में वकालत करना चाहिए।
जिस प्रकार से ये खुलासा हुआ है उसमे एक बात खुल कर सामने आ रही है कि वाई पी सिंह कहीं ना कहीं स्वयम को अरविन्द केजरीवाल के हाथों नेगलेक्ट फील कर रहे हैं तभी उन्होंने आज इतने पुराने मामले को ,जो अदालत में भी विचाराधीन है , को प्रेस में उठा कर केजरीवाल के भ्रष्टाचार आन्दोलन के समान्तर स्वयम को खड़ा करने का प्रयास किया है| इन्होने भी केजरीवाल की शैली अपनाते हुए आरोप लगाये और आगे की कार्यवाही मीडिया के लिए छोड़ दिया|जिस प्रकार कई बार कांपती आवाज़ में श्री सिंह ने गडकरी के मुकाबिले पवार को निशाना बनाया | ये बात उन्होंने कई बार दोहराई इससे ऐसा आभास हो रहा है कि श्री सिंह कहीं ना कहीं गडकरी के खुलासे से परेशां थे और शरद पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार की ऍफ़ आई आर दर्ज़ करवाने के बजाये पवार और उनकी बेटी सुले पर ही ज्यादा बोलते रहे बेशक उन्होंने कई दस्तावेजों की बात भी की मगर ज्यादातर केजरीवाल के प्रति कुछ कुंठा भी दिखाई दी | देश हित में अच्छा होगा कि ये खुलासा बड़ा खुलासा साबित हो और खजाने में अधिक धन जाये बड़े से बड़े अपराधी बुक किये जाये मगर अच्छा यही होता कि यह मामला पोलिस थाणे से शुरू किया जाता