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जनरल वी के सिंह ने किसानो के मसीहा रालोद के प्रभावी छेत्र और सपा के की रियासत में धरने का हल चला कर गन्ना किसानो के हक़ के बीज बोये

जनरल वी के सिंह ने किसानो के मसीहा रालोद के प्रभावी छेत्र और सपा के की रियासत में धरने का हल चला कर गन्ना किसानो के हक़ के बीज बोये

जनरल वी के सिंह ने किसानो के मसीहा रालोद के प्रभावी छेत्र और सपा के की रियासत में धरने का हल चला कर गन्ना किसानो के हक़ के बीज बोये

[ मेरठ] सेवानिवृत सेनाध्यक्ष वी के सिंह ने किसानो के मसीहा रालोद के चौधरी अजित सिंह के प्रभावी छेत्र और सपा के मुलायम सिंह यादव की रियासत में धरने का हल चला कर गन्ना किसानो के हक़ के बीज बोये|:राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले किसानों ने २६ फरवरी मंगलवार को कमिश्नरी पार्क पर अनिश्चित कालीन डेरा डाल दिया है।इस अवसर पर जय जवान जय किसान का नारा देते हुए किसान और जवान की एक सेना बनाने का भी एलान किया गया|
उधर, उप गन्ना आयुक्त बीवी सिंह का कहना है कि किसानों से धरना समाप्त करने का आग्रह किया गया है। आठ मार्च को बीएम सिंह को पक्ष रखने को बुलाया है।
कमिश्नरी के सामने स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क में किसानों की मांगों को लेकर मंगलवार से शुरूहुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अनिश्चितकालीन धरने के दौरान पूर्व जनरल वीके सिंह ने कहा कि देश के अस्सी फीसदी वोटर किसान हैं। इसके बाद भी दिल्ली लखनऊ के सिंहासन पर बैठने वाले लोग किसानों के साथ न्याय नहीं करते। देश में सबसे ज्यादा पीड़ित किसान ही है। किसानों को उनकी फसलों के दाम तय करने का भी हक नही है। ऐसे में वक्त आ गया है कि किसानों को संगठित हो जाना चाहिए। उन्होंने किसान सेना के गठन का ऐलान करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त फौजियों और किसान नौजवानों को संगठित करके एक किसान सेना का गठन किया जाएगा। जो केवल किसानों के हकों की लड़ाई शांति के साथ लड़ेगी।
हराष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांग पूरी नही करेगी। धरना जारी रहेगा। इसके लिए अगर दस बीस साल भी लगे तो उन्हे परवाह नही है। मांगों में मुख्यत मय ब्याज गन्ना भुगतान, नियमित बिजली सुविधा, सी रंगराजन आयोग की रिपोर्ट लागू करना आदि हैं। मंच संचालन मेजर डाक्टर [सेवानिवृत]हिमांशु ने किया
कार चोरी
कमिश्नरी पार्क में शुरू हुए धरने के दौरान भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में ही वाहन चोरों ने अपना करतब दिखा दिया। पार्क के बाहर पुलिस फोर्स के बीचों बीच खड़ी मारुति 800 चोरी हो गई। किसानों ने मंच से कार चोरी की जानकारी देते हुए पुलिस फोर्स से कार बरामद करने को कहा। लेकिन पुलिस के कानों पर जूं नही रेंगी।
किसान के बेहोश
होनेपर मची अफरा-तफरीपीलीभीत के किसान जगमोहन पार्क के बाहर अचानक ही बेहोश होकर गिर पड़ा जिससे धरना स्थल पर अफरातफरी मच गई। बाद में पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया तो पता चला कि उसे दौरा पड़ गया था।

कैबिनेट ने लोक पाल के संशोधनों को ओ के किया मगर विपक्ष और जन लोक पाल के पुरोधाओं ने कहा “नो “

कैबिनेट ने लोक पाल को ओ के किया

कैबिनेट की बैठक में आज संशोधित लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी गई है |अब इसे राज्य सभा में पेश किया जाएगा|विपक्ष और स्वयम सेवी संस्थाओं के साथ ‘आप ‘ने भी इसे नकार दिया है|
इस संशोधित लोकपाल बिल में कई तब्दीलियां हुई हैं| बिल के लिए बनी सेलेक्ट कमिटी ने 16 सुझाव दिए थे इनमें से 14 सुझावों को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी.

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी

ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि कैबिनेट ने लोकपाल बिल में 16 में से 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी है| लोकपाल में किसी पार्टी के सदस्य नहीं होंगे|सरकारी अनुदान से चलने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में आएंगे| अब केन्द्र सरकार लोकपाल बनाएगी जबकि राज्य सरकार को लोकायुक्त संशोधित लोकपाल बिल में लोकपाल को खुद संज्ञान लेने का अधिकार होगा.कुछ शर्तों के साथ

प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा गया है.

सीबीआई को लोकपाल के दायरे में रखने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.

लोकपाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री, स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष और देश के मुख्य न्यायाधीश मिलकर करेंगे. लोकपाल की नियुक्ति पर

राष्ट्रपति अंतिम मंजूरी देंगे.

राजनीतिक पार्टियां लोकपाल के दायरे में नहीं होंगी. धार्मिक संस्थान भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखे गए हैं. सरकारी मदद लेने वाले एनजीओ भी लोकपाल के दायरे में नहीं रहेंगे.बिल पास होने के 1 साल बाद सभी राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाएंगी। इन संसोधनों के बाद से सभी धार्मिक संस्थाएं और राजनीतिक दल भी लोकपाल से बाहर होगे मगर श्री सामी ने जोर देकर कहा है कि

बाबा राम देव का ट्रस्ट धार्मिक नहीं है इसलिए वह लोक पल के दायरे में जरूर होगा |इस लोक पाल के स्वरुप का विरोध भी शुरू हो गया है|

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह

पहले ही कह चुके हैं कि अगर अन्ना हजारे वाला जन लोक पाल नहीं आया तो देश में एतिहासिक क्रान्ति होगी|

बीजेपी

एक ऐसा लोकपाल चाहती है जो सरकार के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो। सीबीआई को लोकपाल के दायरे से अलग रखने के फैसले पर बीजेपी ने ऐतराज जताते हुए कहा है कि सीबीआई को एक निष्पक्ष संस्था के तौर पर काम करना चाहिए, उसे लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। जबकि मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे

अन्ना बाबू राव हजारे

ने लोकपाल बिल में बदलावों को खारिज करते हुए पटना में कहा कि जनलोकपाल को लेकर सरकार नाटक कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्वयत्ता देने की मांग करते हुए कहा कि वे अपनी जनलोकपाल की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एक सशक्त जनलोकपाल विधेयक नहीं लाती।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल

ने मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं लाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और जोर देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून से भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आपको ऐसा लोकपाल क्यों चाहिए? जो एजेंसी भ्रष्टाचार को रोकेगी नहीं, बल्कि बढ़ाएगी और मंत्रियों को बचाएगी, उस पर क्या बात की जाए। सिर्फ लोकपाल शब्द का इस्तेमाल कर देने में हमारी कोई रुचि नहीं है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार ने देश के लोगों की राय का समर्थन नहीं किया है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।यह कहते हुए कि देश के लोग भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि से परेशान हैं, उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इस मुद्दे पर जो पहल की गई है उससे वे खुश हैं, लेकिन सरकार ने क्या हमारे विचारों का समर्थन किया है?

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर सेना की घुसपैंठ :मेजर पकड़ा गया :सेना ने इसे गलतफहमी बता कर माफी मांगी

आर्मी जनरल से एक्टिविस्ट बने रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर में सेना के ही एक मेजर को बिना पूर्व सूचना के भेजे जाने पर हंगामा हो गया| इस कुप्रयास को चोरी और जासूसी की कोशिश बताया जा रहा है जबकि सेना ने इसे गलतफहमी बता कर माफी मांग ली है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना के मेजर रैंक के एक युनिफार्म्ड ऑफिसर आर विक्रम सिंह को पकड़ लेने के बाद पुलिस को खबर की गई। हालांकि थोड़ी देर बाद ही सेना ने इसे गलतफहमी का मामला बताते हुए जनरल सिंह से माफी मांग ली।पूर्व सेना प्रमुख के राजधानी दिल्‍ली के कैंटोनमेंट एरिया स्थित आवास में चोरी की कोशिश की खबर करीब चार बजे आई। अनधिकृत तौर पर दो-तीन लोग पूर्व सेना प्रमुख के आवास में घुसे थे। आरोप लगाया गया है कि इन्हें चुपके से कुछ दस्तावेज निकालते पाया गया। हालांकि वे कुछ निकाल नहीं पाए, उन्हें पहले ही देख लिया गया। सुरक्षा कर्मियों और परिवार के सदस्यों ने मिलकर उनमें से एक शख्स को पकड़ लिया। यह शख्स थे मेजर आर विक्रम। वह सेना की वर्दी में थे। पुलिस को सूचना दे दी गई।

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर सेना की घुसपैंठ

जनरल सिंह के परिवार ने इस घटना के पीछे किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया।
कहा जाता है कि दूध का जला छाज भी फूंक फूंक कर पीता है और यह अब सर्वविदित ही कि सेना में कार्यकाल के दौरान जनरल को उनकी जन्म तिथि को लेकर परेशां किया गया उसके बाद अब उनकी सुरक्षा वापस ली गई और फिर सेना से जुड़े लोग इस तरह घर में बिना किसी सूचने के घुसते पाए गए, उसे देखते हुए परिवार का कहना था कि इस मामले में सरकार की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

सेना का रिएक्शन

सेना ने इस पूरे मामले को गलतफहमी का नतीजा बताते हुए कहा कि जो लोग जनरल वी के सिंह के घर भेजे गए थे, वे सिगनल कोर 1, टीमके थे। यह टेलीफोन एक्सचेंज सेटअप का सामान्य मामला था, मगर जनरल सिंह के घर तैनात सुरक्षाकर्मियों को समय पर सूचना नहीं दी जा सकी। इस वजह से यह विवाद हो गया। सेना ने इस गलतफहमी के लिए अपनी गलती मानते हुए जनरल सिंह से बाकायदा माफी मांग ली। फिर मेजर आर विक्रम को जनरल सिंह के घर से जाने दिया गया। पकड़ा गया

जेड सिक्युरिटी हटा कर सेना अपने पूर्व जनरल वी के सिंह को सहायक उपलब्ध करा कर शिष्टाचार निभाएगी

Retd.General V K Singh

आर्मी जनरल से सोशल एक्टिविस्ट बने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह से बेशक जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था हटा लेने की घोषणा कर दी गई है मगर भारतीय सेना अपने सेना के ‘‘शिष्टाचार’’ को निभाते हुए अपने इस अधिकारी को सेना कुछ सहायक उपलब्ध कराएगी जो रोजाना के कामकाज में उनकी मदद करेंगे ।
समाचार एजेंसी भाषा ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जनरल वीके सिंह को सहायक के रूप में कुछ कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे जो रोजाना के कामकाज में उनकी सहायता करेंगे । यह शिष्टाचार पूर्व सेना प्रमुखों और रेजीमेंटों के पूर्व कर्नलों को मिलता है । लेकिन श्री सिंह के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होंगे ।

जनरल से एक्टिविस्ट बने वी के सिंह से Z Category वापिस होगी

केंद्र सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मुहय्या करवाया गया

Retd. General V kK S ingh &Baba Ram dev

Category सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है. श्री सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं. सूत्रों सेप्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है.सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को रक्षा मंत्री एके एंटनी से नौ महीने का सेवा विस्तार मांगे जाने के बाद 30 नवंबर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में ठहरने की अनुमति मिली थी.|
दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में बाबा रामदेव के साथ जनरल सिंह का नाम भी दर्ज किया है.अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया.|
सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है.नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी.अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वह अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए
इस मामले में .बताया जा रहा है कि जनरल सिंह कोई राजनीती नही कोई अपराध नहीं वरन सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हैंऔर जेड प्लस सिक्युरिटी तो विपक्ष के नेताओं को भी मिला है इसका मतलब है उन्हें किसी मुद्दे पर बात करने का हक नहीं है| सेवाकाल में जनरल द्वारा केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और जनरल कोर्ट भी गए थे लगता है की केंद्र सरकार ने मौजूदा डेवलपमेंट को जनरल के विरुद्ध एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में देर नहीं लगाई है| एक तरफ तो कांस्टेबिल सुभाष तोमर की ह्त्या में अरविन्द केजरीवाल की “आप” के कार्यकर्ता चमन को आरोपित करके आप पर निशाना साधा गया है तो इसके साथ ही जनरल वी के सिंह की सरकार विरोधी उडान को भी हतोत्साहित करने का प्रयास किया है| फिलहाल जनरल ने सिक्योरिटी विड्रावल के तरीकों पर निराशा प्रगट कर दी हैक्योंकि यह सुविधा पूर्व में जीवन पर्यंत की गई सेवा के फलस्वरूप दी जाती है| वैसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन की एक्टिविस्ट किरण बेदी का कहना है की जनरल को सुरक्षा की क्या जरुरत है?