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Tag: चौधरी अजित सिंह

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

हवाई जहाज़ों के मंत्रालय का सुख भोग रहे चौधरी अजित सिंह को अपने गढ़ वेस्टर्न यूं पी में पूरी तरह से घेरने की तैय्यारी शुरू हो गई है| चौधरी चरण सिंह के वारिस अजित सिंह के पारंपरिक राजनीतिक हितों पर एटैक किये जाने लग गए हैं जाहिर है इनकी चौधराहट और सत्ता के लिए बारगैनिंग [मोल भाव] पावर भी प्रभावित हो सकती है|मेरठ में एयर पोर्ट+गन्ना के बकाये का भुगतान + बकाये पर ब्याज+हाई कोर्ट की बेंच +जाट आरक्षणजैसे मुद्दे इनके हाथ से निकलते जा रहे हैं|यहाँ तक के पांच सांसदों के बल पर सिविल एविएशन मंत्रालय में बैठने वाले चौधरी अजित सिंह के सांसद देवेन्द्र नागपाल और सांसद श्रीमती सारिका की बगावत उजागर हो चुकी है |[५-२=३]
सिविल एविएशन मंत्री बनने के बाद से ही संसद में इनके पुराने मित्रों ने भी कहा था के चौ. अजित सिंह ने गलत मंत्रालय चुन लिया है गलती के अब परिणाम भी आने लग गए हैं|अभी तक ऍफ़ डी आई की नीति के उत्साह जनक परिणाम नहीं है|एयर लाइन्स की दुर्घटनाएं और स्टाफ की नाराज़गी कंट्रोल नही हुई है|इसके अलावा प्रदेश में भी स्थिति कोई उत्साह वर्धक नहीं है|प्रदेश में इनके ९ विधायक हैं जिनकी उपस्थिति से पार्टी को कोई लाभ होता नहीं दिख रहाशायद इसी लिए प्रदेश सरकार में रालोद का कोई प्रभावी दखल दिखाई नहीं दे रहा |

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[१]इस केन्द्रीय मंत्रालय के जरिये केन्द्रीय मंत्री ने . उत्तर प्रदेश में [११]एयर पोर्ट्स और वर्कशाप्स के माध्यम से पैर ज़माने का प्रयास किया|प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी बेशक केंद्र में सरकार को बाहर से सहयोग दे रही है मगर प्रदेश में कांग्रेस के साथ ही अजित सिंह के दल रालोद को भी बाहर ही रखने को हर संभव प्रयास कर रही है|इसी कड़ी में प्रदेश में प्रस्तावित नए एयर पोर्ट्स के लिए फ्री में जमीन देने में आये दिन आनाकानी की जा रही है|
[२]हाई कोर्ट की बेंच मेरठ में लाने के लिए किये जा रहे सारे प्रयासों पर प्रदेश सरकार ने पानी फेर दिया|
चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[३]गन्ना किसानो की लड़ाई के लिए सरदार वीरेंदर मोहन[वी एम्] सिंह पीली भीत से मेरठ आ गए हैं और कमिश्नरी पार्क में किसान धरने के नित नए रिकार्ड बना रहे हैं | गौरतलब है के गन्ना छेत्र जिसे शुगर बाऊल भी कहा जाता है यह चौ. अजित सिंह की राजनीति की रीड मानीजाती है| इसी रीड को बचाने के लिए रालोद छोटे मोटे ज्ञापन जारी करता रहता है |प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा में आता रहता है लेकिन सरदार वी एम् सिंह के धरने के साथ बेशक रालोद ने दूरी बना रखी है लेकिन इस धरने से अब खाप भी जुड़ने लग गई हैं|लम्बे खींचे जा रहे इस धरने का शायद उद्देश्य भी यही लग रहा है|
[४]जाट आरक्षण के लिए दिल्ली में किसान और जाट चौ. अजित सिंह के बगैर इकट्ठे हो रहे हैं |यहाँ तक [शायद पहली बार] चौ. अजित सिंह के पुतले सवयम जाटों द्वारा जलाये गए हैं| नाराज जाटों को पुचकारने केलिए चौ. अजित सिंह के युवा और उत्साही पुत्र और मथुरा से रालोद के सांसद जयंत चौधरी आगे आ गए हैं और उन्होंने मोदी नगर में जाट आरक्षण के लिए पार्टी का समर्थन देने का आश्वासन दे दिया है|
[५] लास्ट बट नोट दी लीस्ट रालोद के पांच सांसदों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है|इसमें शायद न्रेतत्व की कमी भी कही जा सकती है|रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है के पार्टी न्रेतत्व ने अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल का टिकट काट दिया है इसीलिए अब नागपाल अपने लिए दूसरी पार्टी तलाश रहे हैं| इसके अलावा हाथरस से एस सी कोटे से श्रीमती सारिका का भी दूसरी पार्टी से राजनीतिक प्रेम उजागर हो चुका है|अब स्वयम चौ, अजित सिंह उनके पुत्र जयंत सिंह [मथुरा]के अलावा ले देकर बिजनौर से संजय सिंह चौहान[पूर्व उपमुख्य मंत्री के पुत्र] ही बचते हैं| यहाँ यह कहना अनुचित नहीं होगा की केंद्र में सत्ता रुड यूं पी ऐ एक एक सांसद के समर्थन के लिए जोर लगाया जा रहा है इस संकट की घड़ी में उसके एक घटक के दो सांसद एक झटके में अलग होने से सत्ता में बारगेनिंग की पावर तो प्रभावित हो सकती है

फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन प्रतिबंधों को झुटला कर हवा में परवाज:ड्रीम लाइनर आपको कंपेंसेशन देंगें ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सिविल एविएशन मंत्रालय का चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े चौधरी अजित सिंह जी का कमाल|ओये ड्रीम लाईनर ७८७ को उड़वा कर कर दिया सबको हैरान | ओये हमारे यहाँ तो पहले भी कोई परेशानी नहीं थी मगर ये अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने ही अपने ड्रीम लाईनर विमानों की उड़ानें रोक दी थी| ओये जापान में लीथियम बैट्रीज में धुआं क्या उठा हमारे मुल्क में भी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य उड्डयन प्राधिकरणों ने जनवरी के मध्य में इन विमानों की उड़ानें रोक दी |ओये इस प्रकार से ग्राउंडेड ड्रीम लाइनर से हमारी घाटे में जारही एयर इंडिया को और गड्डे में धकेला जा रहा है|इससे इंडिगो +स्पाईस जेट और जेट ऐरवेज जैसी कंपनियों की चांदी कट रही है और हम नुक्सान उठा रहे हैं|अपनी इसी पीड़ा को दिखाने के लिए हमारे जाबांजों ने बिना यात्रियों के दो ड्रीम लाइनर उड़ा कर सबको चौंका दिया है |

झल्ला

ओय भोले चतुर सुजाण जी |तमाम बंदिशों के बावजूद आपने अपने एक तिहाई यात्री जहाज़ मुम्बई में उड़वा कर बेशक सबको चोंका दिया है मगर अपनी बेवकूफी भी दिखा दी है|आपने ये भी नहीं देखा कि जापानियों ने ड्रीम लाइनर से मुआवजेकी मांग कर रखी है और आपके खुद के मंत्री ने भी अंग्रेज़ी में कंपेंसेशन को जरूरी बताया है अब जब आप खुद ही प्रतिबंधों को झुटला कर हवा में परवाज का लोभ नहीं छोड़ पाए तो ड्रीम लाइनर उत्पादक आपको क्यूं कम्पेंशेशन देंगे |में ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ ?

आज़म खान पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें तब चौधरी अजित सिंह को तोलें: मेरठ एयर पोर्ट पर राजनीती

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने सपा नेताओं को पहले अपनी गिरेबान में झांक कर देखने का उपदेश देते हुए अपने सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह को पाक साफ़ बताया और कहा कि अजित सिंह से पूर्व एयर इंडिया घाटे में चल रही थी जबकि अब लाभ बुक किया जाने लगा है|
गौरतलब है कि बीते दिन नगर विकास मंत्री आज़म खान ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह पर हवाई जहाज़ों की खरीद में भ्रष्टाचार और मेरठ में हवाई अड्डे के निर्माण में जान बूझ कर सियासत करने के आरोप लगाये थे | इस हमले हमले का जवाब दे देते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने कहा है कि सपा नेताओं पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लग रहे हैं |इसीलिए आज़म खान को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए|मेरठ में एयर पोर्ट के प्रति चिंता व्यक्त करने वाले सपा नेताओं के नक़्शे में मेरठ का विकास है ही नहीं |सपा नेताओं के लिए सैफई के आगे और कुछ भी नहीं है|

आज़म खान पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें तब चौधरी अजित सिंह को तोलें


अपने पार्टी प्रमुख अजित सिंह के समर्थन में बोलते हुए चौहान ने कहा कि अजित सिंह से पहले एयर इंडिया लागातार घाटे में जा रहा था और अब अजित सिंह के मंत्रित्त्वकाल में घाटे वाली एयर इंडिया में अब लाभ होने लग गया है||रालोद का मानना है कि वर्तमान में विकास के लिए एयर ट्रैवेलिंग की सुविधा का होना लाज़मी है मगर उत्तर प्रदेश में अपने राजनितिक लाभ के चलते सपा द्वारा इस छेत्र की लगातार अन्देखीकी जा रही है| आबादी और जी डी पी के मध्य्नज़र नागरिक उड्डयन के छेत्र का योगदान नगण्य है|चौहान ने अजित सिंह के हवाले से बताया कि मेरठ में एयर बस नामक कम्पनी ६०० करोड़ रुपयों का निवेश करके कारखाना लगाना चाहती है |इससे छेत्र के युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा मगर सपा कि राजनीतिक अड़ंगे बाज़ी के चलते मेरठ की अनदेखी की जा रही है|

नगर के विकास के बजाये चार विरोधियों पर निशाना साध गए नगर विकास मंत्री आज़म खान

[ मेरठ ] उत्तर प्रदेश के आदमकद नगर विकास मंत्री मो. आजम खां मेरठ में आये तो थे कन्या धन बांटने लेकिन उन्होंने अपनी आदत के अनुसार व्यंग बाण छोड़ कर एक साथ चार चार राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना दिया|जाहिर है इससे यह कार्यक्रम सरकारी कम और सत्ता रूड सपा का चुनावी अभियान ज्यादा दिखाई दिया | इस विजिट में केवल सपा पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं का जमावाडा रहा |नगर विकास मंत्री के समक्ष नगर के विकास के लिए कोई यौजना रखने के लिए भाजपा के मेयर हरिकांत अहलुवालिया और सपा के ही आज़म विरोधी शाहीद मंजूर भी नहीं आये|

नगर के विकास के बजाये चार विरोधियों पर निशाना साध गए नगर विकास मंत्री आज़म खान


[१] अपनी आदत के अनुसार और पार्टी लाइन के अंतर्गत मंत्री आज़म खान ने अपने धुर्र राजनीतिक विरोधी रालोद के सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर एक जहाज़ के खरीद में कमीशन नही ली जाये तो उसके पैसे से मेरठ में हवाई पट्टी के विस्तार के लिए जमें ली जा सकती है|उन्होंने अपने राजनितिक विरोधी की नियत पर सवाल उठाते हुए पूछा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बताएं कि जब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) की महायोजना-2021 में मेरठ एयरपोर्ट का प्रस्ताव संशोधित हो चुका है। 427 एकड़ जमीन के बजाय 433 एकड़ जमीन अतिरिक्त रूप से महायोजना में संशोधित की गई है तो ऐसा कौन सा कारण है कि अभी तक केंद्र सरकार से इस जमीन के अधिग्रहण के लिए किसानों को मुआवजा देने के लिए पैसा नही मांगा गया है।
पत्रकार वार्ता में आजम ने यह दावा किया कि वह चाहते हैं कि मेरठ में एयरपोर्ट बने।लेकिन बागपत-सिवालखास के सांसद होने के नाते केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह का दायित्व है कि वह सच्चे अर्थों में पहल करें और 433 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए मुआवजे की व्यवस्था हेतु केंद्र सरकार को एक पत्र भेजें पर वह[अजित सिंह] लोस चुनाव को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फ्री में जमीन देने की बात कर रहे हैं। मेरठ की मौजूदा हवाई पट्टी पर 133 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। अब अजित कह रहे है कि घरेलू उड़ान के लिए पहले यह जमीन प्रदेश सरकार दे दे और बाद में वह 433 एकड़ जमीन की बात करेंगे। सवाल उठता है कि जब 433 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा तो किसानों को मुआवजे का भुगतान कौन देगा। ऐसी भी बात अजित सिंह प्रदेश के छह ओर एयरपोर्ट की कर रहे है। मेरठ में तो वह हैदराबाद व तमिलनाडु की तरह 600 करोड़ की लागत से विमान रखरखाव, मरम्मत एवं ओवर हॉल (एमआरओ) सेवा भी मुहैया कराने को आतुर है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर केंद्र उनको जमीन का पैसा नही दे रही है तो क्यों वह अपने मंत्रालय से पैसे की व्यवस्था नही करते हैं। वैसे

भी विमानों में होने वाला घोटाला किसी से छिपा नहीं है

यदि अजित सिंह चाहे तो यह घोटाला बंद करके मेरठ एयरपोर्ट स्थापित कर सकते है। बहरहाल, कुशीनगर व आगरा में प्रदेश सरकार अपने बलबूते प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप आधार पर एयरपोर्ट की स्थापना करा रही है। मेरठ पर अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया है।
[२]

पूर्व मुख्य मंत्री और प्रदेश में दूसरी राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धी बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्य मंत्री मायावती

पर बाण चलते हुए उन्होंने लाभार्थी कन्यायों से कह डाला कि कुछ भी बनना मायावती नहीं बनना |
[३]

आज़म खान से विद्रोह कर चुके कमेला चर्चित हाजी याकूब कुरेशी

के विषय में उन्होंने कहा कि मै हाजी नमाजियों से बेहद डरता हूँ लेकिन ये कमेले वाला हाजी कैसे उसे नमाजी कहो
[४]

आज़म खान के पार्टी में ही विरोध का झंडा बुलंद करने वाले सपा के नेता और मंत्री शाहिद मंज़ूर

मंच पर नज़र नहीं आये सूत्रों की माने तो शाहिद को समारोह से बाहर रखा गया था
इसके आलावा भाजपा ,बसपा आदि दलों ने भी दूरी बनाए रखी

एयर लाइन्स के उद्धार के लिए विदेशी निवेशक क्यूं नहीं आ रहे:निवेश और फ्लाईट्सकी सुरक्षा की गारंटी चाहिए

आज कल भारतीय निज़ी एयर लाइन्स में व्यापार के छेत्र में अग्रणी रहने का गुणगान करने की हौड सी लगी हुई है| आये दिन विशेष कर इंडिगो,स्पाईस जेट एयर इंडिया, जेट आदि के आंकडें आते रहते हैं|अपने मुह मियां मिट्ठू बनने की रेस के पीछे सरकार की ऍफ़ डी आई की नीति हो सकती है| कम्पनियाँ विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में लगी है |लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक कंपनियों की इस चुमब्कीय शक्ति का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है| इस नीति के अंतर्गत अब विदेशी निवेशक कम्पनी की इक्वेटी में ४९%तक निवेश कर सकते हैं|
कर्ज़ में डूबी किंग फिशर एयर लाईन्स के लिए अभी तक कोई विदेशी निवेशक सामने नहीं आया है| किंग फिशर,जेट और स्पाईस जेट भी साउदी अरेबियंस को लुभाने में लगे हैं यहाँ तक की ६१ फ्लीट से २५% मार्किट कब्ज़ा कर नंबर वन का ख़िताब अपने सर पर सजाये इंडिगो की वार्ता भी ब्रिटिश[सुरक्षित] एयरवेज से जारी है| यहइस कम्पनी के सबसे कमजोर विङ्ग [१]टिकेट्स और[२] लगेज के छेत्र में इम्प्रूवमेंट के लिए हो सकता है|
भारतीय उड्डयन का छेत्र अभी तक ऍफ़ डी आई को आकर्षित नहीं कर पाया है इसके पीछे बेशक कई कारण हो सकते हैं |निवेश और फ्लाईट्सकी सुरक्षा की गारंटी सबको चाहिएलेकिन दुर्भाग्य से इसका अभाव दिखाई दे रहा है|
[१]केंद्र सरकार की कुछ नीतियाँ
[२]टैक्स की भरमार
[३]कंपनियों में कर्मचारी असंतोष
[४]सेवा सुविधा का अभाव
[५]यात्रियों के प्रति व्यावसाईक द्रष्टिकोण का अभाव
[६]महंगे टिकेट्स आदि आदि
इन सबके अलावा एक मुख्य कारण है सुरक्षा का| फ्लाइट्स में देरी+दुर्घटना+दुर्व्यवहार +कर्मचारियों में असंतोष इनमे मुख्यत हैं|
जेट एयर लाइन्स क्रैश डाटा एवेलुएशन सेंटर [जे.ऐ.सी.डी.ई.सी]ने एक उड्डयन पर स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की है इसके द्वारा प्रकाशित सेफ्टी रैंकिंग में १० सुरक्षित और १० असुरक्षित एयर लाईन्स का उल्लेख किया गया है|सुरक्षित दस एयर लाइन्स में एक भी भारतीय सरकारी या निज़ी एयर लाईन्स को स्थान नहीं मिला है असुरक्षित एयर लाईन्स में एयर इंडिया को जरूर बीते ३० सालों में तीन क्रैश के साथ ३२९ मौतों के साथ टाप थर्ड स्थान दिया गया है|
अब सवाल यह उठता है कि सिविल एविएशन की नियामक डी जी सी ऐ के दावे थे कि कोहरे का असर फ्लाईट्स पर नहीं पड़ेगा [१]मगर कोहरे के कारण प्रतिष्टित आई जी आई एयर पोर्ट भी फ्लईट्स कैंसिल की गई| [२]यात्रियों के सामान के साथ खिलवाड़ की शिकायतें आ रही है|[३]यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार के किस्से बन रहे हैं[४]|यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाईट्स नही दी जा रही|एयर पोर्ट को यात्रियों के साथ कंपनियों के लिए भी दिनों दिन महंगा किया जा रहा है|[५]प्लेन्स में बेचे जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता की कोई जांच परख नहीं होरही [६] डोमेस्टिक उड़ान के लिए उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह अपने गृह प्रदेश, गृह जिला में भी कोई उपलब्धि हासिल नहें कर पाए हैं[७] अत्याधुनिक ड्रीम लाईनर कि दुर्दशा भी देखी जा रही है [८ ]यहाँ तक कि माननीय न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करके टिकेट्स के रेट्स पर कोई नियंत्रण नही बनाया जा सका है|ऐसे में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पहले अपने गिरेबान में झांक कर अपने घर को सुरक्षित करना जरूरी है

चौधरी चरण सिंह को ११० वी जयंती पर रालोद और भाजपा ने अर्पित किये श्रधासुमन

चौधरी चरण सिंह को ११० वी जयंती पर रालोद और भाजपा ने अर्पित किये श्रधासुमन

मेरठ से उभरे [ पूर्व ]प्रधानमंत्री [स्वर्गीय] चौधरी चरण सिंह की ११०वी जयंती पर आज अनेकों कार्यक्रम हुए |चौधरी साहब की अपनी राजनितिक पार्टी जो अब रालोद के नाम से पंजीकृत है और भाजपा ने मेरठ की कमिशनरी चौक पर अपने प्रिय नेता को श्रधान्जली अर्पित की|
रालोद ने कमिशनरी चौक पर चौधरी साहब की मूर्ति के समक्ष हवन किया| इसमें पूर्व प्रधान मंत्री के पुत्र चौधरी अजित सिंह [नागरिक उड्डयन मंत्री] की रालोद से जुड़े चौधरी यशवीर सिंह,डाक्टर राजकुमार सांगवान,मुकेश जैन [पेट्रोल पम्प वाले]हाजी याकूब कुरैशी,हाजी इमरान,रणवीर राणा,राहुल,धीरज,नरेश आदि शामिल हुए|
उधर इस चौराहे पर स्थापित चौधरी चरण सिंह की आदम कद मूर्ति पर भाजपा के नेताओं ने माल्यापर्ण करके अपने श्रधा सुमन अर्पित किये | भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, छावनी विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल,आदि उपस्थित थे|

चौधरी अजित सिंह के राजनीतिक रडार पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच भी आ गई है

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के राजनीतिक रडार पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की मेरठ के लिए खंडपीठ (बेंच) भी आ गई है| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद मेरठ में एयरपोर्ट के लिए प्रयासरत चौधरी अजित सिंह अब अपने राजनीतिक प्रभावी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ (बेंच) के लिए सक्रिय हो गए हैं। जाहिर है कि मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच के मुद्दे को स्पोर्ट करके रालोद प्रमुख ने प्रदेश सरकार के लिए सरदर्दी बड़ा दी है|
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकीलों व वादकारियों की लगभग तीन दशक पुरानी मांग को पूरा कराने के लिए उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार का दरवाजा खटखटाया है। कानून मंत्री से मुलाकात के बाद चौधरी अजित सिंह इस मामले में सकारात्मक नतीजे की उम्मीद लगाए हुए हैं।
हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार से मुलाकात कर अजित सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की मेरठ में बेंच स्थापित करने की कई वजह गिनाईं। [१]इलाहाबाद हाई कोर्ट में जितने मुकदमे चल रहे हैं, उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी ज्यादा मामले हैं। [२], 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच समेत) में 99 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। [३]लखनऊ बेंच समेत इस हाई कोर्ट में 160 जजों के स्वीकृत पदों में से लगभग आधे खाली पड़े हैं।

चौधरी अजित सिंह


गौरतलब है कि मेरठ में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ की मांग तीन दशक पुरानी है। कई बार लंबे आंदोलन हो चुके हैं। एक बार तो दाताराम शिंगल [अब स्वर्गीय] आदि के संचालन में जेल भरो आन्दोलन भी चलाया जा चुका है| एक कमीशन भी इसकी संस्तुति काफी पहले कर चुका है। खंडपीठ की स्थापना में सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और उम्मीद है कि सरकार लगभग 30 साल पुरानी इस मांग को पूरा कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करेगी।
अजित सिंह की इस सक्रियता को रालोद की तरफ से लोकसभा की चुनावी तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल में संघर्ष समिति के चेयरमैन अशोक शर्मा +संयोजक सुधीर पवार+ एम पी शर्मा+गजेन्द्र सिंह धामा, जितेन्द्र मोहन शर्मा आदि शामिल रहे।
बताते चलें कि पिछले दिनों छेत्र में राजनीतिक पकड़ के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के बीच एक अघोषित जंग जारी है| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय मेरठ के अलावा प्रदेश में एयर पोर्ट विकसित करने में इच्छुक है मगर मंत्रालय को प्रदेश सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही|उलटे इस पहल का मज़ाक उड़ाया जा रहा है|काबिना मंत्री श्री आज़म खान राम पुर में एयर पोर्ट की जरुरत बताते हैं तो अखिलेश यादव भी मेरठ के बजाय इस्टर्न यूं पी को प्राथमिकता दिए जाने की वकालत करते नजर आते हैं|
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगाने पर अब मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच की दशकों पुराणी मांग को पुनः उठा कर प्रदेश सरकार के लिए सरदर्दी बड़ा दी है|