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शीला दीक्षित का जंतर मंतर पर विरोध यह बताने में पर्याप्त है कि व्यवस्था बदलने को त्वरित कदम उठाने की घड़ी आ गई है

शीला दीक्षित का जंतर मंतर पर विरोध

दुष्कर्म की शिकार फिजियोथेरेपिस्ट को श्रद्धांजलि देने जंतर-मंतर पर सुरक्षाकर्मियों के साथ पहुंची मुख्य मंत्री शीला दीक्षित का जिस तरह विरोध हुआ है गुस्से से भरे नारों के कारण एक मुख्य मंत्री को मोमबत्ती जला कर शीश नवा कर ही ओपचारिकता निभा कर लौटना पड़ा उसे देखते हुए यह कहना आवश्यक हो गया है कि वाकई अब परबत सी पीर पिघलने लगी है आग सबके सीने में सुलगने लग गई है इसीलिए शासन और प्रशासन को व्यवस्था को बदलने की दिशा में त्वरित कदम उठाने की घड़ी आ पहुंची है|
।इससे पहले शीला दीक्षित ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से लोगों को इंडिया गेट जाने की इजाजत देने की मांग की। शीला दीक्षित ने गृह मंत्री से आग्रह किया कि आम लोगों को आज इंडिया गेट जाने की इजाजत दी जाए। लोग आज पीड़ित लड़की की मौत से बेहद सदमे में हैं और इंडिया गेट जाकर उसे श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता की मौत के बाद दिल्ली में धारा १४४ लगा कर दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट और उसके आसपास के क्षेत्रों को आम जनता के लिए सील कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद सैंकड़ों लोग इन स्थानों पर जमा हो गए |.
जंतर मंतर पर लोगों के छोटे-छोटे समूह इस घटना पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, और सैंकड़ों लोग सड़कों पर बैठकर लेट कर हाथों में प्ले कार्ड्स लेकर मुह पर काली पट्टी बाँध गत 16 दिसम्बर को दुष्कर्म का शिकार हुई 23 वर्षीय लड़की की मौत का दुख मना रहे हैं|
. भीड़ में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए जिनमें युवा पुरुषों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक दिखाई दी कुछ लोग उदास और परेशान लग रहे हैं, तो कुछ लोग इस घटना को लेकर काफी गुस्से में दिखाई दिए. बहुत से लोग पीड़िता को श्रद्धांजलि देने के लिए हाथों मे फूल लेकर पहुंचे.उत्तर प्रदेश की रहने वाली लड़की फिजियोथैरेपी प्रशिक्षु थी अस्थिर स्थिति के बावजूद लड़की को सिंगापुर भेजे जाने के सरकार के फैसले से नाराज लोग इसे विलंबित और राजनीती से प्रेरित कदम बता रहे हैं|.सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के अधिकारियों द्वारा लड़की की मौत की घोषणा करने से पहले दिल्ली पुलिस ने शहर में प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैंकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया था. पुलिस ने बताया कि राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट की तरफ जाने वाले सभी मार्गो को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है.दिल्ली यातायात पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘सभी लोगों को इन मार्गो का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी जाती है.’ इसके अलावा पुलिस के आग्रह पर दिल्ली मेट्रो ने भी 10 स्टेशनों को बंद कर दिया है. बंद किए गए 10 स्टेशनों में प्रगति मैदान, मंडी हाउस, बाराखम्बा रोड, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, रेस कोर्स, जोर बाग और खान मार्किट शामिल हैं.अधिकारी ने यह भी बताया कि हालांकि राजीव चौक और केंद्रीय सचिवालय पर यात्री एक लाइन से दूसरी लाइन की ट्रेनें बदल सकेंगे. लेकिन किसी को भी इन स्टेशनों के अंदर जाने और उनसे बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगीपुलिस सूत्रों ने बताया कि यह कदम शहर के प्रमुख स्थानों पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए उठाया गया है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता रंजन भगत ने कहा कि लोग संसद से लगभग एक किलोमीटर दूर जंतर मंतर और राम लीला मैदान पर प्रदर्शन कर सकते हैं.
श्रन्धाजली देने ई एक राजनेता का विरोध बेहद अप्रिय घटना है मगर यह एक सन्देश भी प्रसारित कर रहा है|यहाँ में एक और वीभत्स घटना का उल्लेख करना चाहूंगा|वर्ष १९७८ में भाई बहन संजय गीता चोपड़ा का अपहरण करके मर्डर किया गया था रंग बिल्ला नाम से मशहूर दोनों अपराधी पकडे गए और देश में आक्रोश की लहर फ़ैल गई दोनों को फांसी की सज़ा सुनाई गई लेकिन न्यायालय प्रक्रिया में चार साल लग गए |१९८२ में सज़ा का पालन हुआ और दोनों बालकों की याद में वीरता पुरूस्कार भी चलाये गए लेकिन क़ानून व्यवस्था में कोई कसाव नहीं दिखाई दिया उसी के परिणाम स्वरुप अपराध होते रहे और अब १६ दिसंबर को यह घ्रणित अपराध हुआ बेशक अपराधी पकड़ने के दावे किये जा रहे हैं और उन्हें सजा भी हो जाए मगर राजनीति को संसद की परिधि तक सिमित रख कर वर्तमान कानून का ही पालन कराने में यदि चुस्ती फुर्ती दिखाई जाये तो शायद भविष्य में इस प्रकार के अपराधी हतोत्साहित हो सकेंगे और क्राईम ग्राफ गिरेगा