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डॉ मन मोहन सिंह ने अल्प संख्यकों के कल्याण के लिए योजनाएं क्या घोषित की विज्ञान भवन में घरेड़ पड़ गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये क्या गुंडा गर्दी हो रही है देख तो हसाडे सोणे ते मन मोहने प्रधान मंत्री ने विज्ञान भवन में नेशनल वक़फ़ डेवलपमेंट कारपोरेशन (NAWADCO) के कार्यक्रम में अल्प संख्यकों के कल्याण के लिए एक से बढ़ कर एक बढ़िया योजनाएं घोषित कर रहे थे तो एक विरोधी धड़े के डॉ फहीम बैग को बदहजमी हो गई और लग गया भाषण में घरेड़ डालने ओये श्री मति सोनिए गांधी ने भी अल्प संख्यकों के विकास के लिए राशि को १० गुना करने की बात कही थी लेकिन हम लोग इन घरेड़ों से डरने वाले नहीं हैं अल्प संख्यकों के के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम करते ही रहेंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणा अल्प संख्यक तो खुद ही खैरात बांटने में विशवास करते हैं इसीलिए अल्प संख्यकों को चुनावी दौर में खैरात नहीँ बल्कि उनका हक मिलना चाहिए| देश में ४.९ लाख वक्फ प्रोपर्टीज पंजीकृत हैं और बद इंतजामी के कारण जस्टिस सच्चर कमेटी के अनुसार इनसे १२०० करोड़ रुपयों की आय के बजाय केवल १६३ करोड़ की आय ही हो रही है|इसीलिए वर्त्तमान में उपलब्ध योजनाओं को ही समय और सलीके से लागू किया जाये तो अल्प संख्यकों की हालात सुधर सकती हैं

राहुल गाँधी ने सी आई आई में दिखा दिया है कि देसी समस्याओं को समझने में उन्होंने पी एच डी कर ली है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे पी एम् इन वेटिंग राहुल गाँधी ने उद्योगपतिओ के संघ सी आई आई के सम्मलेन में कैसे भाजपाई बड बोले नरेन्द्र मोदी के विकास माडल को आईना दिखा दिया| राहुल जी ने जनता की सत्ता जनता के हाथ देने की पुरजोर वकालत शुरू कर दी है|इस मंच पर अपने सोणे मन मोहने पी एम् की बाद अब वुड बी पी एम् राहुल जी ने दिखा दिया है कि देश की समस्याओं को समझने में उन्होंने पी एच डी कर ली है|

झल्ला

हां मेरे चतुर सुजाण जी वाकई आपके वर्तमान और वुड बी दोनों पी एम् ने बेहद सलीके से देश के सामने मुह बाय खडी समस्यायों को उजागर किया है|लेकिन समस्यायों का हल भी बता कर उस पर अमल शुरू करवा देते तो ज्यादा अच्छा होता|आअप जी के प्रधान मंत्रियों ने अंतिम नागरिक तक अपनी मदद का हाथ पहुंचाने की जरुरत पर जोर दिया है लेकिन इनकी ठीक नाक के नीचे [१] बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर १० लाख असहयोगी दिल्ली वासिओं की आवाज को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है |[२]इसके अलावा इस टाईमिंग में पेट्रोल के बाद अब चीनी के दामो को भी बाज़ार के हवाले कर दिया गया है |यानि १९६३ से कंट्रोल की जा रही चीनी को सरकार अब बाज़ार भाव से खरीद कर बांटेगी अर्थार्त [१] राहुल गांधी का रास्ता साफ़ करने के लिए कृषि मंत्री शरद पवार की पकड़ से चीनी मिलें बाहर[२] चीनी मीलों को फायदा [३]एक और घोटाला के लिए जमीन तैयार ?