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Tag: गृह मंत्रालय

केंद्र ने मानव तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ कार्यवाही को कहा तो अकाली भड़के

(दिल्ली,चंडीगढ़)केंद्र ने मानव तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ कार्यवाही को कहा तो अकाली भड़के
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार तेजी से बढती इस समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से “इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त उपाय करने” का केवल अनुरोध किया है।समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से “इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त उपाय करने” का केवल अनुरोध किया है।पंजाब के सीमावर्ती गाँवों में बंधुआ मजदूरों के मुद्दे पर पंजाब के किसानों को दोषी नहीं ठहराया गया
गृह मंत्रालय के अनुसार मीडिया के एक वर्ग ने गलत तरीके से बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर राज्य के किसानों के खिलाफ कथित रूप से गंभीर आरोप लगाए हैं। ये समाचार रिपोर्ट भ्रामक हैं और पंजाब के चार संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में विगत दो वर्षों की अवधि में उभरने वाली सामाजिक-आर्थिक समस्या के बारे में एक साधारण अवलोकन की विकृत और अतिसंपादकीय राय प्रस्तुत करते हैं, जिसे संबंधित सीएपीएफ द्वारा इस मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ दलजीत चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए इसे पँजांब के किसानों को बदनाम करने की साजिश बताया।

भारत में वैदिक काल से ही मानव अधिकारों का अस्तित्व रहा है;नित्यानंद राय

(नई दिल्ली) भारत में वैदिक काल से ही मानव अधिकारों का अस्तित्व रहा है;नित्यानंद राय
मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से अपने संबोधन में श्री राय ने कहा कि भारत में वैदिक काल से ही मानव अधिकारों का अस्तित्व रहा है। वैदिक मंत्रों में सर्वे भवंतु सुखिना: सर्वे संतु निरामया की पंक्तियों में पूरी मानवता की भावना समाहित है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मानव एवं मानवता के प्रति हमेशा संवेदनशील रहते हैं और मानवता की सेवा ही उनके जीवन का ध्येय है। श्री राय ने यह भी कहा कि गृह मंत्री श्री अमित शाह मानव अधिकार आयोग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है
मानव अधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति पी.सी.पंत
, मानव अधिकार आयोग के महासचिव श्री बिम्बाधर प्रधान, एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य, विभिन्न राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, राजनयिक, सिविल सोसायटी के सदस्य और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

यूपी के मुरादाबाद के कंठ पोलिस थाना का दस शीर्ष थानों में चयन

यूपी के मुरादाबाद के कंठ पोलिस थाना का दस शीर्ष थानों में चयन
वर्ष 2020 के लिए भारत के शीर्ष 10 पुलिस थानों की घोषणा
भारत सरकार प्रतिवर्ष देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों का चयन करती है ताकि उनके काम-काज को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रोत्‍साहित कर उनके बीच स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा विकसित की जा सके।

वर्ष 2020 के लिए देश में 10 शीर्ष पुलिस थाने इस प्रकार हैं:-
क्रम राज्‍य। जिला। पुलिस थाना

1 मणिपुर। ववथौबल। नोंगपोसेक्‍मी

2 तमिलनाडु। सलेम सिटी। एडब्‍ल्‍यूपीसी- सुरामंगलम

3 अरुणाचल प्रदेश। चांगलांग। खारसांग

4 छत्तीसगढ़। सूरजपुर। झिलमिल (भैया थाना)

5 गोवा। दक्षिण गोवा। संगुइम

6 अंडमान और
निकोबार द्वीप समूह। उत्तर और मध्य अंडमान। कालीघाट

7 सिक्किम। पूर्वी जिला। पाकयोंग

8यू पी मुरादाबाद। कंठ
9दादर और नगर हवेली। दादर और नगर हवेली। खानवेल
10 तेलंगाना। करीमनगर। जम्मीकुंटा टाउन पीएस
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुजरात के कच्‍छ में वर्ष 2015 में पुलिस महानिदेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए जो निर्देश दिए थे यह उन्‍हीं के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पुलिस थानों के चयन के लिए उपयुक्‍त मानकों को बनाया जाना चाहिए और लोगों से थानों के बारे में प्राप्‍त प्रतिक्रि‍या के आधार पर उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाए।
केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश के हजारों पुलिस थानों में से जिन थानों का चयन किया गया है। वे छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और जिन थानों को शीर्ष 10 थानों की श्रेणी में रखा गया है यह बात उनके लिए भी सत्‍य है। यह दर्शाता है कि संसाधनों की उपलब्‍धता एक अहम कारक है, लेकिन सबसे अधिक अहम बात हमारे पुलिस जवानों की प्रतिबद्धता और उनकी ईमानदारी है जिसकी वजह से वे अपराध की रोकथाम कर देश के प्रति सेवा करते हैं।
देश के 16,671 पुलिस थानों में से आंकड़ों के विश्‍लेषण, प्रत्‍यक्ष अवलोकन और जनता से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इन शीर्ष 10 थानों का चयन का मकसद था। प्रत्‍येक राज्‍य में सबसे बेहतर पुलिस थानों की सूची बनाने के बाद ही यह रैंकिंग प्रक्रिया शुरू की गई जो इन विषयों पर आधारित है।

त्रिपुरा के पश्चात् मूर्ति विखंडन की घटनाओं की निंदा करते हुए केंद्र से तत्काल कार्यवाही के आदेश

[नई दिल्ली]|त्रिपुरा के पश्चात् मूर्ति विखंडन की घटनाओं की निंदा करते हुए केंद्र से तत्काल कार्यवाही के आदेश
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर नाराजगी जताते हुए इनकी रोकथाम के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से परामर्श किया |
गृह मंत्रालय ने भी तत्काल कार्यवाही करते हुए राज्‍यों से कहा है कि वे ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सभी आवश्‍यक कदम उठाएं। ऐसी घटनाओं में लिप्‍त लोगों के खिलाफ संबंधित नियमों के अंतर्गत मामले दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
देश के कुछ इलाकों से मूर्तियों की तोड़-फोड़ की घटनाओं की शिकायत मिली है।
मालूम हो के त्रिपुरा में वाम दलों का गढ़ ध्वस्त होने के पश्चात् वहां लेनिन की मूर्ति को ढा दिया गया ,जिसे लेकर वामपथियों के साथ ही समूचा विपक्ष भाजपा सरकार के विरुद्ध एकजुट हो गया है| लेनिन रूस के वामपथि विचारधारा के कट्टर नेता थे| भाजपा नेताओं का कहना है के अभी भी त्रिपुरा में वामपंथी केयरटेकर सरकार है इसके बावजूद घटना पर तत्काल नोटिस लेते हुए कार्यवाही के आदेश दे दिए गए हैं |गौरतलब हे के जिस क्रेन से लेलिन की मूर्ति को गिराया गया उसका ड्राईवर गिरफ्तार कर लिया गया है चूँकि यह जमानती अपराध था सो उसे जमानत मिल चुकी है |

जाली मुद्रा पकड़ने के लिए भारत अब बांग्लादेश पुलिस को प्रशिक्षित करेगा

[नयी दिल्ली]जाली भारतीय मुद्रा पकड़ने के लिए भारत अब बांग्लादेश के २०० पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करेगा
यह प्रशिक्षण एनआईए द्वारा दिया जाएगा|देश में किसी भी एक समय पर 4,000 करोड़ रु मूल्य की जाली मुद्रा चल रही होती है
आतंकवादी घटनाओं की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए जाली भारतीय करेंसी नोटों [एफआईसीएन] को पकड़ने के लिए बांग्लादेश के करीब 200 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। भारत में करीब 80 % जाली नोट इस पड़ोसी देश के रास्ते भारत आते हैं।
एनआईए, भारतीय रिजर्व बैंक तथा आर्थिक मामलों के विभाग और गृह मंत्रालय के साथ सहयोग से बांग्लादेश के अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। इसमें खुफिया जानकारी को तत्काल आधार पर साझा करना भी शामिल है।
भारतीय बाजार में प्रचलन में जारी नोटों के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं होने की वजह से एनआईए ने 2012-13 में कोलकाता के संस्थान को इसके बारे में अध्ययन को कहा था।
इस अध्ययन के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और देश के बाहर से यहां परिचालन कर रहे अंडरवर्ल्ड गैंग ने यहां करीब 70,000 करोड़ रपये की जाली मुद्रा झोंकी हुई है। इसमें से सिर्फ एक-तिहाई को ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों ने पकड़ा है।
अध्ययन में कहा गया था कि किसी भी समय पर 4,000 करोड़ रु मूल्य की जाली मुद्रा चल रही होती है। एनआईए सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश द्वारा सहयोग बढ़ाने के बाद इसमें कमी आई है।
फाइल सिंबॉलिक फोटो

पश्चिमी पाकिस्तान से आये पौने छह हजार शरणार्थी परिवारों ने जे&के में नागरिकता मांगी

[नई दिल्ली ] पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने जे &के में नागरिकता मांगी ये शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में बसे हैं|
1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के पीड़ित लगभग 5764 परिवार जम्मू, कठुआ और रजौरी जिलों में रहते हैं।इन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को इस विषय में एक मांग-पत्र पेश किया
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष श्री लाभा राम गांधी के नेतृत्व में आज गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक मांग-पत्र प्रस्तुत किया।
मांग-पत्र में जम्मू-कश्मीर में
नागरिकता,
जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास के लिये विशेष पैकेज,
राज्य चुनावों में मताधिकार और
चुनाव लड़ने का अधिकार,
जमीन का आबंटन,
विशेष भरती,
तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में शिक्षा का अधिकार,
एससी/ओबीसी प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के लिये राहत आयुक्त को नियुक्त करने की भी मांग की ताकि उनकी शिकायतों को दूर किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल की भावनाओं की कद्र करते हुये राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है जो उनके दैनिक विषयों को हल करने के लिये शरणार्थी समुदाय के साथ विशेष समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एक उपयुक्त प्रावधान पर काम कर रहा है ताकि राज्य सरकारों द्वारा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को एससी/एसटी/ओबीसी प्रमाणपत्र जारी न करने सम्बंधी समस्याओं का निपटारा हो सके।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में बसे हैं और वे भारत के नागरिक हैं और उन्हें संसदीय चुनाव में वोट देने का अधिकार है। हालांकि वे जम्मू-कश्मीर संविधान के संदर्भ में राज्य के स्थायी नागरिक नहीं हैं। उन्हें विधान सभा और स्थानीय निकायों के चुनावों में वोट देने का अधिकार नहीं है। जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर के संविधान के दायरे में स्थायी निवासी का दर्जा प्रदान करने से उन्हें राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करने, राज्य तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश लेने और जम्मू-कश्मीर राज्य में जमीन/अचल सम्पत्ति खरीदने/प्राप्त करने में सुविधा होगी।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के बच्चों को अर्ध सैनिक बलों में भरती करने का कोई अलग प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। बहरहाल, इन बच्चों को जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकृत प्राधिकार द्वारा जारी आवासीय प्रमाणपत्र होने की शर्त के बिना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भरती के लिये अनुमति है।
अन्य प्रमाणों में संसदीय मतदाता सूची में उनका नाम शामिल होने को भी उनके पश्चिमी पाकिस्तान का शरणार्थी होने के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है। इसके अलावा गांव के नंबरदार/सरपंच द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में जम्मू-कश्मीर के कोटे के तहत भरती के लिये स्वीकार किया जा सकता है। इन शरणार्थियों के बच्चे अर्ध सैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के लिये तय रिक्तियों के संदर्भ में आवेदन करने के योग्य हैं।
1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के मद्देनजर लगभग 5764 परिवार तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान से विस्थापित हो गये थे और वे जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यतः जम्मू, कठुआ और रजौरी जिलों में रहते हैं।
पूर्वोत्तर राज्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और गृह सचिव श्री राजीव महर्षि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
Photo caption
A delegation of West Pakistani Refugees led by its President Shri Labha Ram Gandhi calling on the Union Home Minister, Shri Rajnath Singh, in New Delhi on September 23, 2016.
The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Atomic Energy and Space, Dr. Jitendra Singh and the Home Secretary, Shri Rajiv Mehrishi are also seen.

पद्म पुरस्कार के लिये नामांकन की अंतिम तिथि १५ सितंबर

[नई दिल्ली]पद्म पुरस्कार 2017 के लिये नामांकन की अंतिम तिथि १५ सितंबर
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्तमान में पद्म पुरस्कार 2017 के लिए नामांकन किये जा रहे हैं | नामांकन प्राप्‍त करने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर, 2016 है।
गृह मंत्रालय के अनुसार पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किये गये इलेक्ट्रॉनिक प्रबंधन प्रणाली पर ही ऑनलाइन प्राप्त की जा रही हैं।
किसी अन्‍य तरीके से किया गया नामांकन/सिफारिश स्वीकार्य नही होगा।
15 सितंबर, 2016 के बाद प्राप्त होने वाले नामांकन पर भी विचार नहीं किया जाएगा।

आतंकवाद से पीड़ितों के लिए केंद्र ने बड़ाई मुआवजा राशि:कश्मीर में शांति बहाली को इमाम भी आये

[नई दिल्ली,श्रीनगर] आतंकवाद से पीड़ितों के लिए केंद्र ने बड़ाई मुआवजा राशि:कश्मीर में शांति बहाली को इमाम भी आये
सीमा पार से फायरिंग में मरने वाले नागरिक को पांच लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा|पूर्व में यह राशि रु तीन लाख थी|
आतंकवादी और माओवादी हिंसा के मामले में मुआवजा राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की गई
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पार फायरिंग में मरने वाले नागरिक को पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की स्‍वीकृति दी है।
आतंकवादी और माओवादी हिंसा में मरने वाले को भी मुआवजा राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है।
आतंकी हमला, नक्‍सली हिंसा तथा सीमा पार से फायरिंग, बमबारी और आईईडी विस्‍फोट में व्‍यक्ति के मरने पर समान रूप से पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। यह राशि मृतक के परिजन को दी जाएगी। इन कारणों से 50 प्रतिशत या उससे अधिक असमर्थता या अक्षमता के मामले में भी व्‍यक्ति को पांच लाख रुपये की राशि दी जाएगी। मुआवजा राशि इस शर्त पर दी जाएगी कि सरकार द्वारा मृत व्‍यक्ति के परिवार के किसी सदस्‍य को रोजगार नहीं दिया गया है|
इसके अलावा इमामों ने भी आतंकवाद के विरुद्ध सम्पर्क अभियान छेड़ने की घोषणा की है
अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुखिया डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी के नेतृत्व में इमामों का एक प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर घाटी में उत्पन्न हालात को देखते हुए आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने यह आशा व्यक्त की कि भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए तात्कालिक आधार पर हर संभव कदम उठायेगी।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में आतंकवाद और हिंसा का कोई स्थान नहीं है और इसके लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने की जरूरत है। उन्होंने इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि अधिकारियों को आस्था और विश्वास के माहौल को बेहतर बनाने के लिए कश्मीर के लोगों की वैध चिंताओं को दूर करना चाहिए।
इमामों ने गृह मंत्री को आश्वासन भी दिया कि एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही शांति बनाए रखने के लिए लोगों से बात करने हेतु जम्मू-कश्मीर जाएगा।
आज प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोगों में प्रमुख शिया अलीम मौलाना कल्बे राशिद रिजवी, प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना जफर जनकपुरी, संसद मार्ग मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, मुख्य काजी मुफ्ती अफरोज आलम कासमी, इस्लामी विद्वान कारी मियां, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम (एनएमएफडीसी) के पूर्व अध्यक्ष, मोहम्मद मजहारी और अन्ना आंदोलन के सह-संस्थापक मुफ्ती शमूम काशमी भी शामिल थे।
फोटो कैप्शन
A delegation of Imams led by Dr. Imam Umer Ahmed Ilyasi, Chief All India Imams Organisation, calling on the Union Home Minister, Shri Rajnath Singh, in New Delhi on July 12, 2016.

खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है:बन्दासिंह बहादुर शहीदी दिवस पर राजनाथ सिंह

[फतेहगढ़,चंडीगढ़,पंजाब ]खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है:राजनाथ सिंह पंजाब सरकार ने फतेहगढ़ साहिब में बन्दा सिंह बहादुर की स्मृति में विशाल आयोजन किया जिसमे केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि खालसा पंथ भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच है। बाबा बंदा सिंह बहादुर के 300वें शहीदी समागम के अवसर पर श्री फतेहगढ़ साहिब में अपने संबोधन में उन्होंने महान सिख योद्धा को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री सिंह ने इतिहासकारों से आह्वान किया कि पहली बार खेतीहरों को मालिकाना हक देने वाले और भारत में गांव, गरीब और किसान के कल्याण और उद्धार के लिए संप्रभु खालसा राज की स्थापना में बाबा बंदा सिंह बहादुर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक भूमिका का आकलन करने के लिए अनुसंधान और विकास गतिविधियों को प्रारंभ किया जाए।
उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके बलिदानों के संबंध में श्री रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित एक कविता का भी संदर्भ दिया।
श्री सिंह ने युवाओं से आहवान किया कि वे आतंकवाद और सीमापार आतंकवाद की विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए बाबा जी के साहसपूर्ण कार्यों से प्रेरणा लेते हुए आगे आएं।
उन्होंने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सिखों के खिलाफ हुए अत्याचार की जाँच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और इस दल ने 286 मामलों की पुनः समीक्षा के बाद 22 मामलों की फिर से जांच करने की सिफारिश कर दी है और हर किसी और सभी के लिए न्याय को सुनिश्चित किया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सिख धर्म धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और मानववाद का एक व्यवहारिक उदाहरण है। इस मौके पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, संसद सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा और बलविंदर सिंह भंडर भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व केंद्र सरकार ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर की स्मृति में चंडी के सिक्के भी जारी किये |दिल्ली के बारापुला फ्लाईओवर का नाम भी बन्दा सिंह के नाम पर रख दिया गया है

टूरिस्‍ट वीजा+ई-टूरिस्‍ट वीजा में अल्‍पकालीन योग कार्यक्रम होगा शामिल

[नई दिल्ली]टूरिस्‍ट वीजा और ई-टूरिस्‍ट वीजा में अल्‍पकालीन योग कार्यक्रम होगा शामिल | भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के मार्ग दर्शन के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर योग आसन पोस्ट करने शुरू कर दिए है
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टूरिस्‍ट वीजा और ई-टूरिस्‍ट वीजा में अल्‍पकालीन योग कार्यक्रम शामिल करने का निर्णय लिया है।
योग के महत्‍व और विश्‍व में इसके प्रचार-प्रसार को देखते हुए सरकार ने टूरस्टि वीजा के तहत गतिविधियों की सूची में अल्‍पकालीन योग कार्यक्रम में भाग लेने को शामिल कर लिया है।
सरकार ने अल्‍पकालीन योग कार्यक्रम को शामिल करने के साथ भारतीय औषधि पद्धति द्वारा अल्‍पकालीन चिकित्‍सीय उपचार को ई-टूरिज्‍म वीजा की गतिविधियों में शामिल करने का फैसला किया है।
इस समय टूरिस्‍ट वीजा के तहत विदेशियों को पर्यटन स्‍थलों का दौरा, मित्रों एवं रिश्‍तेदारों से मुलाकात और अल्‍पकालीन चिकित्‍सीय उपचार या आकस्मिक व्‍यापार दौरा करने की मंजूरी है।