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Tag: डी जी सी ऐ

सुप्रीम कोर्ट ने एयर लाइन्स की हवाई गिरी को झटका देकर ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर रोक लगाई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक हवाई यात्री

ओये झल्लेया मुबारकां ओये अब एजेंटों के माध्यम से हवाई जहाज़ का टिकेट बुक कराना सस्ता हो गया है अब एजेंट के द्वारा टिकेट बुक कराने पर ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी पड़ेगी | सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी नाम से ग्राहकों से ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर कडाई से रोक लगा दी है|बैसिक किराए के बेतरतीब अंतर पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय का हथौड़ा चला दिया है|ओये अब इन एयर लाइन्स की हवाई गिरी नहीं चलने वाली |

एयर लाइन्स की ट्रांजैक्शन फीस वसूली पर रोक

झल्ला

हाँ साहब जी पहले एयर लाइन्स यात्रियों के खींचने में बुकिंग या ट्रेवेल एजेंटों को कमीशन दिया करती थीउस कमीशन को बंद कर दिया गया तब इन्ही एयर लाइन्स ने ग्राहकों से ट्रांजैक्शन फीस वसूली शुरू कर दी|इसकी शिकायत किये जाने पर नागरिक उड्डयन नियामक [डी.जी.सी.ऐ] ने 17 दिसंबर को सर्कुलर जारी करके अपना मुह और ऑंखें दूसरी तरफ मौड़ ली \नतीजतन ये ट्रांजैक्शन फीस के नाम से की जा रही अवैध वसूली जारी है|अब डी जी सी ऐ का काम न्यायलय ने कर दिया है |न्यायमूर्ति डीके जैन व न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की पीठ ने इस पर यह कहते हुए नाराजगी भी जताई है कि डीजीसीए अपने ही परिपत्र [सर्कुलर] को लागू नहीं करा पा रहा है|इसके लिए पीठ को धन्यवाद
डी जी सी ऐ की अनदेखी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक हथौड़े से एक बात तो साफ हो चली है कि उड्डयन छेत्र में सब कुछ साफ़ नही है|कुछ कोहरा जरूर है|जर्मन फायनेंसर डी वी बी ने फेवोरोटिस्मके आरोप लगा कर डी जी सी ऐ को कटघरे में खड़ा कर दिया था |अब कोर्ट ने डी जी सी ऐ की खिंचाई करके भ्रष्टाचार के कोहरे को साफ कराने का सराहनीय प्रयास किया है लेकिन झल्लेविचारानुसार अब दी जी सी ऐ और मन मानी कराने वाली एयर लाइन्स पर कुछ दंडात्मक कार्यवाही भी जरुरी हो गई है|

किंग फ़िशर एयर लाइन्स के लिए अजित सिंह ने दिखाई आशा किरण

किंग फ़िशर एयर लाइन्स के लिए अजित सिंह ने दिखाई आशा किरण

क़र्ज़ और सरकारी उपेक्षा की लम्बी और अंधी गुफा में धकेली जा चुकी किंग फिशर एयर लाइन्स को आशा की किरण दिखाते हुए : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने २ जनवरी को फिर दोहरा दिया है कि विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस को उड़ान परमिट का नवीनीकरण करवाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को संतुष्ट करना होगा।कम्पनी का टेक्नीकल लायसेंस जीवित है|
किंगफिशर एयरलाइंस के उड़ान लाइसेंस की अवधि सोमवार को समाप्त की जा चुकी है| रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने कहा कि कम्पनी पर ७ ,००० करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है और उसे १० हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। कोई भी बैंक उसे और कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है।
इसी के साथ कम्पनी के कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति प्रगट करते हुए उन्होंने कहा कि कम्पनी के कई महीने से वेतन नहीं पाने वाले कर्मचारियों के बारे में मंत्री ने कहा,कि किंगफिशर के कर्मचारियों से उन्हें[मंत्री]सहानुभूति है।
गौरतलब ही कि कम्पनी के कर्मचारियों की हड़ताल के बाद डीजीसीए ने उसका लाइसेंस निलम्बित कर दिया था। कम्पनी ने 26 दिसम्बर को डीजीसीए को एक प्रस्ताव भेजा था। अजित सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रस्ताव में यह नहीं बताया गया था कि धन कहां से आएगा। कम्पनी के पास उड़ान लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए दो साल की मोहलत है। कम्पनी ने कहा कि वह डीजीसीए द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने की प्रक्रिया में है। विमानन कम्पनी की शुरुआत ५/ २००५ में हुई थी, लेकिन उसे कभी लाभ नहीं हुआ।
बेशक कंपनी को सरकार कोई [बैल आउट पॅकेज ]राहत देने के मूड में नही दिख रही इसके आलावा कोई बैंक भी कर्ज़ देने को तैयार नहीं है लेकिन इसके बावजूद विमानन छेत्र में विमानन सेवा में वृद्धि के लिए सभी दिशाओं से मांग आ रही है |सरकार की महत्वकांक्षी ऍफ़ डी आई की यौजना का भी कोई सकारात्मक नतीज़ा नहीं दिख रहा ऐसे में कुछ निजी कंपनियों कोबाज़ार लूटने की छूट मिली हुई है| आये दिन इंडिगो और स्पाईसजेट आदि कंपनियों की सस्ती सेवा के गुणगान करके उन्हें वरीयता क्रम भी बनते जा रहे हैं मगर प्रतिस्पर्द्धा के अभाव में हवाई जहाज़ में[ यह एक उदहारण है ]एक सामान्य वेज समोसा १२०/= में दिया जा रहा है चिंता कि बात तो यह है कि अहज़ में कोई हीटिंग एलिमेंट नही होने के कारण समोसा ठंडा ही सर्व किया जाता है

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

दारू किंग विजय माल्या की कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी है। इससे पहले भी कंपनी ने दोबारा उड़ान भरने की योजना विमानन नियामक के समक्ष पेश की थी जिसे खामियों के चलते डीजीसीए ने खारिज कर दिया था। विजय माल्या की इस एयरलाइंस का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है।और इस कम्पनी का लायसेंस ३१ दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है|अब लायसेंस के पुनरुद्धार[रिन्यू ]कराये बगैर उड़ान संभव नहीं होगी|इसीलिए अब कंपनी बचाने के लिए वित्तीय व्यवस्था करने के साथ अपना लायसेंस बचाना भी जरुरी है|
पिछले हफ्ते ही कंपनी ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है। डीजीसीए ने लाइसेंस नवीनीकरण से पहले कंपनी से पुनरुद्धार योजना मांगी थी। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि किंगफिशर ने उड़ान लाइसेंस दोबारा हासिल करने की पहली शर्त के तहत यह योजना पेश की है। इससे पहले परिचालन ठप्प होने की वजह से डीजीसीए ने 20 अक्टूबर को लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था। उस समय भी नियामक ने एयरलाइंस से परिचालन एवं वित्तीय समस्याओं के संदर्भ में विस्तृत योजना जमा कराने को कहा था। मगर वह ऐसा करने में असफल रही थी।
तब नियामक ने लाइसेंस बहाली के लिए कंपनी को सभी हितधारकों का बकाया भुगतान करने को कहा था। मगर कंपनी इसमें भी नाकाम रही है। सूत्रों के मुताबिक किंगफिशर का लाइसेंस खतरे में है। आमतौर पर पांच साल के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण होता है। मगर किंगफिशर के मामले में स्थिति बिल्कुल अलग है। ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि डीजीसीए पुनरुद्धार योजना को मंजूरी देगा।
कुछ दिनों पहले विजय माल्या ने 17 बैंकों के कंसोर्टियम को बताया था कि वे एयरलाइंस का सीमित परिचालन शुरू करने के लिए 425 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इन बैंकों का किंगफिशर पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज है।किंग फ़िशर अभी तक विदेशी निवेशकों को आकर्षित नहीं का पाई है पहले रियाद की एक कम्पनी द्वारा ३००० करोड़ के निवेश की बात कही जा रही थी मगर अभी तक वह फायनल नहीं हुई है| यूं बी ग्रुप द्वारा सवा छह सो करोड़ का निवेश करने के बात कही जा रही है मगर विदेशी निवेश के अभाव में यह पूंजी भी अपर्याप्त समझी जा रही है|

किंग फिशर की एयरलाईन्स २१ दिन तक घिसटने के बाद आज क्रैश हो गई|

:किंग फिशर विजय माल्या की एयर लाईन्स लगातार २१ दिन तक घिसटने के बाद आज क्रैश हो ही गई| नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज शनिवार को इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया है ।एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए का यह फैसला अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।यह लायसेंस का सस्पेंशन है टर्मिनेशन नहीं है
डीजीसीए ने कारण बताओ नोटिस भेजकर किंगफिशर से जवाब मांगा था लेकिन किंगफिशर अपने जवाब से डीजीसीए को संतुष्ट नहीं कर पाई। कर्ज में डूबी किंगफिशर को एकदिन के परिचालन में आठ करोड़ का नुकसान हो रहा था,जबकि परिचालन न करने पर उसे चार करोड़ का नुकसान हो रहा था.इसलिए कंपनी ने वेतन मामला सुलझाने के बजाये परिचालन को पूरी तरह रोक दिया था|तालाबंदी को चौथी बार बढाया गया | डीजीसीए का कहना है कि रिवाइवल प्लान सौंपने तक किंगफिशर की फ्लाइट्स उड़ानें नहीं भर पाएंगी। डीजीसीए ने कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा था लेकिन किंगफिशर इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इसके अलावा किंगफिशर ने लॉकआउट भी 23 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। इन सब कारणों से डीजीसीए अगले आदेश तक एयरलाइंस का लाइसेंस सस्पेंड करने का फैसला किया है।

किंग फिशर की एयरलाईन्स २१ दिन तक घिसटने के बाद आज क्रैश हो गई|


गौरतलब है कि वेतन न मिलने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस के पायलट और इंजिनियर हड़ताल पर चले गए थे और इसके बाद एयरलाइंस को अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। एयरलाइंस ने तालाबंदी का भी ऐलान कर दिया था जिसे तीन बार बढाया जा चुका है| इससे डीजीसीए ने नाराज होकर यह कदम उठाया है. इसके पहले, किंगफिशर ने अपनी तालांबदी की अवधि को 20 अक्टूबर से बढ़ाकर 23 अक्टूबर कर दिया। किंगफिशर पिछले 21 दिन से जारी गतिरोध को सुलझा पाने में विफल रही है। उसके पायलट और इंजीनियर सात माह से वेतन नहीं मिलने के विरोध में हड़ताल पर हैं।डीजीसीए ने विजय माल्या की अगुवाई वाली कंपनी को 5 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था क्यों न उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द कर दिया जाए, क्योंकि वह अपनी उड़ान समयसारिणी का पालन नहीं कर रही है और बार-बार मनमाने तरीके से उड़ानें रद्द कर रही है।

केस की हिस्टरी

अव्यवस्थाओं के चलते एक अक्टूबर से कंपनी की उडान बंद हैं| इसके अलावा [१]किंगफिशर कर्मचारी की पत्नी ने फांसी लगा कर जान दे दी है और इसके लिए कम्पनी को दोषी बताया है|’
[२]इससे पहले चेक बाउंस होने पर किंगफिशर एयरलाइंस और उसके चेयरमैन विजय माल्या के नाम गैर जमानती वारंट जारी कर किया जा चुका है। देश की एक अदालत के विशेष मजिस्ट्रेट ने 10.5 करोड़ रुपए के चैक बाउंस मामले में माल्या के अदालत में पेश न होने की वजह से यह कार्रवाई की थी। कोर्ट ने किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल सहित चार निदेशकों के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए। मामले की अगली सुनवाई अब पांच नवंबर को होगी। अभी भी आशावाद में जी रही किंगफिशर एयरलाइंस के सूत्रों ने जवाब दाखिल करने के बाद कहा था कि अगर डीजीसीए उन्हें कुछ रियायतें देती है तो ६ नवंबर से उड़ानें शुरू की जा सकती हैं|लेकिन उड़ान के लिए जरूरी खर्चों की व्यवस्था का कोई जरिया नहीं बताया जा रहा है| [अ]ऐ टी ऍफ़ [२]एअरपोर्ट फीस[३]कर्मियों की तनख्वाह आदि के लिए आवश्यक धन के लिए अपनी हेसियत से सात गुना अधिक कर्ज़ में डूबी कम्पनी को वित्तीय सहारा देने कोई आगे नहीं आ रहा है|[का]कर्मचारी बिना वेतन के समझौता करने को तैयार नहीं[खा] विदेशी निवेशक दिखाई नहीं देरहे [गा] देसी बैंकों ने भी हाथ खींच लिए हैं|इस पर भी किंग फिशर अपनी दूसरी कम्पनिओं से पैसा निकाल कर यहाँ लगाने को तैयार नहीं है| ऐसे में कम्पनी की क्रेडिबिलिटी और कर्मिओं का भविष्य कुछ उज्जवल नहीं दिख रहा