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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कर्णाटक राज्य सरकार से स्कूली बच्चे के उत्पीड़न पर रिपोर्ट मांगी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कर्णाटक सरकार से स्कूली बच्चे के उत्पीड़न पर रिपोर्ट मांगी|
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने १७ जुलाई को स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की है।बंगलुरू के एक स्कूल में एक बच्चे के उत्पीड़न की मीडिया रिपोर्ट के अलोक में, सचिव (स्कूल शिक्षा), भारत सरकार ने मुख्य सचिव,कर्नाटक सरकार से बात की और कर्नाटक सरकार द्वारा इस विषय में की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी मांगी।
कर्नाटक से इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया गया है कि किस प्रकार स्कूल प्रशासन स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की आवश्यकताओँ को पूरा करने में असफल हुआ है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आलोक में स्कूल में बच्चों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधन के अहम दायित्वों में से एक है। इसके आलावा पोस्को अधिनियम के प्रावधान और इस मामले में उच्चतम न्यायालय के विभिन्न दिशा-निर्देशों के अनुसार भी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

डॉ मन मोहन सिंह ने उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध को अधिक स्थान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया

प्राइम मिनिस्टर डॉ मन मोहन सिंह ने आज उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध को अधिक स्थान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया |
राष्ट्रपति भवनमें आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में बोलते हुए डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “हमारी उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लि‍ए ध्‍यान देना आवश्‍यक है, हमारे उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को और अधि‍क शोध पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। हमें फैकल्‍टी‍ में कमी की समस्‍या सुलझाने के तौर-तरीके भी तलाशने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि‍ इससे उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली पर काफी असर पड़ता है। हमें यह सुनि‍श्‍चि‍त करने की आवश्यकता है कि‍ देश में उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को उत्‍तरदायि‍त्‍व की आवश्‍यकता से समझौता कि‍ए बि‍ना स्‍वायत्‍ता मि‍ले”
राष्‍ट्रीय उच्‍चतर शि‍क्षा अभि‍यान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा “यह उच्‍च शि‍क्षा के अवसरों तक व्‍यापक पहुंच बनाने में बड़ी भूमि‍का नि‍भाएगा। यह कार्यक्रम शि‍क्षा तथा शोध की गुणवत्‍ता सुधारने के लि‍ए राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों पर अधि‍क ध्‍यान दे रहा है। इसका उद्देश्‍य 286 राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों तथा राज्‍यों के 8500 कॉलेजों को अवसंरचना अनुदान उपलब्‍ध कराने के अलावा 278 नए वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 388 नए कॉलेज स्‍थापि‍त करना है और 13वीं योजना के अंत तक 266 कॉलेजों को मॉडल डि‍ग्री कॉलेजों में बदलना है”।
पी एम् डॉ सिंह ने बताया “इससे 20,000 नए फैकल्‍टी‍ पदों का सृजन होगा और इसे 12वीं तथा 13वीं योजना अवधि‍ में समर्थन दि‍या जाएगा। अब तक लगभग 400 वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 20,000 कॉलेजों को इस मि‍शन के तहत उच्‍च गति‍ की ब्रॉडबैंड कनेक्‍टि‍वि‍टी प्रदान की गई है”
फ़ोटो कैप्शन
06 फऱवरी 2014 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम. एम पल्लम राजू और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद और श्री शशि थरूर भी सम्मेलन में मौजूद ।